आईपीएल दुनिया के सबसे प्रचलित टूर्नामेंट में से एक है, जब इसका आयोजन होता है तो इसके चर्चे क्रिकेट की दुनिया में जमकर होते है। आईपीएल में कई नियम ऐसे है जो टीमों की चुनौतीयां काफी ज्यादा बढ़ा देते है। आईपीएल में विदेशी खिलाड़ियों का समीकरण बिठाना भी टीमों की उसी चुनौतियों में से एक है। क्योंकि टीमों के लिए सिर्फ 4 खिलाड़ी चुनना मुश्किल होता है।
5 विदेशी खिलाड़ियों को मौका देने के पक्ष में टीमें
आईपीएल के मैचों के दौरान टीमों को अपने प्लेइंग इलेवन में 4 विदेशी खिलाड़ी शामिल करने की अनुमति है। जिसमें टीमों के लिए अपने विदेशी खिलाड़ियों के समीकरण को बिठाना मुश्किल होता है। लेकिन इसी बीच अब खबरे आ रही है की टीमें आईपीएल के दौरान 5 खिलाड़ियों को लेकर खेलना चाहती है।
इनसाइडस्पोर्ट् से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल की कुछ फ्रेंचाइजी आईपीएल मैचों के दौरान टीम की प्लेइंग इलेवन में 4 की जगह 5 विदेशी खिलाड़ियों को मौका देने के पक्ष में हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि कि है कि कुछ आईपीएल फ्रेंचाइजी ने अनौपचारिक रूप से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से अनुरोध किया है कि प्लेइंग इलेवन में 5वें विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया जाए।
आईपीएल टीमों को होता है नुकसान
आईपीएल के नीलामी के दौरान फ्रेंचाईजी विदेशी खिलाड़ियों को बड़ी-बड़ी कीमत में खरीदकर अपने फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनाती है। लेकिन उनके लिए बड़ी चुनौती टूर्नामेंट के दौरान तब होती है जब टीम के प्लेइंग इलेवन में सिर्फ 4 खिलाड़ियों को मौका मिलने की अनुमति होती है।
कभी-कभी ऐसा होता है की टीम बड़े-बड़े खिलाड़ियों को अपने फ्रेंचाइजी का हिस्सा तो बना लेती है लेकिन बीसीसीआई द्वारा बनाए गए समीकरण की वजह से उन्हे प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बना पाती है। उदाहरण के तौर पर हैदराबाद टीम की बात करते है, टीम को इस सीजन होल्डर को मौका देने के लिए जॉनी बेयरस्टो को प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़ा था।
बीसीसीआई के ऐसा नियम बनाने की वजह
दरअसल आईपीएल भारतीय युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का बेस्ट प्लेटफॉर्म है। जहां वह शानदार प्रदर्शन करते हुए खुद साबित करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए दावेदारी पेश कर सकते है। अगर आईपीएल में बीसीसीआई 5 विदेशी खिलाड़ियों को मौका देती है तो भारत के खिलाड़ियों को कम मौका मिलेगा।