Team India
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गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को हाल ही में टीम इंडिया (Team India) के डेड कोच के रूप में नियुक्त किया गया है। राहुल द्रविड़ के कार्यकाल खत्म होने के बाद बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए एक नए कोच की खोज कर रही थी। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए थे। अंत में गौतम गंभीर के नाम पर सहमति बनी और उन्हें भारतीय टीम के कोच के तौर पर नियुक्त कर दिया गया। 19 सितंबर से शुरू होने वाली भारत और बांग्लादेश के बीच की टेस्ट सीरीज हेड कोच के तौर पर उनकी पहली टेस्ट सीरीज होगी। 

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को कोच तो बना दिया गया लेकिन उनके अलावा भी कई ऐसे महारथी थे जो कि भारतीय टीम (Team India) का कोच बनने का सपना सजा रहे थे। इसी में एक नाम दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी जोंटी रोड्स का भी है। कोच ना बनाए जाने के बाद उनकी तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। 

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Team India के कोच नहीं बन पाने के बाद छलका दिग्गज का दर्द

  • दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी जोंटी रोड्स भारतीय टीम के फील्डिंग कोच नहीं बनाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्हें गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अपने सपोर्टिंग स्टाफ में जोड़ना चाहते थे। दोनों पहले भी आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए एक साथ काम कर चुके हैं। लेकिन इस प्लानिंग में गंभीर फेल हो गए।
  • जोंटी रोड्स भारतीय टीम (Team India) के साथ कोच के तौर पर ना जोड़े जाने को लेकर बताया कि शायद वो गोवा में रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें कोच नहीं बनाया गया। 
  • फील्डिंग कोच के तौर पर जोंटी रोड्स के नाम पर चर्चाएं तेज थी लेकिन बाद में उनको फील्डिंग का कोच नहीं बनाने का फैसला हुआ और एक बार फिर से टी दिलीप को ही टीम इंडिया का फील्डिंग कोच बना दिया गया। 

Team India के कोच नहीं बन पाने पर क्या बोले जोंटी रोड्स

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के दोस्त जोंटी रोड्स ने भले ही सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन, टीम (Team India) के साथ कोच के तौर पर ना जुड़ पाने का उन्हें दुख जरूर है। इसका अंदाजा उनके बयान से लगाया जा सकता है। इस बारे में उन्होंने आगे बात करते हुए कहा,

“क्या आप विश्वास कर सकते हैं? दरअसल उन्हें इंटरनेशनल कोच नहीं चाहिए था और मैं काफी लोकल हो गया हूं। मेरा नाम जोंटी रोड्स है और मैं गोवा में रहता हूं। शायद मैं गोवा में रहता हूं इसलिए, शायद मुझे मैट्रो सिटी में रहने की जरूरत है। भारत के जो पिछले दो फील्डिंग कोच रहे हैं, वो काफी शानदार रहे हैं। ये चीज कप्तानी से आती है। धोनी की कप्तानी में उनके पास काफी सीनियर खिलाड़ी थे और उन्होंने अपनी शारीरिक क्षमता दिखाई। अपने आईपीएल करियर के आखिर में भी वो ऐसा कर रहे हैं। वो चालीस के हो गए हैं लेकिन विकेटों के बीच उनकी दौड़ शानदार है। उन्होंने फिटनेस और स्ट्रेंथ का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।”

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