IPL: इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल. आईपीएल का आगाज़ साल 2008 में हुआ था, जिसके बाद ये टूर्नामेंट इस तरीके से लोकप्रिय हुआ कि इस समय आईपीएल को पूरे विश्वभर में जाना जाता है. इतना ही नहीं बल्कि इस टूर्नामेंट को विश्व की नंबर वन टी20 लीग भी कहा जाता है.
2008 के बाद से ये टूर्नामेंट हर साल एक नई ऊर्जा और एक नए जोश के साथ आता है. आईपीएल हर साल और बेहतर होता जा रहा है. भारतीय फैंस के लिए आईपीएल किसी त्यौहार से कम नहीं है. इस टूर्नामेंट से दर्शक समेत कई क्रिकेटर्स की यादें बनी हुई हैं. लेकिन इन 14 सालों के दरमियान आईपीएल (IPL) को लेकर कुछ झूटी बातें या कुछ झूटी अफवाह भी फैलाई गई हैं जिससे हम आपको आज रूबरू करवाएंगे.
1) चेन्नई और राजस्थान पर 2 साल का बैन मैच फिक्सिंग की वजह से लगाया गया था
आईपीएल (IPL) की चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को साल 2015 में 2 साल के लिए बैन कर दिया गया था. जिसके चलते दोनों टीमें 2016 और 2017 के सीज़न में आईपीएल का हिस्सा नहीं थे. अब कई लोगों को ऐसा लगता है कि इन दोनों टीमों को बैन मैच फिक्सिंग करने की वजह से किया गया था. लेकिन ये सच नहीं है.
सच तो यह है कि इन दोनों फ्रैंचाइज़ियों को बैन इनके ओनर्स की वजह से किया गया था. जी हां! सीएसके के मुख्य अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान के ओनर राज कुंद्रा को स्पॉट फिक्सिंग के चलते बर्खास्त किया गया था. जिसके चलते बीसीसीआई ने उनकी डोनिन फ्रैंचाइज़ियों को भी 2 साल के लिए बैन कर दिया था.
हालांकि 2018 में दोनों टीमों ने आईपीएल (IPL) में वापसी की थी.आते ही चेन्नई ने 2018 में आईपीएल का अपना तीसरा खिताब जीता था. बता दें कि बैन से आने के बाद चेन्नई की टीम धोनी के नेतृत्व में 2 बार आईपीएल का खिताब जीत चुकी है जबकि राजस्थान रॉयल्स का प्रदर्शन बैन से आने के बाद कुछ खास नहीं रहा है.
2) मुंबई इंडियंस अम्पायरों को खरीदती है
आईपीएल (IPL) की सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस 5 बार आईपीएल का खिताब जीती है. कई आईपीएल फैंस का मानना है कि मुंबई इंडियंस अंपायर को मैच से पहले खरीद लेती है जिसके चलते अंपायर ज़्यादातर मुंबई इंडियंस के पक्ष में फैसला देते हैं. हालांकि ये बात बिल्कुल झूठ है.
मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों के बीच में इतनी अच्छी अंडरस्टैंड इतनी अच्छी केमिस्ट्री है कि हर साल उनकी टीम ज़बरदस्त प्रदर्शन करती है और साल 2013 से लगभग हर 2 साल के अंतराल में आईपीएल (IPL) ट्रॉफी जीतती हुई नज़र आती है. साथ ही मुंबई इंडियंस इतनी ज़बरदस्त फ्रैंचाइज़ी है कि वे अपने खिलाड़ियों का ध्यान बहुत अच्छे तरीके से रखती है.
साथ ही जब मुंबई इंडियंस से निकले खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भी खेलते हैं तो वे वहां भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा मैच के दौरान अंपायर से भी गलती हो जाती है या आप कह सकते हैं कि किसी टीम का लक होता है कि फैसला उनके पक्ष में चला जाता है.
3) आईपीएल को फिक्स लीग मानते हैं लोग
विश्व की नंबर वन टी20 लीग को कुछ लोग आईपीएल (IPL) को फिक्स लीग का करार देते हैं. उनका मानना है कि आईपीएल फिक्स होता है. लेकिन सच कुछ और ही है. आईपीएल पर हमेशा से इस अफवाह का साया रहा है कि आईपीएल एक फिक्स लीग है. जोकि बिल्कुल गलत है.
जिस प्रकार से खिलाड़ी आईपीएल शुरू होने के 2-2 महीने पहले से टूर्नामेंट की प्रैक्टिस करने लगते हैं और मुकाबलों में पूरी जान झोख देते हैं और अगर उनकी टीम हार जाए तो कितने खिलाड़ी मैदान पर ही भावुक हो जाते हैं. ऐसे में आईपीएल को एक फिक्स लीग कहना बहुत बड़ी बेवकूफी है.
