महेंद्र सिंह धोनी के इन 7 फैसलों ने किया था सभी को हैरान, आज भी याद आते हैं वह फैसले

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Sonam Gupta
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विश्व क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। तभी तो जब Dhoni ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा, तो ऐसा लगा मानो एक युग खत्म हो गया।

धोनी ने अपने करियर में भारत को 3 आईसीसी ट्रॉफी जिताई और तमाम खिलाड़ी दिए, जो आज मैच विनर साबित हो रहे हैं। एमएस धोनी अपनी बेहतरीन कप्तानी के लिए वर्ल्ड फेमस हैं, उन्होंने मैदान पर चुटकी बजाते ही कुछ ऐसे फैसले लिए, जिसने सभी को हैरान कर दिया।

जी हां, माही का मास्टरमाइंड कब, क्या सोचता इसका अंदाजा लगाना भी किसी के बस की बात नहीं थी। अब Dhoni के 40वें जन्मदिन के खास मौके पर आपको उन 7 फैसलों के बारे में बताते हैं, जिसे लेकर माही ने सभी को हैरान कर दिया।

                 Dhoni के 7 फैसलों ने किया सभी को हैरान

1- टी20 विश्व कप फाइनल

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2007 में पहली बार टी20 विश्व कप का आयोजन हुआ था और फाइनल में भारत के सामना पाकिस्तान से था। फाइनल के अंतिम ओवर में पाकिस्तान को जीतने के लिए 13 रनों की दरकार थी और सभी को ऐसा लग रहा था कि अब गेंदबाजी पर हरभजन सिंह आएंगे। मगर यहां पर एमएस धोनी ने एक ऐसा फैसला लिया कि हर कोई दंग रह गया।

दरअसल, धोनी ने सभी को हैरानी में डालते हुए भज्जी की जगह जोगिंदर शर्मा को गेंद थमा दी। पहली गेंद वाइड रही और इसके बाद अगली गेंद पर मिस्बाह उल हक ने एक बड़ा छक्का लगाकर धोनी के फैसले को गलत साबित कर दिखाया, लेकिन इसके बाद धोनी ने जोगिंदर का हौसला बढ़ाया और तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने शोर्ट फाइन लेग पर पैडल शॉट लगाया और अपनी विकेट खो बैठे। भारत ने यह मैच 5 रन से जीता था।

2- 2008 सीबी सीरीज

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बतौर कप्तान धोनी का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट ऑस्ट्रेलिया में खेली गई त्रिकोणीय सीरीज थी। ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और भारत के बीच खेली गई इस सीबी सीरीज के शुरू होने से पहले धोनी ने एक ऐसा लिया जिसने भारतीय क्रिकेट को हिलाकर रख दिया।

दरअसल, धोनी ने टीम से राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली को ड्रॉप कर दिया। धोनी ने फील्डिंग का हवाला देते हुए उन्हें टीम से ड्रॉप किया था जिस पर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। हालांकि बाद में टीम इंडिया सीबी सीरीज जीतने में सफल रही और धीरे-धीरे फैंस भी इस बात को भूलकर आगे बढ़ गए।

3- 2011 विश्व कप फाइनल

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अब 2011 के वनडे वर्ल्ड कप को ही ले लीजिए। फाइनल में टीम इंडिया के सामने 275 रनों का लक्ष्य था और एक समय टीम के तीन विकेट 114 रनों के अंतर पर गिर गए थे। उस समय पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए युवराज सिंह को आना था, लेकिन धोनी ने अपना दिमाग चलाया और खुद बल्लेबाजी के आए।

जब माही ने ये फैसला लिया, तो सभी हैरान रह गए थे, लेकिन एक बार फिर उन्होंने अपने फैसले को सही साबित करके दिखाया। धोनी का यह फैसला टीम के काम आया और भारत 28 सालों के बाद वर्ल्ड कप जीतने में सफल रहा। धोनी ने फाइनल में शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 91 रन बनाए।

4- 2012 सीबी सीरीज

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2012 में एक बार फिर से भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर सीबी सीरीज खेली गई थी। इस सीरीज में Dhoni ने एक बार फिर एक ऐसा फैसला लिया जिससे पूरे क्रिकेट जगत में उनकी काफी आलोचना हुई। मगर इस बार फैसले का परिणाम सकारात्मक नहीं रहा।

दरअसल, एमएस धोनी इस सीरीज में रोटेशन पॉलिसी लेकर आए। रोटेशन पॉलिसी के तहत उन्होंने एक मैच से सचिन तेंदुलकर को ड्रॉप किया तो दूसरे मैच से वीरेंद्र सहवाग को और तीसरे मैच से गौतम गंभीर को। हालांकि उनकी यह रणनीति पूरी तरह से फ्लॉप रही और भारतीय खिताब जीतना तो दूर फाइनल तक में नहीं पहुंच सकी। हालांकि ये माही के उन चंद फैसलों में से एक है, जिसने उन्हें सफलता नहीं दिलाई।

5- रोहित शर्मा से कराई ओपनिंग

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2013 में इंग्लैंड के मैदानों पर चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया था। इस टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी ने एक ऐसा फैसला लिया, जो सदा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान धोनी ने रोहित शर्मा को पहली बार एक ओपनर के तौर पर इस्तेमाल किया। उनकी इस ट्रिक ने काम किया और न सिर्फ टीम इंडिया चैंपियंस की चैंपियन बनने में सफल रही बल्कि मैन इन ब्लू को रोहित शर्मा के रूप में उनका नया सलामी बल्लेबाज भी मिल गया। आज रोहित एक ओपनर के तौर पर अनेक रिकार्ड्स की बारिश कर चुके हैं और इसके लिए श्रेय कप्तान Dhoni को देना सही होगा।

6- टेस्ट से लिया संन्यास, अचानक छोड़ी कप्तानी

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साल 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर Dhoni ने अचानक से अपने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। उस समय भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न के मैदान पर एक टेस्ट मैच खेला गया था जो अंत में ड्रा रहा। मैच के खत्म होने के बाद ही धोनी ने बीच सीरीज से अपने संन्यास को घोषणा कर दी, किसी को समझ ही नहीं आया और माही ने टेस्ट को अलविदा भी कह दिया।

उसके तीन साल बाद 2017 की शुरुआत में एक बार फिर Dhoni के एक फैसले ने फैंस को हिलाकर रख दिया। जब उन्होंने अचानक से ही लिमिटेड ओवर की कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया था। उनके कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली को 2015 में टेस्ट और 2017 में एकदिवसीय और टी20 टीम का कप्तान नियुक्त किया गया।

7- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कह दिया अलविदा

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साल 2019 में न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल में मिली बड़ी हार के बाद यही सवाल लगातर उठ रहा था कि आखिर एमएस धोनी कब अपने संन्यास का ऐलान करेंगे? वह संन्यास लेंगे भी या नहीं? मगर उन्होंने पिछले साल 2020 में 15 अगस्त के मौके पर शाम को ठीक 7:25 मिनट पर इंस्टा पोस्ट के जरिए संन्यास लेकर पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था।

Dhoni ने अपनी पोस्ट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनकी पुरानी तस्वीरें थी और बैकग्राउंड म्यूजिक रखा था 'मैं पल दो पल का शायर हूं, पल दो पल मेरी कहानी है...' इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। इस बात को एक्सेप्ट करने में फैंस को काफी वक्त लगा कि उनका पसंदीदा खिलाड़ी अब नीली जर्सी में 22 गज की पट्टी पर नहीं लौटेगा।

टीम इंडिया एमएस धोनी