साल 2008 में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग आईपीएल (IPL) की शुरुआत की थी। पहले साल से ही 20 ओवर फॉर्मैट की इस लीग ने देश और दुनिया मे मौजूद तमाम क्रिकेट फैंस को अपना दीवाना बना दिया था। ऐसा होता भी क्यों नहीं, हमेशा एक दूसरे के प्रतिद्वंदी के रूप में खेलने वाले क्रिकेटर एक दूसरे के साथ खेल रहे थे। उसके ऊपर से 20 ओवर के ताबड़तोड़ क्रिकेट का तड़का।
आईपीएल (IPL) की शुरुआत ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर को बदल कर कर रख दिया। इस लीग का हिस्सा बनने वाले खिलाड़ियों को बेशुमार पैसा मिलता है, जिसके पीछे का कारण हैं दर्शकों का प्यार और इस लीग में पैसा लगाने वाले स्पॉन्सर। हर साल आईपीएल (IPL) से बीसीसीआई (BCCI) कई हजार करोड़ रुपये का बिजनेस करती है। इसी बीच अगर बात की जाए, आईपीएल(IPL) के टाइटल स्पॉन्सर की तो अब तक आईपीएल (IPL) के 14 सीजन हो चुके है, जिसमें 5 कंपनियों को आईपीएल (IPL) की टाइटल स्पॉन्सरशिप मिली है।
DLF (2008-2012) - 40 करोड़ रुपये
आईपीएल(IPL) टूर्नामेंट के पहले साल में DLF ने 40 करोड़ की सबसे ज्यादा बोली लगाकर चार साल के लिए आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। DLF 1946 में चौधरी राघवेंद्र सिंह द्वारा स्थापित गुरुग्राम स्थित एक रियल-एस्टेट कंपनी है। आईपीएल के साथ DLF का करार साल 2012 में खत्म हुआ था।
Pepsi (2013-15) - 79.2 करोड़ रुपये
ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ी कंपनियों में से एक Pepsico आईपीएल (IPL) की टाइटल स्पॉन्सरशिप पाने वाली दूसरी कंपनी थी। उन्होंने पांच साल के लिए 396 करोड़ रुपये की डील साइन की थी। हालांकि, 2015 में टूर्नामेंट को हिला देने वाले भ्रष्टाचार घोटाले के कारण इस कंपनी ने करार से 2 साल पहले नकारात्मक प्रचार को देखते हुए सॉफ्ट-ड्रिंक निर्माताओं ने अपना नाम वापस ले लिया था।
VIVO (2016-17) 100 करोड़, (2018-19) 440 करोड़, (2021-22) 440 करोड़
Pepsico कंपनी के करार से पहले स्पॉन्सरशिप खत्म करने के बाद चाइनीज मोबाईल कंपनी वीवो (VIVO) को आईपीएल (IPL) टाइटल स्पॉन्सरशिप मिली थी। साल 2016-17 के लिए वीवो ने इसके लिए बीसीसीआई को 100 करोड़ रुपये दिए। 2 साल का कान्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद वीवो ने एक बार फिर 5 साल के लिए आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 2,199 करोड़ की बोली लगाई।
साल 2018-19 में वीवो ने बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपये सालाना दिए। लेकिन भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव के कारण वीवो ने साल 2020 के सीजन से पहले टाइटल स्पॉन्सरशिप वापस ले ली थी। इसके बाद वीवो ने साल 2021 में एक बार फिर वीवो (VIVO) के टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर वापसी की और IPL 2022 में भी वीवो टाइटल स्पॉन्सर होगा।
Dream 11 (2020) - 222 करोड़ रुपये
साल 2020 में वीवो कंपनी के अचानक जाने के बाद ड्रीम 11 कंपनी आईपीएल (IPL) की टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करने वाला चौथा ब्रांड बन गया। टूर्नामेंट से एक महीने पहले वीवो के पीछे हटने के बाद बोर्ड को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद आईपीएल के 13वें सीजन के लिए Dream 11 को आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स मिले। इसके लिए उन्होंने बीसीसीआई को 222 करोड़ रुपये दिए।
Tata group (2023) 440 करोड़
साल 2022 के आईपीएल (IPL) सीजन के बाद वीवो (VIVO) और बीसीसीआई (BCCI) का करार खत्म हो रहा है। इसके बाद साल 2023 के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप भारतीय कंपनी Tata को मिल जाएगी। 11 जनवरी 2022 को आईपीएल गवार्निंग काउंसिल की मीटिंग में इस पर फैसला किया गया था। इसके बाद मीटिंग मे मौजूद आईपीएल गवार्निंग काउंसिल के चेयरमैन ब्रिजेश पटेल ने इसकी पुष्टि की है।