विराट कोहली ने बताया कैसे 183 रनों की पारी ने बदला उनका करियर
Published - 31 May 2020, 03:31 AM

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जब से देश में कोरोना वायरस के चलये लॉकडाउन हुआ है तब से टीम इंडिया के ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्र अश्विन को सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय व्यतीत करते देखा गया है. आये दिन सोशल मीडिया पर ना सिर्फ आर अश्विन बल्कि अन्य खिलाड़ी भी विदेशी खिलाड़ियों या अपने साथी खिलाड़ियों के साथ लाइव चैट करने नजर आये है.
बीते दिन रवि अश्विन और भारतीय कप्तान विराट कोहली को इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन करते देखा गया. लाइव चैट के दौरान दोनों ही खिलाड़ियों ने क्रिकेट से जुड़े काफी मुद्दों पर चर्चा की.
183 रनों की पारी का हुआ जिक्र
साल 2012 बांग्लादेश के मैदानों पर एशिया कप का आयोजन किया था और एक मैच भारत और पाकिस्तान के बीच भी हुआ था. यह मैच ढाका के मैदान पर खेला गया था और टीम इंडिया के सामने विशाल 330 रनों का लक्ष्य था. मैच को भारत ने 13 गेंद शेष रहते पूरे छह विकेट से जीतकर अपने नाम किया था.
इस हाई स्कोरिंग मुकाबलें में भारतीय टीम को जीत दिलाने का जिम्मा विराट कोहली ने उठाया था. कोहली ने इस मैच में अपने वनडे की सबसे बड़ी 183 रनों की पारी खेली थी. पारी के दौरान विराट ने केवल 148 गेंदों का सामना किया था और 22 चौके और दो लंबे लंबे छक्के भी जड़े थे.
पारी ने बदली जिंदगी
अश्विन के साथ बातचीत के दौरान कोहली ने इस पारी को मैच बदलने वाला बताया और कहा, ''वह गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छी थी. उस वक्त उनकी गेंदबाजी आक्रमण बेहद ही चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि उनमें विविधताएं थी. उस टीम में शाहिद अफरीदी, शाईद अजमल, उमर गुल, एजाज चीमा और हफीज भी टीम में थे.
शुरुआत के 20-25 ओवर में कंडिशन साफ तौर पर उनके हक में थे लेकिन मैं तो सिर्फ सचिन पाजी के साथ बल्लेबाजी करके ही खुश था. यह उनकी वनडे में आखिरी पारी होने वाली थी और उन्होंने 50 रन बनाए और हमने 100 रन की साझेदारी निभाई तो यह मेरे लिए एक यादगार पल था.’’
मैच वाकई में रहा यादगार
मैच में विराट के साथ साथ सचिन तेंदुलकर (52), रोहित शर्मा (68) और सुरेश रैना नाबाद (12) ने भी बढ़िया योगदान दिया था. विराट ने आगे कहा,
यह प्राकृतिक रूप से हुआ क्योंकि मैं अपने आप को खुद ही उत्साहित कर रहा था चाहता था कि स्थिति मेरे मुताबिक हो. मुझे लगता है कि वह मेरे लिए मैच को बदलने वाला रहा.
"मुझे याद है वह रविवार का दिन था, भारत और पाकिस्तान का मैच था इसलिए पूरा देश इसको देख रहा था और सबका ध्यान इसी पर लगा था. मुझे वो लक्ष्य का पीछा याद है यह वाकई बहुत ही ज्यादा कठिन था. रोहित शर्मा ने शानदार खेल दिखाया था अंत में एमएस धौनी और सुरेश रैना ने भी तीन ओवर रहते ही मैच को खत्म कर दिया था. 330 रन जैसे लक्ष्य का ऐसे पीछा करने वाकई यादगार है"
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