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युजवेन्द्र चहल (Yuzvendra Chahal) भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनरों की लिस्ट में टॉप-5 में आते हैं। टेस्ट फॉर्मेट खेले बिना ही उन्होंने वो मुकाम हासिल कर लिया कि दुनिया के बेस्ट फिरकी गेंदबाजों की बात चलेगी तो चहल का नाम जरूर होगा। लेकिन इसके बावजूद साल 2024 इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका आखिरी साल साबित हो सकता है। इसके पीछे की वजह उनके प्रदर्शन में गिरावट के साथ-साथ 23 साल का एक ऐसा खिलाड़ी है जिसने फिलहाल टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है।
Yuzvendra Chahal का करियर खत्म!
- आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले युजवेन्द्र चहल (Yuzvendra Chahal) टीम इंडिया में अपनी जगह तलाशने में संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं।
- इसके पीछे की वजह ये है कि भारत को रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi) के रूप में एक युवा और होनहार लेग स्पिनर मिल चुका है। इसके कारण चहल की जरूरत अब टीम इंडिया को महसूस नहीं होती है।
- साल 2022 में रवि बिश्नोई के डेब्यू के बाद से ही चहल को बाहर कर दिया गया था। उन्हें गाहे-बगाहे सीरीज में मौका दिया गया जब सभी सीनियर खिलाड़ी आराम पर थे।
- जिससे साफ साबित हो गया कि अब बीसीसीआई उनसे आगे बढ़कर बिश्नोई को पहली पसंद बना चुकी है।
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चहल के ऊपर बिश्नोई को चुनने के 3 प्रमुख कारण
- पहला तो ये है कि रवि बिश्नोई अभी सिर्फ 23 साल के है, यानि भविष्य के लिहाज में उनके भीतर निवेश करना जायज है।
- दूसरा अहम पहलू ये है कि रवि निचले क्रम में बल्ले से कारगर साबित हो सकते हैं। ऐसा उन्होंने आईपीएल में कर दिखाया है, जहां टीम को अंत में 15 से 20 रन की अधिक जरूरत होती है तो बिश्नोई ये काम चहल (Yuzvendra Chahal) से बेहतर कर सकते हैं।
- तीसरी बात ये है कि युजवेन्द्र चहल फील्डिंग के मामले में हल्के हैं, जबकि बिश्नोई सबसे बेहतरीन क्षेत्र रक्षकों में से एक है।
टीम प्रबंधन को नहीं Yuzvendra Chahal पर भरोसा
- युजवेन्द्र चहल (Yuzvendra Chahal) के ऊपर टीम प्रबंधन का भी कुछ खास भरोसा नहीं है। टी20 के धुरंधर गेंदबाज होने के बावजूद वे टी20 वर्ल्ड कप का 1 भी मैच नहीं खेल पाए हैं।
- जबकि आखिरी दोनों विश्वकप की 15 में उनका नाम था। मसला बल्लेबाजी लंबी करने के ऊपर अटक जाता है।
- मौजूदा समय में क्रिकेट के आयामों को देखते हुए नंबर 8 और 9 तक बल्लेबाजी रखना अनिवार्य सा हो गया है। चहल के खेलने से टीम को वो संतुलन नहीं मिल पाता है।
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