रवि शास्त्री ने अपनी कोचिंग तरीके में किया बदलाव जिसका असर श्रीलंका के खिलाफ पहले ही टेस्ट मैच में दिखा
Published - 01 Aug 2017, 12:53 PM

क्रिकेट के खेल में हर एक खिलाड़ी का काफी अहम रोल होता हैं, टीम में शामिल ओपनर खिलाड़ी से लेकर अंतिम खिलाड़ी तक के प्रदर्शन पर निर्भर करता हैं, कि टीम उस मैच में कैसा खेलने वाली हैं और ये सारी जिम्मेदारी जीतनी कप्तान पर निर्भर करती हैं, उतना ही टीम के कोच पर क्योकि टीम के कोच का काम होता हैं, कि मैच से पहले अपने खिलाड़ियों को उसके लिए पूरी तरह से तैयार करना हर कोच का अपना काम करने का एक बिल्कुल अलग ही तरीका होता हैं, कि वो कैसे अपने खिलाड़ियों को मैच के पहले तैयार करता हैं, इसलिए अब अधिकतर टीमों में कोच के साथ एक लम्बा चौड़ा सपोर्ट स्टाफ भी होता हैं.
शास्त्री ने दिखाया प्रभाव
अनील कुंबले के चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रवि शास्त्री को टीम का अगला कोच नियुक्त कर दिया जिसके बाद उनका कोच के रूप में पहला दौरा श्रीलंका का हैं, जिसकी शुरुआत टेस्ट सीरिज से हुयी और भारतीय टीम ने गॉल में खेले गए पहले टेस्ट में जिस तरह का खेल दिखाकर सिर्फ चार दिन में ही इस मैच को खत्म को कार दिया उसमे रवि शास्त्री के कोचिंग करने के अलग ढंग को भी देखा जा सकता हैं.
स्टाइल में किया बदलाव
रवि शास्त्री ने कुंबले के कोच पद सँभालने से पहले इस टीम के निदेशक के रूप में काम किया, जिसके बाद अब उनका कोच के रूप में भारतीय टीम के साथ ये पहला कार्यकाल हैं, लेकिन इसके पहले जब उन्होंने टीम के निदेशक के रूप में काम किया था तब उनका स्टाइल थोडा अलग था पर कोच बनने के बाद उनका खिलाड़ियों को मैच के पहले तैयार करने का तरीका बिल्कुल अलग हो गया हैं, जिसमे उन्होंने कुछ अहम चीजे अपनी कोचिंग करने के तरीके के शामिल की हैं.
वार्मिंगअप में लाये नया तरीका
रवि शास्त्री ने जो अपने कोचिंग करने के तरीके में सबसे पहला बदलाव किया हैं, वह खिलाड़ियों के वार्मिगअप करने के तरीके में जिसका प्रभाव पहले ही मैच में देखा जा सकता हैं. इस वार्मिगअप के तरीके के बदलाव का असर ये हुआ हैं, कि अब मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी बल्लेबाजी करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं, इस नए तरीके से बल्लेबाजी में कोई भी असर नहीं होगा बल्कि खिलाड़ी मैदान में उतरने से पहले बल्लेबाजी के लिए तैयार जरुर हो जायेगा.
नेट पर पहुँचों और हिट करों
गॉल टेस्ट में जब शिखर धवन बल्लेबाजी करने के लिए उतरे तो उस समय ऐसा लगा कि वे काफी देर से इस पिच पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. रवि शास्त्री ने खिलाड़ियों से कह दिया कि जैसे ही वे नेट पर बल्लेबाजी करने के लिए पहुंचे तुरन्त गेंद को हिट करने लगे क्योकि हमें पहले बल्लेबाजी भी करनी पड़ सकती है और इसका असर ये हुआ कि शिखर धवन ने पहली पारी में ही 190 रन बना डाले वो ऐसे जैसे कि वे किसी वनडे मैच में बल्लेबाजी कर रहे हों. ये थोडा अलग तरह का प्रयोग हैं लेकिन टीम के सभी खिलाड़ियों ने इसका पूरी तरह से पालन किया जिसमे कप्तान कोहली भी शामिल हैं.
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