सुनील गावस्कर और नासिर के बीच कोहली की वजह से हुआ विवाद, पूर्व भारतीय कप्तान ने सुनाई खरी-खोटी

Published - 26 Aug 2021, 08:24 AM

sunil gavaskar-nasser

भारतीय क्रिकेट टीम के महान पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर (sunil gavaskar) और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Naseer hussain) के बीच बीते बुद्धवार को विराट कोहली (Virat Kohli) को लेकर काफी कहासुनी देखने को मिली. इस दौरान भारतीय पूर्व क्रिकेटर भला कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने भी इंग्लिश टीम के पूर्व क्रिकेटर को बुरी तरह से झिटक दिया. दोनों के किस बात को लेकर इतनी बहस हुई, जानिए इस रिपोर्ट के जरिए.....

बुली के मसले पर भड़के पूर्व भारतीय क्रिकेटर

sunil gavaskar

पूर्व इंग्लिश कप्तान का कहना है कि, पिछली क्रिकेट टीमों को विराट कोहली के नेतृत्व वाली मौजूदा टीम की तुलना में मैदान पर धमकाना (बुली करना) काफी आसान था. ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर ने इस मसले पर हुसैन से चर्चा करते हुए कहा कि, यदि उनकी पीढ़ी के क्रिकेटरों को कहा जाता है कि उन्हें धमकाया जा सकता था तो वो इस बात के लिए बहुत नाराज होंगे.

सुनील गावस्कर (sunil gavaskar) और हुसैन के बीच इस दौरान एक लेख को लेकर सोनी पर आन-एयर (सीधे प्रसारण के दौरान) जुबानी जंग हो गई. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने यह लेख ब्रिटेन के एक अखबार के लिए लिखा है. जिसमें नासिर ने ऐसा लिखा है कि, पहले की भारतीय टीमें इस मौजूदा टीम की तुलना में एक इकाई के तौर पर मजबूत नहीं थीं, जो मौजूदा सीरीज में इंग्लैंड पर 1-0 से बढ़त बनाए हुए है.

नासिर के लेख का दिया करारा जवाब

तीसरे टेस्ट मैच में चल रही कमेंट्री के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने आन-एयर हुसैन से पूछा कि,

"आपने कहा कि इस भारतीय टीम को बुली नहीं किया जा सकता, जबकि पिछली पीढ़ी की टीमों को किया जा सकता था. पिछली पीढ़ी के बारे में बात करते हुए, क्या आप बता सकते हैं कि कौन सी पीढ़ी? और बुली का सही मायने क्या है?"

इसके बाद हुसैन ने यह समझाने का प्रयास किया कि, उन्होंने अपने लेख में जो लिखा है उसका मतलब क्या है.

लेकिन, सुनील गावस्कर (sunil gavaskar) जो समझ रहे थे, वो इससे बिल्कुल अलग नहीं था. हुसैन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि,

'मुझे केवल ऐसा लगता है कि पिछली भारतीय टीमें आक्रामकता को नहीं, नहीं, नहीं कहती थीं. लेकिन, कोहली ने जो किया है वो दोगुना आक्रामकता दिखा रहा है. मैंने सौरव गांगुली की टीम में इसकी झलक देखी थी और उन्होंने शुरुआत की थी, जिसे कोहली जारी रख रहे हैं. यहां तक कि जब विराट टीम में नहीं (आस्ट्रेलियाई दौरे) थे तो अंजिक्य (रहाणे) ने आस्ट्रेलियाई टीम पर दबदबा बनाया था.'

आंकड़ों को गिनाते हुए नासिर को दिखाया आइना

सुनील गावस्कर (sunil gavaskar) ने कुछ डाटा के मुताबिक हुसैन के सभी दावों को फेल साबित कर दिया. उन्होंने कहा,

'लेकिन जब आप कहते हैं कि पिछली पीढ़ी की टीमों को धमकाया जा सकता था तो मुझे ऐसा नहीं लगता. यदि मेरी पीढ़ी को धमकाए जा सकने वाली कहा जाता है तो मैं बहुत नाराज हो जाऊंगा. यदि आप रिकार्ड देखें तो 1971 में हमने जीत हासिल की, जो इंग्लैंड का मेरा पहला दौरा था.

1974 में हम आंतरिक समस्याओं के कारण 0-3 से हार गए थे. 1979 में हम 0-1 से हारे थे. अगर हम ओवल में (भारतीय टीम 8 विकेट पर 429 रन पर थी और मैच ड्रा हुआ) 438 रन के लक्ष्य का पीछा कर लेते तो यह 1-1 हो सकता था.'

इसी सिलिसले में पूर्व कप्तान ने यह भी बताया कि,

'1982 में हम 0-1 से हारे. 1986 में हमने 2-0 से जीत हासिल की, जिसे हम 3-0 से भी जीत सकते थे. इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमारी पीढ़ी को धमकाया जा सकता था.'

विरोधी को बिना जवाब दिए दिखा सकते हैं एकता- पूर्व भारतीय कप्तान

आखिर में सुनील गावस्कर (sunil gavaskar) ने कहा कि आक्रामक होने मतलब ऐसा नहीं होता कि, आपको विरोधी टीम के मुंह पर ही जवाब देना होगा. उन्होंने कोहली का नाम लिए बिना कहा,

'मुझे नहीं लगता कि आक्रामक होने का मतलब ये है कि, आपको हमेशा प्रतिद्वंद्वी के मुंह पर जवाब देना होता है. आप जुनून दिखा सकते हो, आप हर विकेट के गिरने के बाद चिल्लाए बिना भी अपनी टीम के प्रति प्रतिबद्धता दिखा सकते हैं.'

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