IPL 2022: आईपीएल (Umpiring in IPL) में अंपायरिंग का स्तर हर बार सवालों के घेरे में होता है और इस बार भी हाल कुछ ऐसा ही है. क्रिकेट में अगर डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का नियम ना हो तो कई मैचों का नतीजा खराब कि अंपायरिंग के ही भेंट चढ़ जाता. गुजरात टाइटंस और केकेआर के बीच खेले जा रहे मुकाबले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब मैदानी अंपायरों गलती की. ये दफा नहीं है जब ऐसा मामला सामने आया हो इससे पहले भी IPL 2022 के इसी सीजन में अब तक कई खराब अंपायरिंग के मामले देखने को मिल चुके हैं.
GT vs KKR मैच में एक बार फिर दिखी खराब अंपायरिंग
गुजरात टाइटन्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले जा रहे आईपीएल 2022 (IPL 2022) के 35वें मुकाबले में एक बार फिर से खराब अंपायरिंग देखने को मिली. आखिरी ओवर में गेंद आंद्रे रसेल के हाथ में थी और उन्होंने टाइटन्स पर पूरी तरह से प्रेशर बना दिया था. इसी ओवर में उन्होंने 4 विकेट चटकाए. आखिरी विकेट उन्होंने ओवर की छठी गेंद पर लिया. आखिरी गेंद डिलीवर भी रसेल ने ही की और कैच भी उन्होंने ही किया जो स्पष्ट दिखाई दे रहा था.
लेकिन, मैदानी अंपायर इससे संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने इस स्पष्ट दिखे कैच के फैसले को जानने के लिए तीसरे अंपायर की तरफ रूख किया और आखिर में कोलकाता के खिलाड़ियों की अपील सही साबित हुई. लेकिन, एक बार फिर से खराब अंपायरिंग चर्चा में आ गई है. जिसके चलते बार-बार मैच का रोमांच बिगड़ रहा है. इससे पहले 5 अप्रैल को आरसीबी और राजस्थान के बीच खेले गए IPL 2022 मैच में भी गलत फैसला लिया गया था. जिस पर दिग्गज भज्जी जैसे दिग्गजों ने भी अंपायर को खरी-खोटी सुनाई थी.
IPL 2022 के इन 2 मामलों ने खराब अंपायरिंग की वजह से पकड़ा था तूल
5 अप्रैल को खेले गए IPL 2022 मैच में 10वें ओवर के दौरान ये घटना घटी जब RCB के मीडियम पेसर हर्षल पटेल अपना ओवर फेंक रहे थे. यहां 9.5 ओवर के बाद हर्षल पटेल की एक गेंद को अंपायर ने वाइड करार दे दिया. जो पूरी तरह से गलत फैसला था. इसके बाद अगली ही गेंद पर यही नजारा देखने को मिला. जिसकी चौतरफा आलोचना भी हुई थी.
लेकिन, ये मामला नहीं रूका. 11 अप्रैल को एमआई और आरसीबी के बीच खेले गए मैच में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. विराट कोहली अर्धशतक के काफी करीब थे. लेकिन, डेवाल्ड ब्रेविस ने अपने ओवर की पहली ही गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू कर चलता किया. मैदानी अंपायर का ये फैसला काफी ज्यादा विवादों में रहा और इस पर कई लोगों ने नाराजगी भी जताई. इस मामले के बाद 19 अप्रैल को भी IPL 2022 मैच में एक बार फिर अंपायरिंग सवालों के घेरे में आई.
इस मैच में तो पूरी हद ही पारी हो गई. 19 अप्रैल को लखनऊ और आरसीबी के बीच खेले गए इस मुकाबले में ये नाइंसाफी मार्कस स्टोइनिस के साथ हुई जो एलएसजी को जिता सकते थे. जोश हेजलवुड ने 20वें ओवर में एक गेंद वाइड फेंकी. इसके लिए स्टोइनिस ने अंपायर से अपील भी की लेकिन, उन्होंने इसे वाइड गेंद करार देने से मना कर दिया और इसी ओवर की अगली गेंद पर स्टोइनिस बोल्ड हो गए और उन्होंने अंपायरिंग के फैसले पर नाराजगी भी जाहिर की.
अंपायरिंग के स्तर में सुधार करने की है सख्त जरूरत
हालांकि सिर्फ हमने इस आर्टिकल में जिन चंद घटनाओं का हमने जिक्र किया है ये सिर्फ इन्हीं मामलों तक खराब अंपायरिंग सीमित नहीं बल्कि आईपीएल 2022 के खेले गए अब तक 35 मुकाबलों में कई ऐसे वाकया देखने को मिले हैं जिन्होंने हैरान किया है और अंपायरिंग पर सवाल उठाए हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर अंपायरिंग के स्तर में सुधार करने की जरूरत है जो दिनों-दिन लगातार खराब होती जा रही है. इससे ना सिर्फ लोगों पर बल्कि मैच पर भी असर पड़ रहा है.