इंग्लैंड टीम (England Team) का एशेज सीरीज में बेहद खराब प्रदर्शन रहा था. इस श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया पहुंची अंग्रेजी टीम को 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था. इस सीरीज में इंग्लिश टीम सिर्फ एक ही मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही थी. इसके अलावा बाकी मैचों में करारी हार झेलनी पड़ी. जिसके बाद चारो तरफ खिलाड़ियों को जमकर आलोचना का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब इंग्लैंड टीम (England Team) के बल्लेबाजी कोच और पूर्व कप्तान ने कुछ ऐसा कह दिया है जिसके बाद अंग्रेजी खिलाड़ियों चर्चाओं में आ गए हैं.
अंग्रेजी टीम को हो रही आलोचना पर कोच ने तोड़ी चुप्पी
दरअसल एशेज सीरीज में हारकर वापस स्वदेश लौटी टीम की लगातार आलोचना हो रही है. कप्तान से लेकर बल्लेबाजों और कोच तक इस समय दिग्गजों के निशाने पर हैं. लेकिन, टीम के बल्लेबाजी कोच और पूर्व कप्तान पॉल कॉलिंगवुड (Paul Collingwood) का ऐसा कहना है कि आलोचना पूरी तरह से सही नहीं है. बल्कि मौजूदा हालात में 5 टेस्ट मैच खेलने के लिए इस टीम को मेडल दिया जाना चाहिए.
बीते साल से लेकर अब तक इंग्लैंड टीम (England Team) कुल 17 टेस्ट मैच खेल चुकी है. जो बाकी किसी भी टीम के मुकाबले सबसे ज्यादा है. इस दौना अंग्रेजी टीम अलग-अलग देशों में बायो-बबल में रहते हुए सभी टेस्ट मैच खेले हैं. इसके साथ ही टी20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में भी टीम ने बायो बबल का सामना किया. इससे एक बात स्पष्ट है कि इंग्लिश खिलाड़ियों को काफी लंबे समय से नियमों और पाबंदियों के बीच रहना पड़ा है.
गलतियों को लेकर कोच ने कहीं ये बड़ी बातें
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एशेज सीरीज में हिस्सा लेने के लिए पहुंची इंग्लिश टीम को पूरे 14 दिन तक क्वारंटीन से गुजरना पड़ा था. इसके बाद सिर्फ 2 से 3 दिनों के लिए प्रैक्टिस करने की अनुमति मिली थी और फिर सभी खिलाड़ी सीधे इस श्रृंखला में उतर गए थे. यही वजह है कि कॉलिंगवुड टीम की हो रही आलोचना से खुश हैं. इस समय कॉलिंगवुड इंग्लैंड टीम (England Team) के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर हैं.
इसी दौरे पर बारबाडोस में पत्रकारों के साथ हुई बातचीत में उन्होंने इंग्लैंड के कोच कॉलिंगवुड ये बयान दिया. इसके अलावा क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कॉलिंगवुड के हवाले से बताया कि,
"जाहिर तौर पर हमने गलतियां की. सौ फीसदी सही है. हमने सिलेक्शन संबंधी गलती भी की. टॉस की गलती की. लेकिन, बात ये है कि हम वहां गए और खेलने के लिए राजी हुए. लड़कों (खिलाड़ियों) को इसके लिए ही मेडल दिया जाना चाहिए."
आलोचना के नहीं मेडल के हकदार हैं खिलाड़ी- कॉलिंगवुड
आगे उन्होंने कहा,
"अगर हम दो मैच इस बार खेलते और फिर तीन अगली बार खेलते तो वो बेहतर समझौता होता. लेकिन नहीं ऑस्ट्रेलिया को इस बात से किसी भी तरह का फर्क नहीं पड़ता है. एक ऐसी इंग्लैंड टीम (England Team) की मेजबानी कर रहे हैं जो मानसिक तौर पर थकी हुई है. वह सिर्फ एशेज चाहते थे. ये लड़के मेडल के हकदार हैं. आलोचना के नहीं."
उन्होंने बायो बबल में हो रही परेशानी का खुलासा करते हुए कहा,
"मुझे नहीं लगता कि लोग अभी तक बबल के असर को समझ सके हैं. दुबई में मुश्किल बबल के बाद सीधे एशेज के लिए जाना मुझे लगता है कि ये कुछ ज्यादा था. जब तक आपको इसका एक्सपीरिएंस नहीं होता आप ये समझा भी नहीं सकते."