भारतीय क्रिकेट में इन दिनों टैलेंट की बाढ़ आ गई है। कई दिग्गजों का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों में इतना टैलेंट है कि टीम इंडिया की 2 टीमें विश्व की तमाम बड़ी टीमों के साथ टक्कर ले सकती है। ये सभी संभव भारत में क्रिकेट के जुनून के साथ मजबूत प्रबंधन के बूते हुआ है। जिसमें भारतीय घरेलू क्रिकेट की अहम भूमिका रही है।
इसमें सबसे बड़ी क्रांति इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL लेकर आया है। IPL के 15 सीजन ने अबतक टीम इंडिया को कई नगीने दिए हैं, जिन्होंने विश्व क्रिकेट में राज किया है। लेकिन इसी बीच भारतीय चयनकर्ताओं द्वारा घरेलू टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सईद मुश्ताक अली ट्रॉफी को नजर अंदाज किया जा रहा है।
भारतीय सिलेक्टर घरेलू क्रिकेट को कर रहे हैं नजरअंदाज
रणजी ट्रॉफी भारत के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में से एक है, साल 1934 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट ने भारतीय क्रिकेट की विरासत की नींव को संजोया हुआ है। भारतीय खिलाड़ियों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का दरवाजा रणजी टूर्नामेंट की चौखट से होकर गुजरता था।
लेकिन फिलहाल इस टूर्नामेंट की महत्वता में कमी आई है। इसकी वजह खिलाड़ियों का प्रदर्शन नहीं बल्कि बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों की अनदेखी है। जिसके चलते बहुत से प्रतिभावान खिलाड़ी अपने मौके के लिए ठोकरे खाते रहते हैं।
मौजूदा सीजन में मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज है। उन्होंने 5 मैचों में 133 के अविश्वसनीय औसत के साथ 803 रन बनाए हैं। गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम में चयन के दायरे से बाहर रहे है, इस सीजन मुंबई के ही एस मुलानी ने 5 मैचों में 37 विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें वो ख्याति प्राप्त नहीं हुई जिसके वे हकदार थे।
IPL ही बन गया है टीम इंडिया में सिलेक्शन का पैमाना
वहीं दूसरी ओर IPL की बात की जाए तो ताबड़तोड़ क्रिकेट की चंका चौंध से लबरेज इस टूर्नामेंट ने विश्व व्यापी पहचान हासिल की है। दुनिया के तमाम क्रिकेट खिलाड़ी हर साल अपने देश का क्रिकेट त्याग कर इस लीग में हिस्सा लेते हैं। भारतीय क्रिकेटरों और दर्शकों के लिए भी इस टूर्नामेंट की महत्वता कई अधिक है। हाल ही में आईपीएल के मीडिया राइट्स की भी बिक्री हुई थी, जिन्होंने पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए।
बेशुमार पैसा, छोटा फॉर्मेट और शोहरत के लिबास में IPL भारतीय घरेलू क्रिकेट के बाकी टूर्नामेंट को हाशिये पर पहुंचा चुका है। कई खिलाड़ियों को सिर्फ 1 सीजन या कहे कुछ मैचों की बिनाह पर ही टीम इंडिया में जगह मिल जाती है।
इसका हालिया उदाहरण वेंकटेश अय्यर और उमरान मलिक जैसे खिलाड़ी है। जिन्होंने सिर्फ आईपीएल के बूते ही टीम इंडिया में स्थान हासिल कर लिया है। इससे साफ जाहिर है कि IPL के कारण बाकी भारतीय घरेलू टूर्नामेंट का कद घट गया है।