कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से पूरा विश्व घबराया हुआ है. ऐसे में इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premiere League) कैसे अछूता रह जाता. दो दिन में ही चार टीमों के 7 सदस्य इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. जिसके बाद दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग को स्थगित किया जा चुका है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब सभी टीमें बायो बबल में थीं और बाकि दुनिया से कटी हुई थीं तब खिलाड़ी इस वायरस की चपेट में कैसे आए. इसके बाद बीसीसीआई (BCCI) के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठना लाजमी है. क्योंकि अब एक और गम्भीर मामला सामने आया है.
जीपीएस डिवाइस में थी खराबी
पिछले साल जब कोविड-19 महामारी की वजह से आईपीएल (IPL) को यूएई में आयोजित करवाया गया था. उस वक्त भी सभी टीमें बायो बबल में ही थीं. तब सभी फ्रेंचाजियों को एक जीपीएस डिवाइस (FOB) दी गई थी. जिसे सभी खिलाड़ियों और सपोर्टिंग स्टाफ को पहनना अनिवार्य था.
जिससे खिलाड़ी और स्टाफ कहां हैं और किस जगह जा रहे हैं. इन सभी बातों का पता चलता रहे. लेकिन, एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये डिवाइस बहुत ही मामूली दर्जे की पाई गई है. सभी फ्रेंचाइजी ने शिकायत की है कि यह डिवाइस मूवमेंट को शी तरह से ट्रैक नहीं कर रही है.
नहीं मिला जीपीएस का डाटा
फ्रेंचाइजियों को जो जीपीएस डिवाइस दी गई थी. वो बिलकुल रिस्ट बैंड जैसी है और ब्लूटूथ के जरिये मोबाइल फोन में एक एप से जुड़ी हुई रहती है. जिससे कोई भी शख्स कहां जा रहा है, इस बात की जानकारी मिलती रहे. इस डिवाइस के इस्तेमाल से अगर कोई खिलाड़ी बायो बबल छोड़कर बाहर निकलता है तो तुरंत ही उसकी जानकारी मिल सके. लेकिन, इस बैंड से कोई भी डाटा नहीं मिल रहा है. ऐसे में रिपोर्ट आई कि डिवाइस की बैटरी खत्म हो गई होगी. लेकिन, इतना बड़ा टूर्नामेंट आयोजित करते समय इस बात को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया.
BCCI पर उठ रहे सवाल
एक छोटी से जीपीएस का भी सही से जब दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट बोर्ड BCCI उपयोग ना कर सकी तो फिर कैसे कहा जा सकता है कि वो एक पूरा टूर्नामेंट को बहुत ही आराम से करवा सकती है. यह डिवाइस दो साल से इस्तेमाल की जा रही है. बावजूद इसके इसमें कमी पाई गई. साथ ही बायो बबल में रहने के बावजूद खिलाड़ी कोरोना के संक्रमण में आ गए. जिस कारण आईपीएल को निरस्त करना पड़ा. इससे एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. क्योंकि जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हो जाएंगे.