झारखंड के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) ने रविवार को भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच मैचों की T20I सीरीज के खिलाफ खेले गए दूसरे मैच में डेब्यू किया। अपने डेब्यू मैच में ही तूफानी बल्लेबाज करने के बाद हर किसी की जुबान पर Ishan Kishan का नाम है। तो आइए आज आपको इस युवा खिलाड़ी की जिंदगी के कुछ खास पहलुओं से रूबरू कराते हैं।
6 साल में ही थाम लिया था बल्ले का हत्था
ये जानकर आपको हैरानी हो रही होगी कि भला 6 साल की उम्र में ही ईशान ने बल्ला पकड़ लिया था। ईशान के हाथ में सबसे पहली बार बल्ला थमाने वाला शख्स अमीकर दयाल थे। छोटी सी उम्र में ईशान अपने पिता के साथ पटना के मोइनुल हक स्टेडियम पहुंचे और सालों साल अमीकर दयाल के क्रिकेट अकेडमी में नेट प्रैक्टिस करते रहे। अमीकर ने ही आज स्टार बन चुके Ishan Kishan को क्रिकेट की ए, बी, सी, डी सिखाई।
ईशान के कोच को आज बहुत फक्र महसूस हो रहा है कि उनके सानिध्य में क्रिकेट का गुर सीखने वाला उनका स्टूडेंट देश और बिहार का नाम रौशन कर रहा है। अपने समय में क्रिकेटर रह चुके अमीकर दयाल का कहना है कि उन्हें तब और ज्यादा खुशी होगी जब T20 के बाद वह ईशान को टेस्ट जर्सी में भारत का प्रतिनिधित्व करते देखेंगे।
कमियों को सुधारने के लिए मेहनत करते रहे Ishan Kishan
बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज Ishan Kishan के कोच अमीकर दयाल बिहार क्रिकेट का बड़ा नाम हैं। उनकी कोचिंग में कई युवा खिलाड़ी बेहतर बनकर उभरे हैं। अमीकर ने ईशान के बारे में बताया कि युवा खिलाड़ी ने 17 सालों तक नेट पर जमकर मेहनत की, जब दूसरे खिलाड़ी चले जाते थे, तब भी ईशान अपनी कमियों को सुधारने के लिए घंटों नेट्स पर प्रैक्टिस करते रहते थे।
ईशान के दोस्तों को भी आज उनपर सीना काफी चौड़ा हो गया है। अकेडमी में ईशान को नेट पर तेज गेंद फेंकने वाले साकेत का कहना है कि उन्हें गर्व है कि उन्हें गर्व है अपने दोस्त पर जिसने अपनी मेहनत और टैलेंट से ना केवल बिहार बल्कि अकेडमी का नाम भी रौशन किया है।
एडम गिलक्रिस्ट रहे ईशान के आदर्श
सचिन, ईशान के काफी अच्छे दोस्त हैं, वह नेट प्रैक्टिस के अलावा पर्सनल लाइव में भी Ishan Kishan के साथ काफी वक्त बिताते हैं। जब ईशान किशन को भारत के लिए खेलने का मौका मिला, तो सचिन ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन भी किया था। रणजी ट्रॉफी खेल चुके सचिन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर और लेफ्ट हैंडेड बैट्समैन एडम गिलक्रिस्ट उनके आदर्श रहे हैं, जिन्हें टेलीविजन पर देखकर उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया।