चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में सबसे पहले लिखा जाना चाहिए इस खिलाड़ी का नाम, लेकिन कप्तान-कोच ने कर रखा है बदनाम
चैंपियंस ट्रॉफी 2025(Champions Trophy 2025) अगले महीने पाकिस्तान और यूएई की मेजबानी में शुरू होगी। टूर्नामेंट के लिए सभी 8 टीमों में से भारत और पाकिस्तान को छोड़कर सभी ने अपनी टीमों की घोषणा कर दी है।
Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अगले महीने पाकिस्तान और यूएई की मेजबानी में शुरू होगी। टूर्नामेंट के लिए सभी 8 टीमों में से भारत और पाकिस्तान को छोड़कर सभी ने अपनी टीमों की घोषणा कर दी है। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम की घोषणा 19 फरवरी को की जा सकती है। आईसीसी इवेंट के लिए एक खिलाड़ी का नाम टीम में होना चाहिए था। लेकिन पूरी संभावना है कि उसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा। अब यह खिलाड़ी कौन है और उसे भारत की टीम में क्यों होना चाहिए था।
यह खिलाड़ी Champions Trophy 2025 में टीम इंडिया में चुने जाने का हकदार
दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के लिए टीम इंडिया में ओपनर के तौर पर शुभमन गिल और रोहित शर्मा जगह तय है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बैकअप ओपनर के तौर पर यशस्वी जायसवाल का नाम तय लग रहा है। यहां जायसवाल की जगह ईशान किशन को मौका मिलना चाहिए था।
अब ऐसा नहीं है कि जायसवाल मौके के हकदार नहीं थे। बल्कि टीम इंडिया के मौजूदा बल्लेबाजों में वे अकेले ऐसे हैं, जो अच्छी फॉर्म में हैं। वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। इसलिए वे जगह के हकदार हैं।
जायसवाल और ईशान किशन को होना चाहिए था चयनकर्ता की पसंद
लेकिन यशस्वी जायसवाल से पहले ईशान किशन वनडे में टीम इंडिया में ओपनर की पसंद थे। उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप में भी जगह बनाई थी। किशन न सिर्फ ओपनिंग कर सकते हैं बल्कि मिडिल ऑर्डर में कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
ऐसे में भारत के चयनकर्ता को गिल को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) से बाहर करके किशन और जायसवाल को ओपनर के तौर पर देखना चाहिए था। क्योंकि गिल अभी बढ़िया फॉर्म में नहीं है। ऐसे में जायसवाल या किशन में से कोई भी ओपनिंग भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन चयनकर्ताओं ने किशन को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है,इसलिए उनका चुना जाना काफी मुश्किल है।
चयनकर्ताओं ने किशन को नजरअंदाज कर दिया
अगर ईशान किशन के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने इस फॉर्मेट में 27 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24 पारियों में 42 की औसत से कुल 933 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने एक दोहरा शतक भी लगाया है। उनका उच्चतम स्कोर 210 रन है। झारखंड के इस खिलाड़ी के लिए ये आंकड़े काफी प्रभावशाली हैं।