कुलदीप के टेस्ट टीम में सेलेक्शन से नाखुश है संजय मांजरेकर, बताई वजह
Published - 21 Jul 2018, 11:46 AM

जहां एक तरफ फैंस कुलदीप यादव के टेस्ट टीम में आने से खुश है, वहीं क्रिकेट जगत का एक बड़ा नाम इस नए दौर के सेलेक्शन प्रणाली से परेशान दिख रहा है। कुलदीप यादव ने सफेद गेंद से तो वो कमाल कर दिया जो क़ाबिले तारीफ है। पहले टी-20 मुकाबले में 5 विकेट, पहले एकदिवसीय मुकाबले में 6 विकेट। यहां तक कि दूसरे एकदिवसीय में भारत की हार में भी 3 विकेट झटक लिए।
सफेद बॉल से अच्छा करने पर, टेस्ट में जगह से परेशान दिखे संजय मांजरेकर
Not liking the trend of wrist spinners getting ahead in race for spots in Tests based on their limited overs performances.
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) July 21, 2018
लेकिन भारतीय क्रिकेट के जाने-माने हस्ती संजय मांजरेकर इस तरह के सेलेक्शन प्रणाली को ले काफी परेशान दिख रहे है। संजय ने ट्वीट कर लिखा "मुझे यह कतई पसंद नहीं आ रहा कि रिस्ट लेग स्पिनर्स का टेस्ट क्रिकेट में नाम सिर्फ सफेद बॉल से अच्छा गेंदबाजी करने के लिए हो रहा है। "
इसमें कोई दो राय नहीं की टेस्ट मैचों में इस्तेमाल की जाने वाली लाल गेंद से खेलना सफेद गेंद के मुकाबले मुश्किल है। टेस्ट में गेंदबाजी का अनुभव काफी जरूरी होता है, क्योंकि आपको फिजिकल के साथ-साथ, विकेट न मिलने पर मानसिक तौर से भी मजबूत रहना पड़ता है और यह मजबूती अनुभव के साथ आती है।
हालही रोहित को टेस्ट में जगह न देने पर ट्रोल का शिकार हुई थी बीसीसीआई
https://twitter.com/IMPrateek45/status/1019511474048438272
ग़ौर करने वाली बात है कि हालही सोशल मीडिया पर बीसीसीआई को क्रिकेट फैंस ने रोहित को टीम में जगह न देने पर काफी ट्रोल किया था।
इस जुलाई सफेद गेंद से भारत के लिए रोहित ने दो शानदार शतक बनाए थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हीं शतकों की बौदौलत भारतीय बल्लेबाजी मजबूत रही थी। यानी अगर सेलेक्टर्स सफेद गेंद को इतना तबजु दे रहे है तो रोहित का नाम टीम में न रखने पर इस चयन की प्रणाली पर सवाल तो खड़ा करती है।
टेस्ट में कुलदीप का कैरियर
अब तक भारत के लिए खेले गए 2 टेस्ट मुकाबलों में 20.78 की औसत से कुलदीप ने 9 विकेट झटके है। यहां तक की उनकी इकॉनमी भी मात्र 3.22 की है।
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