भारत-इंग्लैंड (Ind vs Eng) के बीच होने वाले लॉर्ड्स टेस्ट से पहले दोनों टीमों के लिए बुरी खबर दस्त दे चुकी है. इसी बीच ट्रेंट ब्रिज पह खेले गए पहले नॉर्टिंघम टेस्ट मैच में स्लो ओवर-रेट के लिए दोनों टीमों पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया है. यहां तक कि दोनों टीमों के अंक में भी कटौती की गई है. क्या है पूरी खबर, जानिए हमारी इस रिपोर्ट के जरिए...
भारत-इंग्लैंड (Ind vs Eng) को लगे और दो झटके
दरअसल पहला टेस्ट मैच बारिश की वजह से ड्रॉ हो गया था. दूसरा मुकाबला 12 अगस्त से लॉर्ड्स में खेला जाएगा. लेकिन, उससे पहले ही भारत-इंग्लैंड को खिलाड़ी के तौर पर झटके लगे हैं. इस से अभी तक क्रिकेट फैंस उबरे भी नहीं थे कि, अब दोनों टीमों पर ICC ने मैच फीस का 40% जुर्माना लगाया गया है. साथ ही दो अंक भी काटे गए हैं. यानी की दोनों टीमों को अब 4 के बजाय 2 ही अंक प्राप्त होंगे.
नॉटिंघम टेस्ट के 5वें दिन बारिश विलेन बन गई थी. जिसके कारण एक भी ओवर नहीं फेंके जा सके थे. इस कारण मैच ड्रॉ करने का फैसला किया गया था. विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के नए प्वाइंट्स सिस्टम के आधार पर मैच ड्रॉ होने पर दोनों टीमों को 4-4 अंक मिलने थे. लेकिन, सजा के तौर पर भारत-इंग्लैंड (Ind vs Eng) को सिर्फ 2-2 अंक ही दिए जाएंगे.
जुर्माना लगाने के साथ आईसीसी ने काटे प्वाइंट
मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने यह फैसला इस वजह से लिया है क्योंकि दोनों टीमों ने नॉटिंघम टेस्ट में तय वक्त के अंदर 2-2 ओवर कम फेंके थे. खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए बनाई गई आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 की माने तो, जो न्यूनतम ओवर-रेट की गलती से जुड़ा है. इसके तहत यदि उनकी टीम तय समय में ओवर नहीं डालती है, तो खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाता है.
हर कम ओवर के लिए खिलाड़ियों पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगता है. इसके साथ ही आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की प्लेइंग कंडीशन के अनुच्छेद 16.11.2 की माने तो, टीम पर हर शॉर्ट ओवर के लिए 1 अंक का जुर्माना लगाया जाता है. भारत-इंग्लैंड (Ind vs Eng) दोनों ने ही अपने निर्धारित समय में दो-दो ओवर कम फेंके थे. यही कारण है कि, इन दोनों टीमों को सजा देने के तौर पर इनके 2-2 अंक काट लिए जाएंगे.
मैदानी अंपायरों के साथ थर्ड और फोर्थ अंपायर ने की थी शिकायत
फिलहाल भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और जो रूट (Joe Root) ने अपनी इस गलती को मान लिया है और आईसीसी के इस प्रतिबंध को भी स्वीकार कर लिया है. इस कारण इस मामले पर और किसी तरह की कोई औपचारिक सुनवाई नहीं की जाएगी. जानकारी की माने तो दोनों टीमों पर यह आरोप मैदानी अंपायर माइकल गॉफ, रिचर्ड केटलबोरो, थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ और फोर्थ अंपायर डेविड मिल्स ने लगाए थे.