हाल में ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप खत्म हुई है, जिसमें न्यूजीलैंड की टीम ने जीत दर्ज की है। इस ट्रॉफी को मिलाकर अभी तक कुल 27 ICC ट्रॉफियां खेली जा चुकी हैं। सभी में टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा भी हुई। आपको बता दें कि सभी टीमों में ऑस्ट्रेलिया सबसे सफल रही है।
ऑस्ट्रेलिया ने कुल सात बार आईसीसी ट्रॉफी पर बजा किया है। सभी टीमों के लिए सबसे जरूरी होता है कप्तान। जिसके फैसलों से टीम हार और जीत सकती है। क्रिकेट की दुनिया में बहुत से ऐसे कप्तान हुए हैं जिनकी कप्तानी में टीम ने इतिहास रचा। लेकिन, आज हम उन कप्तानो की बात करेंगे जिन्होंने एक से जया बार आईसीसी की ट्रॉफियां गंवाई है।
छह कप्तानों ने गंवाई है एक से ज्यादा बार ICC ट्रॉफियां
6. ब्रायन लारा (2 बार)
1979 विश्व कप जीतने के बाद वेस्टइंडीज को ICC ट्रॉफी जीतने के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। इस टीम ने 2012 और 2016 में टी20 विश्वकप जरूर जीता, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वेस्टइंडीज के साथ ही दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार ब्रायन लारा के कंधों पर टीम की जिम्मेदारी डाल दी गई थी। वेस्टइंडीज के सबसे अनुभवी एकदिवसीय कप्तान लारा ने एक बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, लेकिन उससे पहले दो बार उन्हें हार मिली थी।
1998 में पहली चैंपियंस ट्रॉफी (तब नॉकआउट ट्रॉफी) के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज की टीमें आमने-सामने थीं, जिसमें एक बहुत करीबी मुकाबला देखने को मिला। वेस्टइंडीज ने चार विकेट से मुकाबला गंवा दिया। छह साल बाद, लारा ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर उसी ट्रॉफी को जीतकर इतिहास रचा। लेकिन, फिर से 2006 में अगले संस्करण में वेस्टइंडीज फिर से लारा की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया टीम से फाइनल में हार गया।
5. सौरव गांगुली (2 बार)
2002 में हुए ICC चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली को एकमात्र जीत मिली थी। हालांकि, वह ट्रॉफी श्रीलंका के साथ साझा की गई थी। दादा नाम से मशहूर सौरव गांगुली के पास इसके अलावा दो बार ICC ट्रॉफी जीतने के मौके थे, लेकिन दुर्भाग्य से वो असफल रहे। गांगुली ने 2000 में मैच फिक्सिंग विवाद के बाद भारतीय टीम की कमान संभाली थी।
उस समय अनुभवहीन कप्तान गांगुली ने भारत को 2000 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाकर अच्छा प्रदर्शन किया था। गांगुली ने फाइनल मैच में शतक भी लगाया, लेकिन कीवी टीम ने दो गेंद शेष रहते भारत के 265 रनों के लक्ष्य का पीछा कर लिया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में गांगुली ने 2003 विश्व कप के फाइनल में भारत का नेतृत्व किया, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम के एक प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण भारत हार गया।
4. कुमार संगाकारा (2 बार)
1996 के विश्व कप में अंडरडॉग होने के बावजूद, श्रीलंका ने ट्रॉफी जीती। सदी के अंत में श्रीलंका के पास एक शक्तिशाली टीम थी। जिसमें कुमार संगकारा टीम के मुख्य बल्लेबाजों में से एक थे। संगकारा ने टीम के लिए ना सिर्फ जुझारू बल्लेबाजी की है, बल्कि एक कप्तान के रूप में भी उम्दा प्रदर्शन किया है।
टीम को लीग मैचों में बखूबी जीत दिलवा कर फाइनल तक पहुंचाने वाले संगाकारा ने दो बार ICC ट्रॉफियां गंवाई हैं। पहली बार 2009 टी20 विश्व कप के फाइनल में उनकी टीम को पाकिस्तान के खिलाफ हार मिली जबकि वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में संगकारा की कप्तानी वाली श्रीलंका को भारत के खिलाफ हार मिल चुकी है।
3. महेला जयवर्धने (2 बार)
कुमार संगकारा के हमवतन और मैदान पर उनके बल्लेबाजी साथी महेला जयवर्धने भी ICC के दो फाइनल हार चुके हैं। संगा की तरह जयवर्धने भी एक विश्व कप फाइनल और एक विश्व कप टी20 का फाइनल हारे हैं। हालांकि जयवर्धने ने अपने बल्ले से बखूबी प्रयास किया था।
पहली बार 2007 विश्व कप फाइनल में जब एडम गिलक्रिस्ट भयानक फॉर्म में थे। जिनकी बल्लेबाजी की वजह से श्रीलंका को एकतरफा हार मिली थी। इसके बाद 2012 टी20 विश्वकप में भी श्रीलंका फाइनल में पहुंचा था और सिर्फ 138 रनों का लक्ष्य के जवाब में पूरी टीम महज 101 रनों पर ढेर हो गई थी।
2. ब्रेंडन मैकुलम (2 बार)
पूर्व कीवी कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने भी ICC की दो ट्राफियां गंवाईं हैं। 2009 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी उनकी पहली हार थी, जबकि अगली हार उससे बड़ी थी जब कीवी टीम 2015 विश्व कप फाइनल में हार गई थी। वैसे दोनों ही बार टीम ने अपनी तरफ से पूरा जुझारूपन दिखाया था।
दोनों मौकों पर हार चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही मिली थी। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों मैचों में मैकुलम ने ओपनिंग की और खाता खोलने से पहले ही पवेलियन लौट गए थे। न्यूजीलैंड के इन दोनों मैचों में हार का एक मुख्य कारण यह था कि टीम ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित नहीं कर सकी।
1. विराट कोहली (2 बार)
एक खिलाड़ी के रूप में कोहली की झोली में एक वनडे विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी है। लेकिन, एक कप्तान के रूप में कोहली को एक भी ICC ट्रॉफी नसीब नहीं हुई है। तीनों प्रारूपों में कप्तान के रूप में 50% से अधिक जीत के रिकॉर्ड का आनंद लेने के बावजूद वर्तमान भारतीय कप्तान ने दो मौकों पर फाइनल में पहुंचने के बाद ट्रॉफी गंवा चुके हैं।
एक कप्तान के रूप में विराट की आईसीसी फाइनल में पहली इंट्री 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में हुई थी। जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 339 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का बल्लेबाजी क्रम चरमरा गया और फिर उसे जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद हाल ही में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी अंतिम दिन बल्लेबाजी क्रम ने निराश किया और इसलिए विराट उन कप्तानों की सूची में शामिल हो गए जिन्होंने एक से अधिक बार ICC फाइनल गंवाए हैं।