मैनचेस्टर टेस्ट में नहीं चला शुभमन का मैजिक, दूसरे ही दिन कप्तान के इस ब्लंडर ने टीम इंडिया ने तैयार की हार की स्क्रिप्ट
Published - 24 Jul 2025, 11:08 PM | Updated - 25 Jul 2025, 07:24 AM

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Manchester Test: शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) की पहली पारी में साईं सुदर्शन (61) और उप कप्तान ऋषभ पंत (54) की धमाकेदार बल्लेबाजी के दम पर स्कोर बोर्ड पर 358 रन लगा दिए हैं। 264/4 से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और शुरुआती 10 मिनट के अंदर रवींद्र जडेजा पवेलियन लौट गए।
इसके बाद टीम इंडिया नियमित अंतराल पर विकेट गंवाती रही और अंत में जाकर 358 पर ऑल आउट हो गई। वहीं, पहली पारी में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम को सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और जैक क्राउली ने विस्फोटक शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 166 रन की शानदार शतकीय साझेदारी निभाई। इंग्लैंड ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक स्कोर बोर्ड पर 225/2 रन लगा दिए हैं और वह भारतीय स्कोर से फिलहाल 133 रन पीछे हैं। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद जो रूट (11) और ओली पोप (20) नाबाद वापस लौटे।
शतक से चूके डकेड-क्राउली
भारत की पारी को 358 रन पर चलता करने के बाद पहली पारी में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्राउली और बेन डकेट पहली गेंद से ही लगातार भारतीय गेंदबाजों पर प्रहार कर रहे थे। जहां बेन डकेट भारतीय गेंदबाजों (Manchester Test) के सामने 100 से अधिक स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे थे तो दूसरी तरफ जैक क्राउली भी खराब गेंदबाजों को सीमापार भेजने से बिल्कुल भी नहीं हिचक रहे थे।
दोनों ने मिलकर इंग्लिश टीम की पहली पारी को 10.1 ओवर में पचास रन के पार पहुंचा दिया तो 18.5 ओवर में इंग्लैंड ने 100 रन का आंकड़ा भी आसानी से पार कर लिया। वहीं, दोनों बल्लेबाजों ने 28.4 ओवर में 150 रन भी आसानी से बना लिए।
हालांकि, 113 गेंदें खेलकर 84 रन पर बल्लेबाजी कर रहे जैक क्राउली रवींद्र जडेजा की घूमती गेंद में फंस गए और गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप पर खड़े केएल राहुल के हाथों में चली गई और इस तरह भारत को मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) में पहली विकेट मिली। वहीं, तेजी से शतक की ओर बढ़ रहे बेन डकेट को डेब्यू मैच खेल रहे अंशुल कंबोज को अपना शिकार बनाया। डकेट 94 के निजी स्कोर पर कंबोज के पहले अंतरराष्ट्रीय विकेट बने।
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358 पर सिमटी पहली पारी
इससे पहले मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) के दूसरे दिन 264/4 रन से आगे बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही। दूसरे दिन की शुरुआत के 10 मिनट के अंदर रवींद्र जडेजा 20 के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद शार्दुल ने वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 101 गेंदों पर 48 रन जोड़े, लेकिन बेन स्टोक्स की एक शानदार गेंद ने शार्दुल ठाकुर की 41 रन की शानदार पारी पर ब्रेक लगा दिया।
वहीं, शार्दुल के आउट होने के बाद पंत चोटिल पैर के साथ 39 रन के आगे बल्लेबाजी करने उतरे, लेकिन वह भी 54 के निजी स्कोर पर चलते बने तो वाशिंगटन सुंदर की पारी भी 27 के स्कोर पर समाप्त हो गई। जबकि डेब्यूटेंट अंशुल कंबोज शून्य के स्कोर पर पवेलियन लौट गए और देखते ही देखते भारतीय पारी 358 रन पर सिमट गई।
भारत ने चौथे टेस्ट (Manchester Test) के दूसरे दिन अपने अंतिम 6 विकेट 94 रन के अंदर गंवा दिए। वहीं, गेंदबाजी में इंग्लिश टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने सबसे अधिक पांच विकेट हासिल किए तो जोफ्रा आर्चर ने तीन विकेट झटके। जबकि क्रिस वोक्स और बाएं हाथ के ऑर्थोडोक्स स्पिनर लियाम डॉसन को एक-एक सफलता हाथ लगी।
Manchester Test में अंशुल से गेंदबाजी कराना पड़ा महंगा!
जिस मैनचेस्टर (Manchester Test) की पिच पर इंग्लिश तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को सांस लेने तक का समय नहीं दे रहे थे उसी पिच पर भारतीय गेंदबाज फूस साबित हुए। दूसरे दिन जहां भारत ने सिर्फ 94 रन के अंदर अपने 6 महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए तो वहीं, भारतीय गेंदबाज एक-एक विकेट के लिए संघर्ष करते दिखे।
इस मैच में भारतीय टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल से एक बड़ी गलती भी देकने को मिली। दरअसल, कप्तान गिल ने पारी की शुरुआत का पहला ओवर जसप्रीत बुमराह को फेंकने के लिए बुलाया तो दूसरे ओर से पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे अंशुल कंबोज को गेंदबाजी के लिए दिया।
इस मैच में अंशुल ने पहले ही ओवर में 12 रन लुटा दिए, जिसके बाद सिर्फ 3 ओवर की गेंदबाजी के बाद ही कप्तान गिल ने अनुभवी मोहम्मद सिराज को गेंद थमाई, लेकिन तब तक दोनों इंग्लिश बल्लेबाज पूरी तरह से सेट हो चुके थे। खास बात यह है कि जब-जब कप्तान गिल अंशुल को गेंदबाजी के लिए बुला रहे थे तो दोनों इंग्लिश बल्लेबाज उनके पीछे हाथ धोकर पड़ते दिखे।
हालांकि, कप्तान गिल अगर मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) के दूसरे दिन दूसरे छोर से अंशुल की जगह सिराज को गेंद थमाते तो परिणाम भारत के पक्ष में जा सकते थे क्योंकि सिराज और बुमराह दोनों छोर से कसी हुई गेंदबाजी करते और इंग्लिश बल्लेबाज पर दबाव डालते।
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