SBI में काम करने मजबूर हुआ Team India का ये खिलाड़ी, सेलेक्टर्स ने 2 मैच के बाद ही खत्म कर दिया करियर
SBI में काम करने मजबूर हुआ Team India का ये खिलाड़ी, सेलेक्टर्स ने 2 मैच के बाद ही खत्म कर दिया करियर

Team India: भारत में क्रिकेट का काफी क्रेज है। यही वजह है कि यहां क्रिकेट के लिए काफी टैलेंट है। लेकिन कुछ ही क्रिकेटर ऐसे होते हैं, जो टीम इंडिया तक पहुंच पाते हैं। कुछ तो सिर्फ घरेलू क्रिकेट तक ही सीमित रह जाते हैं। भारतीय टीम में पहुंचने के बाद भी उनके लिए अपनी जगह स्थाई कर पाना काफी मुश्किल होता है।

कुछ बेहद प्रतिभाशाली ही अपनी जगह बना पाते हैं। हाल ही में एक ऐसा खिलाड़ी सामने आया है, जो काफी प्रतिभाशाली था। लेकिन बोर्ड के चयनकर्ताओं और आला अधिकारियों ने उसे नजरअंदाज कर दिया, जिसकी वजह से उसका करियर खत्म हो गया। अब वह SBI में नौकरी कर रहा है। कौन है ये खिलाड़ी, आइए आपको बताते हैं

2 मैच के बाद Team India से हुआ नजरअंदाज

  • दरअसल, हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वो टीम इंडिया (Team India) के पूर्व ऑलराउंडर ज्ञानेंद्र पांडे हैं, जिन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू के जरिए अपने करियर के बारे में बताया।
  • यहां उन्होंने बताया कि कैसे तत्कालीन BCCI सचिव जयवंत लेले ने उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं दिया। उन्होंने बताया कि वे न्यूजीलैंड के खिलाफ अगली सीरीज में जगह बना सकते थे।
  • लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्हें सिर्फ 2 मैचों के बाद ही बाहर कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन बीसीसीआई सचिव जयवंत लेले ने ऑलराउंडर के चयन को मंजूरी नहीं दी थी।

ज्ञानेंद्र पांडे ने 1999 में डेब्यू किया

टीम इंडिया (Team India )के पूर्व ऑलराउंडर ज्ञानेंद्र पांडे ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया, ‘मैंने 1997 में अच्छा प्रदर्शन किया था। दलीप ट्रॉफी के फाइनल में मैंने 44 रन बनाए और तीन विकेट लिए। मैंने अन्य घरेलू टूर्नामेंट में भी अच्छा प्रदर्शन किया। फिर मुझे भारत की तरफ से बुलावा आया। यह साल 1999 की बात है।

न्यूजीलैंड सीरीज से नजरअंदाज

  • टीम इंडिया (Team India ) के पूर्व ऑलराउंडर ने बताया कि उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बाहर कर दिया गया था।
  • लेकिन अचानक उस दौरान बीसीसीआई सचिव का बयान आया, ‘अगर कुंबले ने ब्रेक मांगा है, अगर बाएं हाथ के खिलाड़ी को खेलाना था, तो सुनील जोशी को क्यों नहीं चुना गया?’
  • इस पर पांडे ने जवाब दिया, ‘लेले जी को जो भी कहना था, उन्हें सोचना चाहिए था। उन्हें मेरा प्रदर्शन देखना चाहिए था। वे अंपायर भी थे। मैं समझता हूं, यह मेरी गलती थी।
  • मुझे तरकीबें नहीं पता थीं, मुझे समझ नहीं आया कि ये चीजें कैसे काम करती हैं। मैं इसे संभाल नहीं पाया और इसलिए बदनाम हो गया।
  • यहां तक ​​कि मीडिया ने भी मेरी कहानी नहीं छापी। कोई भी मुझसे कुछ पूछने नहीं आया। उन्होंने केवल शीर्ष अधिकारियों से संपर्क किया।’

SBI में कार्यरत ज्ञानेंद्र पांडे

  • जानकारी के लिए बता दें कि ज्ञानेंद्र पांडे का चयन 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया (Team India )में हुआ था।
  • उन्हें दो मैचों के लिए मौका भी मिला। लेकिन दुर्भाग्य से इस शानदार ऑलराउंडर का करियर एक हफ्ते के अंदर ही खत्म हो गया।
  • पाकिस्तान के बाद उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। पांडे अब एसबीआई में पीआर एजेंट के तौर पर काम करते हैं।

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