ये है वो 5 खिलाड़ी जिनका करियर बनाने के लिए विराट कोहली ने तोड़ डाले सभी नियम
Published - 02 Jun 2020, 09:05 AM

कप्तान विराट कोहली ने जितनी तेजी से अपनी बैटिंग के जरिये लोगों कों अपना दीवाना बनाया है. ठीक उतनी ही तेजी से उन्होंने अपनी कप्तानी से बनाया है. वह लगातार अपनी कप्तानी से झंडे गाड़ रहे हैं. उनकी कप्तानी में भारत लगातार सीरीज दर सीरीज जीत रहा है. उन्होंने 30 वनडे मैचों में 22 जीत और 28 टेस्ट में 18 जीतें भारत को दिलायी हैं. अभी हाल ही में भारत ने श्रीलंका कों उसी की जमी में पहली बार 3-0 से टेस्ट सीरीज में मात दी है लेकिन कोहली की कप्तानी में न केवल भारतीय टीम का बल्कि इन खिलाड़ियों का भी फायदा हुआ है. और ये खिलाड़ी पहले से अधिक निखर कर आए हैं.
उमेश यादव-
आज टीम इण्डिया के नियमित गेंदबाज बन चुके उमेश यादव कोहली की कप्तानी से पहले भी भारतीय टीम में खेलते थे. लेकिन वह केवल उछाल भरी पिच पर ही प्रदर्शन कर पाते थे. जबकि एशिया उपमहाद्वीप में वे कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाते थे. लेकिन कोहली की कप्तानी में उमेश यादव ने अपनी लय को वापस पाते हुए और उसमें विविधताएं जोड़ते हुए वह एक पूरी तरह से अलग गेंदबाज बन गए. कोहली की कप्तानी में उमेश यादव ने 21 टेस्ट मैचों में 45 विकेट हासिल किए हैं. जबकि 15 वनडे मैचों में 25 विकेट हासिल किए.
मोहम्मद शमी-
दूसरा नाम है तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का जिन पर कोहली ने अपना भरोषा जताया. जिन्होंने कोहली की कप्तानी में खेलते हुए शमी ने विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्होंने 14 टेस्ट में 28.23 के औसत से 43 विकेट लिए हैं. शमी ने उमेश यादव के साथ मजबूत साझेदारी बनाई है और वर्तमान कप्तान के अन्तर्गत उनके सुधार का प्रमाण उनके विकेटों की संख्या से लगाया जा सकता है.
चेतेश्वर पुजारा-
कोहली की कप्तानी पारी की शुरुआत में पुजारा को टीम से बाहर कर दिया गया था और इसके पीछे का कारण यह था कि कोहली चाहते थे कि पुजारा अपना प्रदर्शन और बेहतर करें. पुजारा ने कठिन परिश्रम किया और उनकी मेहनत काम आयी, एक बार फिर से उन्हें टीम में वापस बुला लिया. कोहली की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने 62.51 की औसत से सिर्फ 23 मैचों में 2000 रन अपने नाम कर चुके हैं। जिसमें सात शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। वहीं धोनी की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने तीन अतिरिक्त टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 50 से कम की औसत से रन बनाए हैं और एक शतक लगाया. और वह नई दीवार के नाम से जाने जाने लगे.
रविन्द्र जड़ेजा-
भारतीय टीम में जड़ेजा आज सबसे कीमती खिलाड़ी के रूप में शामिल हैं. जबसे से विराट कोहली ने कप्तानी संभाली है. जड़ेजा आज दुनिया के नंबर एक बॉलर और ऑलराउंडर हैं. और जडेजा के इस नये अवतार के पीछे कोहली ने जो रोल अदा किया है उसे कम नहीं आंका जा सकता है. इसलिए कोहली की कप्तानी में जडेजा ने 19 टेस्ट में 20.84 के औसत से 106 विकेट लिए हैं, जबकि धोनी की कप्तानी के तहत उनका औसत 30 के आसपास था.
लोकेश राहुल-
आईपीएल में किए अपने प्रदर्शन के बूते भारतीय टीम में जगह बनाने वाले केएल राहुल ने अभी बेहतरीन प्रदर्शन किया है. और भारतीय कप्तान विराट कोहली उनसे बहुत प्रभावित हैं. केएल राहुल ने कोहली की कप्तानी बहुत अधिक मैच नही खेले हैं लेकिन कुछ ही मैचों में कोहली के सबसे प्रिय खिलाड़ी बन गये हैं. लेकिन उनकी कप्तानी में राहुल के प्रदर्शन में सुधार जरूर हुआ है.
इन सभी खिलाड़ियों का करियर बनाने में विराट कोहली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है विराट कोहली ने सभी नियमो को तोड़ इन खिलाड़ियों के लिए वो सब कुछ किया, जो एक कप्तान को करने चाहिए, विराट कोहली ने इन खिलाड़ियों को तब तक मौका दिया जब तक इन्होने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की न कर ली, इन खिलाड़ियों की वजह से कई युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आज तक भारतीय टीम में जगह नहीं मिल सकी.
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