भारत-इंग्लैंड (INDvsENG) के बीच जारी 5 मैचों की टी-20 सीरीज के तीसरे मैच में भारतीय टीम (Indian Team) को बुरी तरह से शिकस्त का सामना करना पड़ा है. हार के साथ ही भारत सीरीज में 2-1 से पीछे हो गई है. दरअसल अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में खेले गए पहले मैच में मिली हार के बाद दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी की थी.
हालांकि तीसरे मुकाबले में एक बार फिर भारत को अंग्रेजी टीम ने 8 विकेट से हराया है. साथ ही सीरीज पर 2-1 से बढ़त भी बना ली है. इस मुकाबले में मेहमान टीम ने टॉस जीत कर भारत को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया था, और उनका यह फैसला सही साबित हुआ, और टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा. आज की इस खास रिपोर्ट में बात करेंगे, उन 3 कारणों की जिसके चलते दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा...
भारतीय टीम की सलामी जोड़ी में स्थितरता नहीं
तीसरे मैच में हार का सबसे बड़ा कारण भारतीय टीम (Indian Team) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli), कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) समेत पूरा मैनेजमेंट कहा जा सकता है. क्योंकि ओपनिंग जोड़ी को लेकर टीम में कोई स्थिरता नहीं बन पा रही है. या फिर यह कह सकते हैं कि, मैनेजमेंट यह तय ही नहीं कर पा रहा है कि, टीम इंडिया की ओपनिंग के लिए किन 2 बल्लेबाजों को भेजा जाए.
पहले टी-20 मुकाबले में भारत ने केएल राहुल के साथ शिखर धवन को ओपनिंग के लिए भेजा था, और यह दोनों ही जोड़ी पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई.इसके बाद दूसरे मुकाबले में केएल के साथ इशान किशन (Ishan Kishan) को भेजा. जबकि तीसरे मैच में एक बार फिर ओपनिंग जोड़ी में बदलाव हुआ, और केएल के साथ रोहित शर्मा (Rohit Sharma) बल्लेबाजी करने के लिए उतरे.
तीन मुकाबले और तीनों में एक अलग ओपनिंग जोड़ी, ऐसे में मैनजमेंट पर यह सवाल खड़ा होता है कि, आखिर शुरूआती जोड़ी में स्थिरता टीम क्यों नहीं ला पा रही है.
भारतीय टीम की गेंदबाजी लाइन-अप पूरी तरह से रही फेल
भारतीय टीम (Indian Team) की हार का दूसरा बड़ा कारण औसत दर्जे की गेंदबाजी कह सकते हैं. पहले टी-20 मुकाबले की तरह एक बार फिर गेंदबाज तीसरे मैच मैच में कोई दमखम नहीं दिखा पाए. युजवेंद्र चहल और वाशिंगटन सुंदर को 1-1 विकेट मिला. इसके बाद अंग्रेजी बल्लेबाजों के आगे टीम इंडिया गेंदबाज पूरी तरह फ्लॉप नजर आए.
दूसरे मैच में इंग्लैंड पर हावी होने वाली पूरी टीम तीसरे मुकाबले में सिर्फ 2 ही विकेट ले सकी. ऐसे में यह कह सकते हैं कि, टीम इंडिया की गेंदबाजी लाइन-अप पूरी तरह लाइन और लेंथ से भटकी हुई दिखाई दी. 156 रन के मिले लक्ष्य को इंग्लिश टीम ने आसानी से 18 ओवर में हासिल कर लिया था.
मुकाबले पर जीत दर्ज करने के लिए, जरूरी था कि, बल्लेबाजी के बाद टीम इंडिया के गेंदबाज शुरू से ही अंग्रेजी बल्लेबाजों पर दबाव डालते. लेकिन स्पिन से लेकर पेस, और तेज गेंदबाज भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके, और तीसरे मैच को आसानी से गंवा दिया.
भारतीय टीम में खिलाड़ियों को अपनी जगह को लेकर लेकर डर
भारतीय टीम (Indian Team) की हार का सबसे बड़ा कारण यह कह सकते हैं कि, खिलाड़ियों में अपनी जगह को लेकर डर बैठ चुका है. क्योंकि हर मुकाबले में देखा जाए तो कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों को छोड़कर मैनेजमेंट और कप्तान लगातार प्लेयरों को अंदर बाहर कर रहे हैं, ऐसे में कहीं न कहीं खिलाड़ी अपनी जगह को लेकर डरे हुए हैं.
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि, प्लेयर्स टीम को जिताने के लिए नहीं बल्कि अपनी जगह पक्की करने के लिए खेल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर शिखर धवन को लें, तो पहले मुकाबले के बाद उन्हें टीम में मौका नहीं दिया गया. तो वहीं दूसरे मैच में सूर्यकुमार यादव को डेब्यू करवाया गया, लेकिन उन्हें बल्लेबाजी के लिए नहीं उतारा गया.
इस तरह से कप्तान के यही फैसले खिलाड़ियों में डर पैदा कर रहे हैं, जिसका असर टीम के साथ ही मैच पर भी पड़ रहा है. जो टीम इंडिया के लिए आने वाले भविष्य के लिए भी सही नहीं होगा. ऐसे में मैनजेमेंट और कप्तान को पहले खिलाड़ियों के अंदर से उनकी जगह को लेकर बने डर को निकालना होगा, और उन्हें मौका देना होगा.