विश्वकप के बाद से भारतीय टीम (Indian Team) में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कुछ स्थानों पर अब युवा खिलाड़ियों को ही आजमाया जा रहा है. इन युवा खिलाड़ियों ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सभी को भी किया है. जिस कारण कुछ अनुभवी खिलाड़ियों के लिए रास्ता बंद हो गया है. कुछ अनुभवी भारतीय खिलाड़ी पिछले कुछ सालों से टीम के बाहर चल रहे हैं.
वैसे तो कुछ सीनियर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन तो कर रहे हैं, लेकिन फिर भी प्रबंधन उन पर ध्यान नहीं दे रहा है. आज हम आपको ऐसे ही उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे. जिनकी वापसी की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है और उन्हें अब उम्मीद छोड़कर ख़ुशी-खुशी क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लेना चाहिए.
ये चार Indian खिलाड़ी हैं इस लिस्ट में
4. हरभजन सिंह (Harbhajan Singh)
दिग्गज भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी लंबे समय से Indian Team से बाहर हैं. मौजूदा समय में वो घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेलते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि आईपीएल में उनका प्रदर्शन जारी है. लेकिन, उसके बाद भी उनकी वापसी टीम में नहीं हो पा रही है. हरभजन सिंह ने भारतीय टीम के लिए 103 टेस्ट मैच में 32.46 के औसत से 417 विकेट अपने नाम किये हैं.
जबकि 236 एकदिवसीय मैच में 33.36 के औसत से 269 विकेट और 28 टी20 मैच में 25.32 के औसत से 25 विकेट झटके हैं. भज्जी ने भारतीय टीम के लिए आखिरी बार 2016 में एशिया कप के दौरान खेला था. तब से अब तक कई युवा खिलाड़ियों ने टीम में जगह बना ली है. जिसके कारण उनकी वापसी अब मुश्किल हो गयी है.
3. मुरली विजय (Murli Vijay)
Indian टेस्ट टीम के लिए शानदार सलामी बल्लेबाज माने जाने वाले मुरली विजय भी मौजूदा समय में टीम से बाहर चल रहे हैं. घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन बहुत ज्यादा शानदार नहीं रहा है. अब आईपीएल में भी उन्हें बहुत ज्यादा खेलने के मौके नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण उनकी वापसी और मुश्किल हो गयी है. मुरली विजय ने भारतीय टीम के लिए 61 टेस्ट मैच में 38.29 के औसत से 3982 रन बनाये हैं.
इन रनों में 12 शतक और 15 अर्द्धशतक शामिल थे. साथ ही एकदिवसीय में 17 मैचो में उनके नाम 339 रन हैं. विजय ने भारतीय टीम के लिए आखिरी बार 2018 में ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था. जिसके बाद अब टीम में पृथ्वी शॉ, मयंक और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी आकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अब विजय को वापसी की उम्मीद छोड़कर शांत मन से संन्यास ले लेना चाहिए.
2. अंबाती रायुडू (Ambati Rayudu)
विश्व कप 2019 के दौरान टीम में चयनित ना होने के कारण अंबाती रायुडू ने क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लिया था. लेकिन, उसके कुछ दिनों बाद उन्होंने संन्यास से वापसी कर ली थी. अंबाती रायडू अब बहुत ज्यादा घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहे हैं. आपको बता दें कि अंबाती रायडू ने Indian Team के लिए 55 एकदिवसीय मैच में 47.06 के औसत से 1694 रन बनाये हैं.
इन रनों में 3 शतक और 10 अर्द्धशतक भी शामिल रहे. इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए टी20 फ़ॉर्मेट में 6 मैच भी खेले हैं. रायडू ने आखिरी बार भारतीय टीम के लिए 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के पहली वाली सीरीज में खेला था. उसके बाद से अब टीम ने मध्यक्रम में श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव जैसे युवा खिलाड़ी मौजूद हैं. जो अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं. अब रायडू को उम्मीद छोड़कर एक बार फिर से संन्यास लेने का फैसला कर लेना चाहिए.
1. दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik)
2018 में निदाहस ट्रॉफी में 8 गेंदों में 29 रन बनाकर भारतीय टीम को विजेता बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 में खेला था. तब से उन्हें चयनकर्ताओं ने चुना ही नहीं है. India के लिए 26 टेस्ट मैचों में 1025 रन, 94 वनडे मैचों में 1752 और 32 टी20 मैच खेल चुके कार्तिक को हमेशा से ही टीम में बहुत कम मौके दिए गए हैं.
यही नहीं अब तो टीम में ईशान किशन और ऋषभ पंत जैसे युवा विकेटकीपर बल्लेबाज भी आ गए हैं. जिन्होंने अपने पहले ही मैच से ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि दस्ताने पहन कर भी टीम के लिए लगातार उपयोगी योगदान दिया है. ऐसे में दिनेश कार्तिक का फिर से टीम में लौटना हद से ज्यादा मुश्किल हो गया है. आईपीएल में भी वो कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं.