आईपीएल 2021 में एक बार फिर कई युवा खिलाड़ियों के सपनों को पंख दिए गए। जहां, क्रिस मॉरिस, झाय रिचर्ड्सन, काइली जैमिंसन जैसे खिलाड़ियों पर रिकॉर्ड तोड़ बोली लगी, तो वहीं कई घरेलू युवा खिलाड़ियों को भी फ्रेंचाइजियों ने खरीदा, जिनमें से एक नाम रहा चेतन सकारिया का। इस तेज गेंदबाज को राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदकर टीम के साथ जोड़ा। लेकिन इस बड़ी रकम के मिलने के बाद भी सकरिया का दिल उदास है....
जनवरी में छोटे भाई ने कर ली थी आत्महत्या
आज भले ही सौराष्ट्र के चेतन सकारिया को आईपीएल ऑक्शन में 1.20 करोड़ रुपये की रकम के साथ खरीद लिया गया है, लेकिन उनके दिल में अभी भी खालीपन है। इंग्लिश अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 28 साल के तेज गेंदबाज ने ऑक्शन के बाद बताया,
‘’मेरे छोटे भाई ने जनवरी में सुसाइड की थी। मैं घर पर नहीं था, मैं उस समय सैयद मुश्ताक अली खेल रहा था। घर लौटने तक मुझे पता ही नहीं था कि वो गुजर गया है। तब भी, मेरे परिवार ने मेरे साथ यह खबर शेयर नहीं की थी। मैं उनसे राहुल के ठिकाने के बारे में पूछता था और वे मुझे बताते थे कि ‘वो बाहर गया है’। उसकी गैरमौजूदगी मेरे लिए एक बड़ा खालीपन है। अगर वो आज यहां होता तो मुझसे ज्यादा खुश होता।’’
किसी भी फ्रेंचाइजी द्वारा चुना जाना खुशी की बात
आईपीएल 2020 का आयोजन कोरोना वायरस के चलते यूएई में हुआ था। जहां, तेज गेंदबाज चेतन सकारिया , रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा थे। जी हां, वह टीम के साथ बतौर नेट बॉलर यूएई में थे। आरसीबी ने पेसर पर बोली लगाई, लेकिन 1 करोड़ 20 लाख में राजस्थान ने उन्हें खरीद लिया। सकारिया ने बताया,
''मैं उम्मीद कर रहा था कि इस बार मैं वहां रहूंगा क्योंकि जब मैं यूएई में आईपीएल के दौरान आरसीबी के लिए नेट गेंदबाज के रूप में गया था, तो आरसीबी के कोच माइक हेसन और साइमन कैटिच ने मुझे बताया था कि मैंने किसी भी आईपीएल टीम का हिस्सा बनने के लिए सभी बॉक्स टिक कर दिए हैं। आरसीबी ने मेरे लिए कोशिश नहीं की लेकिन किसी भी टीम के लिए चुना जाना मेरी लिए खुशी की बात है।''
पिता चलाते थे टेंपो
क्रिकेट खेलना ना जाने कितने बच्चों का सपना होता है, लेकिन उन्हें पंख उनके परिवार से मिलते हैं। जिनका परिवार उनका साथ देता है, वह जरुर कुछ कर दिखाते हैं। जिंदगी में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता, लेकिन मेहनत से जरुर मिल जाता है।
चेतन सकरिया एक गरीब परिवार से हैं। दो साल पहले तक, सकारिया के पिता कांजीभाई टेंपो चलाते थे। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति की चलते उनके पास 5 साल पहले तक टीवी भी नहीं था, ऐसे में उनको क्रिकेट देखने के लिए या तो दोस्तों के घर जाना पड़ता था, या फिर इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के बाहर खड़ा होना पड़ता था। मगर अब जबकि उन्हें राजस्थान द्वारा करोड़ों की रकम मिलने से यकीनन उनकी जिंदगी कुछ आसान हो सकेगी।