इन 3 खिलाड़ियों को BCCI समझती है बलि का बकरा, प्रदर्शन करने के बावजूद नहीं होते टीम में शामिल
Published - 20 Feb 2023, 12:55 PM

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भारत में क्रिकेट की सर्वोच्च और सर्वमान्य संस्था है. बीसीसीआई ही खिलाड़ियों का भविष्य तय करती है. हालांकि BCCI ने भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों तक पहंचाया है और आज की तारीख में भारतीय क्रिकेट में सारी सुविधाओं से लैस दुनिया की सबसे मजबूत और तगड़ी टीम बन चुकी है. लेकिन कभी कभी BCCI अपनी भूमिका में पक्षपाती मालूम पड़ती है.
इसकी वजह है कुछ खिलाड़ियों को लगातार फ्लॉप होने के बावजूद भरपूर मौका और कुछ खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा और प्रदर्शनके बावजूद कम मौके देकर उनके करियर को तबाह करना. हम इस आर्टिकल में तीन ऐसे खिलाड़ियों की बात करेंगे जिसे BCCI की तरफ से पूरा सहयोग नहीं मिला. इसमें एक करियर लगभग खत्म है जबकि दो का धीरे धीरे हो रहा है.
शिखर धवन
शिखर धवन (Shikhar Dhawan) बिना किसी संशय के भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में उनकी औसत और स्ट्राइक रेट शानदार रही है. लेकिन भारत को कई मैच अपने दम पर जीतान वाले शिखर धवन का करियर नए खिलाड़ियों को मौका देने के चक्कर में बर्बाद कर दिया. सालों पहले टेस्ट से बाहर हुए शिखर को बीच के वर्षों में कभी वनडे और टी 20 में मौका मिलता था लेकिन शायद अब उसके दरवाजे भी बंद हो चुके हैं.
5 साल पहले अपना आखिरी टेस्ट खेलने वाले धवन को BCCI ने हाल के वर्षों में वनडे फॉर्मेट में तब याद किया जब दूसरे खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे या चोटिल थे. लेकिन राहुल जैसे खिलाड़ी को फ्लॉप रहने के बावजूद लगातार मौका दिया गया. 37 साल के धवन के लिए अब BCCI वनडे के लिए भी अपने दरवाजे बंद कर उनके करियर पर पूरी तरह ताला लगा दिया है. बता दें कि धवन ने 34 टेस्ट में 2315, 167 वनडे में 6793 और 68 टी 20 में 1759 रन बनाए हैं.
संजू सैमसन
संजू सैमसन (Sanju Samson) की प्रतिभा को हमेशा से क्रिकेट वर्ल्ड में सराहा गया है. उनकी तकनीक को हमेशा तारीफ मिली है लेकिन इस बल्लेबाज की क्लास शायद बीसीसीआई को नहीं दिखती इसलिए तो उनके बाद अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले पंत, किशन को काफी मौके मिले.
अब श्रीकर भरत को दिए जा रहे हैं लेकिन सैमसन को नहीं. सैमसन को टीम में होने के बावजूद सिर्फ बैठने के लिए कुर्सी मिलती है. और यही कारण है कि सैमसन के मामले में BCCI पर लगने वाला पक्षपात का आरोप सही जान पड़ता है. अपने 8 साल के अंतराष्ट्रीय करियर में संजू सैमसन को सिर्फ 11 वनडे और 17 टी 20 मैचों में खेलने का मौका मिला है. जबकि पंत और किशन को रन न बना पाने के बावजूद न जाने कितने मौके BCCI की तरफ से दिए जा चुके हैं और आगे भी दिए जाएंगे.
कुलदीप यादव
कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) एक ऐसे गेंदबाज हैं जिनका रिकॉर्ड तो उनके बारे में काफी कुछ बयां करता है लेकिन ये आंकड़े उनके बेहतरीन क्रिकेटर होने की गवाहील देते हैं लेकिन मैच दर मैच टीम में जगह बरकरार होने की गारंटी नहीं देते. कुलदीप यादव को तब खिलाया जाता है जब कोई खिलाड़ी इंजर्ड हो. कुलदीप अच्छा प्रदर्शन करते हैं और इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है.
हालिया उदाहरण बांग्लादेश दौरा है जहां पहले टेस्ट में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन कर भारत को मैच जीताने वाले और प्लेयर ऑफ द मैच रहे कुलदीप को फिर खेलने का मौका नहीं मिला. कुलदीप का करियर इसी तरह समाप्त हो रहा है. कुलदीप यादव ने 8 टेस्ट में 34, 78 वनडे में 130 और 28 टी 20 में 46 विकेट लिए हैं.
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