आईपीएल 2021 (IPL 2021) के टूर्नामेंट से जुड़ी पूरी शेड्यूल लिस्ट जारी हो चुकी है. 7 मार्च को ऑफिशियल तौर पर इस लीग की लिस्ट जारी की गई है, जिसमें कब कौन सा मैच, किस ग्राउंड में कौन सी टीमों के बीच खेला जाएगा, समेत सारी जानकारी दी गई है. ऐसे में ग्राउंड के तौर पर देखा जाए तो एक फ्रेंचाइजी जहां बेहद खुश होगी तो वहीं दूसरी फ्रेंचाइजी बेहद नाराज होगी.
आईपीएल 2021 की जारी हुई शेड्यूल लिस्ट
दरअसल इस साल जारी हुए इंडियन प्रीमियर लीग (Indian premier league) के शेड्यूल के मुताबिक हर टीम को अपने होम ग्राउंड में कम से कम 5 मुकाबले खेलने हैं. इस टूर्नामेंट के लिए कुल 6 स्टेडियम को चुना गया है, अंत के 4 मुकाबले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाएंगे.
पहला मुकाबला बीते दो साल से लगातार चैंपियन रह चुकी मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच खेला जाएगा. इस रिपोर्ट में हम उन 2 टीमों की बात करने जा रहे हैं, जिनमें से एक ग्राउंड को लेकर खुश होगी तो वहीं एक फ्रेंचाइजी खासा दुखी होगी.
पंजाब किंग्स
सबसे पहले इस लिस्ट में बात करते हैं आईपीएल टीम पंजाब किंग्स (Punjab Kings) की, जिसे बैंगलोर का चिन्नास्वामी स्टेडियम दिया गया है. पंजाब को अपने होम ग्राउंड पर कुल 5 मुकाबले विरोधी टीम के खिलाफ खेलने है. बल्लेबाजी के लिए लिहाज से पंजाब इस स्टेडियम को लेकर बेहद खुश होगी.
इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह भी है कि, यहां के ग्राउंड पर पंजाब टीम के खिलाड़ी क्रिस गेल को काफी अच्छा अनुभव है. यहां तक कि इस स्टेडियम में उनका बल्ला भी जमकर चला है. जब-जब उन्हें यहां पर खेलने का मौका मिला है, तब-तब उनके बल्ले से जमकर रनों की बरसात हुई है. इसलिए पंजाब के लिए यह खुशी की बात होगी.
क्रिस गेल के अलावा पंजाब के पास और भी शानदार खिलाड़ी हैं, जिनमें कप्तान केएल राहुल और निकोलस पूरन का नाम शमिल है. जिनका बल्ला इंडियन प्रीमियर लीम में जमकर चलता है.
चेन्नई सुपर किंग्स
चेन्नई सुपर किंग्स मुंबई (chennai super kings) का वानखेडे़ स्टेडियम दिया गया है. अपने इस होम ग्राउंड में सीएसके को आईपीएल 2021 के कुल 5 मुकाबले खेले हैं. लेकिन स्टेडियम के पिच के आधार पर देखा जाए तो चेन्नई बेहद निराश होगी. क्योंकि यहां की पिच पर स्पिनरों का कुछ खास मदद नहीं मिलती है.
सीएसके की टीम बल्लेबाजी क्रम के हिसाब से पहले से ही खासा कमजोर है, ऐसे में टीम को चेन्नई, अमदाबाद या फिर दिल्ली जैसी स्टेडियम की पिचों की आवश्यकता था, जहां पर स्पिनरों का अच्छी मदद मिलती. लेकिन अब वानखेडे स्टेडियम में पिच बिल्कुल प्लेन है, जिस पर गेंदे टर्न ज्यादा टर्न नहीं होती, ऐसे में गेंदबाजी के तौर पर भी टीम को खासा परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
क्योंकि स्पिनरों के दम पर ही सीएसके जीत के लिए उतरती है. इसके अलावा लो स्कोरिंग में सीएसके ज्यादा विश्वास करती थी, और गेंदबाजी के दम जीतती थी, लेकिन वानखेडे में लंबा स्कोर बनाने में टीम को संघर्ष करते देखा जा सकता है.