भारतीय खिलाड़ियों के अलावा विदेशी खिलाड़ी भी इस लीग में पूरी ईमानदारी के साथ खेलते हुए दिखाई देते हैं. वे इस टूर्नामेंट में कड़ी मेहनत करते हैं. जिससे कितनी बार ये भी देखने को मिला है कि उनके आईपीएल के प्रदर्शन से उनकी मुल्क टीम में उनका सेलेक्शन हो जाता है. यह बातें साफ़ दर्शाती हैं कि आईपीएल को फिक्स लीग कहना एक कोरी अफवाह है और कुछ नहीं.
इसके अलावा बीसीसीआई ने प्लेयर्स फ्रेंचाइज़ियों को मॉनिटर करने के लिए पहले से ही रूल्स एंड रेगुलेशंस लागू कर रखे हैं. खिलाड़ियों और फ्रैंचाइज़ियों की हर एक गतिविधि पर बीसीसीआई की नज़रें होती हैं. जिसका नतीजा हमने चेन्नई और राजस्थान के मालिकों के रूप में देखा है जब उनको और उनकी फ्रैंचाइज़ियों को आईपीएल (IPL) से बैन कर दिया गया था. इसलिए ये सारी बातें इस बात को बयान करती हैं कि आईपीएल फिक्स लीग नहीं है.
4) डेक्कन चार्जर्स ही है सनराइज़र्स हैदराबाद
कुछ दर्शकों को लगता है कि आईपीएल (IPL) की पूर्व फ्रैंचाइज़ी डेक्कन चार्जर्स ही सनराइज़र्स हैदराबाद है. लेकिन ऐसा नहीं है. ये बात सच है कि दोनों फ्रैंचाइज़ी हैदराबाद का ही प्रतिनिधित्व करती हैं लेकिन दोनों अलग-अलग हैं, कैसे? आइये हम आपको बताते हैं.
दरअसल डेक्कन चार्जर्स ने हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करते हुए साल 2008 में शुरुआत की थी, जिसके बाद इस फ्रैंचाइज़ी ने लगातार शुरुआती 5 आईपीएल सीज़न खेले थे, जिसमें इन्होने साल 2009 में आईपीएल का खिताब भी जीता था. लेकिन 2012 तक आते-आते ये फ्रैंचाइज़ी बैंकरप्ट हो गई थी.
जिसके बाद सन टीवी ने इस फ्रैंचाइज़ी को खरीद लिया और साल 2013 में अपनी टीम को एक नए नाम सनराइज़र्स हैदराबाद के साथ आईपीएल में उतारा. वहीं कितने डेक्कन चार्जर्स के प्लेयर को सनराइज़र्स हैदराबाद में शामिल किया गया था. जिसकी वजह से लोगों को आज भी इस बात पर यकीन है कि डेक्कन चार्जर्स ही सनराइज़र्स हैदराबाद है जबकि ये दोनों फ्रैंचाइज़ी अलग-अलग है.
5) क्रिस मॉरिस हैं आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी
आईपीएल (IPL) के इतिहास में अगर कभी-भी सबसे ज़्यादा किसी खिलाड़ी पर बोली लगी है, तो वे हैं दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस. जी हां आईपीएल ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने क्रिस मॉरिस को 16.25 करोड़ रूपये में खरीदा था जिसके चलते लोगों को यकीन हो गया कि क्रिस मॉरिस आईपीएल में आज तक बिकने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी हैं. लेकिन ये झूठ है.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को 2018 में उनकी फ्रैंचाइज़ी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें 17 करोड़ में रीटेन किया था. जिसके चलते वो आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं. दरअसल लोगों का ध्यान ऑक्शन अपनी ओर ज़्यादा आकर्षित करता है. जिसके चलते लोगों का ध्यान फ्रैंचाइज़ियों की रिटेंशन लिस्ट पर नहीं जाता और फिर दर्शक मिसगाइड हो जाते हैं.
तो ये थी आईपीएल की पांच ऐसी अफवाह या झूठी बातें जिसको दर्शक आज भी मानते हैं. बहरहाल, आगामी महीने की 12 और 13 तारीख यानी फरवरी की 12 और 13 तारीख को आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन का आयोजन होने वाला है. साथ ही आगामी आईपीएल सीज़न में 8 की बजाय 10 टीमें खेलती हुई नज़र आएंगी. अहमदाबाद और लखनऊ आधारित फ्रैंचाइज़ी भी इस बार से आईपीएल का हिस्सा होंगी.