मौजूदा समय में क्रिकेट (Cricket) के खेल को 100 से भी ज्यादा देशों में खेला जाता है। लगभग 145 साल पुराने इतिहास वाले इस खेल में आज भी रोमांच और एक्शन की कमी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ी। क्रिकेट खेलने वाला हर खिलाड़ी हमेशा ही अपने देश के लिए खेलने के सपने संजोता है।
लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट (International Cricket) का दायरा मोटे तौर पर दर्जन भर टीमों तक सीमित रहता है। मसलन कुछ टीमें ही आईसीसी वर्ल्डकप जैसे बड़े टूर्नामेंट में अपनी जगह बना पाती है।
ऐसे में बहुत से देशों के प्रतिभावान खिलाड़ी अपने देश को छोड़कर ऐसे देश के लिए क्रिकेट (Cricket) खेलना पसंद करते हैं, जहां उनका भविष्य उज्वल होने की ज्यादा संभावना होती है। आज हम आपको 5 ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा देशों की क्रिकेट (Cricket) टीम में भाग लिया है।
1. ल्यूक रोंकी
साल 2015 का आईसीसी विश्वकप तो आपको याद ही होगा। इस वर्ल्डकप में न्यूज़ीलैंड की टीम को फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि न्यूज़ीलैंड टीम के फाइनल तक के सफर में दायें हाथ के बल्लेबाज ल्यूक रोंकी ने अहम भूमिका निभाई थी। जो की पहले ऑस्ट्रेलिया टीम का हिस्सा थे।
ल्यूक रोंकी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत की थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में दिग्गज और अनुभवी खिलाड़ियों की भरमार थी जिसके कारण उन्हें टीम में जगह नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद उन्होंने न्यूज़ीलैंड टीम का रुख कर लिया और 4 साल तक न्यू ज़ीलैंड क्रिकेट (Cricket) टीम का हिस्सा रहे।
2. केप्लर वेसल्स
केप्लर वेसल्स का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। लेकिन उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत 1982 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Cricket) टीम से की थी। वेसल्स ने अपने डैब्यू मैच में ही शतक जड़ कर सबको हैरान कर दिया था। लेकिन 3 साल ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने के बाद वेसल्स ने सन्यास लेने का ऐलान कर दिया।
इसके बाद उन्हे दक्षिण अफ्रीका की टीम से भी बुलावा आ गया। फिर इस खिलाड़ी ने साल 1991 से 94 तक साउथ अफ्रीकी टीम की वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी की। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि केप्लर उन चुनिंदा बल्लेबाजों में से एक हैं जो अपने क्रिकेट (Cricket) करियर में कभी भी शून्य पर आउट नहीं हुए।
3. ओएन मॉर्गन
ओएन मॉर्गन मौजूदा समय में लिमिटेड ओवर फॉर्मैट में इंग्लैंड टीम के कप्तान है और मौजूदा वर्ल्ड चैम्पीयन भी है। क्योंकि साल 2019 के क्रिकेट वर्ल्डकप में इंग्लैंड ने अपना पहला आईसीसी वर्ल्डकप जीता था। इस टीम के कप्तान ओएन मॉर्गन ही थे। लेकिन हैरानी की बात ये है कि मॉर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट (International Cricket) में कदम आयरलैंड की टीम से रखा था।
अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के लिए मशहूर ओएन मॉर्गन ने आयरलैंड के लिए अंडर-15, अंडर-17 औऱ अंडर-19 के साथ-साथ वनडे भी खेले हैं। लेकिन 2009 आईसीसी वर्ल्डकप के लिए इंग्लैंड की टीम ने मॉर्गन को अपनी टीम में शामिल कर लिया था। अब मॉर्गन इंग्लैंड को 50 ओवर का वर्ल्डकप जिताने वाले एकलौते कप्तान है।
4. डर्क नेनस
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज डर्क नेनस (Dirk Nannes) भी उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने दो देशों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट (International Cricket) खेली हो। ऑस्ट्रेलिया की टीम में शामिल होने से पहले नेनस नीदरलैंड्स के लिए क्रिकेट खेला करते थे। लेकिन उनकी प्रतिभा को सराहते हुए ऑस्ट्रेलिया टीम ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया।
डर्क नेनस ने अपने इंटरनेशनल करियर में 17 टी-20 मुकाबले खेले थे। जिसमें उन्होंने 16 की शानदार औसत के साथ 28 विकेट अपने नाम कीये थे। इसके अलावा नेनस ने आईपीएल (IPL) में भी खूब नाम कमाया। उन्होंने अपने आईपीएल करियर में 29 मैचों में 28 विकेट हासिल कीये थे।
5. इफ्तिकार अली खान पटौदी
इफ्तिखार अली खान पटौदी का नाम भारतीय क्रिकेट जगत में बेहद अदब के साथ लिया जाता है। क्योंकि इन्होंने भारतीय होने के बावजूद इंग्लैंड के लिए भी क्रिकेट खेला है। ये भारत देश के ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने से पहले की है। इफ्तिखार इंग्लैंड में पढ़ाई किया करते थे। इस दौरान उन्होंने इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में भाग लिया था।
साल 1931 में उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से एशेज़ सीरीज में भाग लिया था। इस सीरीज के पहले मैच में उन्होंने इंग्लैंड की जीत में अहम रोल निभाया था। लेकिन दिलचस्प बात ये हैं कि इफ्तिखार अली खान पटौदी साल 1946 में बतौर टीम इंडिया के कप्तान इंग्लैंड दौरे पर गए थे। इसके बाद इनके बेटे ने भी क्रिकेट में कदम रखा था।