क्रिकेट का खिलाड़ी हो या किसी भी खेल का प्राथमिक स्तर से लेकर माध्यमिक स्तर तक तो कम से कम पढ़ाई करनी पड़ती है. ऐसे में कोई भी हो जब किसी भी परीक्षा के परिणाम की बात हो तो सबका मन अशांत दिखता है. अगर परिणाम अच्छा नहीं रहे तो सबके घर वाले दुखित हो जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं जो अपने परिणाम से दुखी नहीं होते बल्कि आगे चलकर अपनी सफलता से सबको काफी पीछे छोड़ देते हैं. जी हां हम बात कर रहें हैं भारतीय खिलाड़ी मुरली विजय की.
मुरली विजय की पढ़ाई से दुखी होकर पिता ने बोल डाली थी ये बात
भारतीय टेस्ट ओपनर बल्लेबाज मुरली विजय का जन्म 1अप्रैल 1984 को तमिलनाडु में हुआ. शुरू से मुरली विजय पढ़ी में उतने उतने अच्छे नहीं रहे. उनके पढ़ाई से दुखी हो कर एक वक्त उनके पिता ने कह डाला की भविष्य में चपरासी बनेगा. लेकिन मुरली विजय ने उनको गलत साबित किया.
किसी भी कम में सफलता पहली बार हाथ लग जाये ऐसा करना काफी मुश्किल होता है. आम लोगो के जीवन में ऐसा नहीं होता है आम इन्सान को सफलता और असफलता के बीच काफी संघर्ष करना पड़ता है. मुरली विजय को भी पहली बार बारहवीं कक्षा में सफलता नहीं मिली. वह अपनी बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में असफल रहे.
सपने को पाने के लिए घर को छोड़ना पड़ा
17 साल की उम्र में वह अपने सपनों को पूरा करने घर से बाहर चले गए. उन्होंने अपने माता-पिता से कहा , ‘चिंता मत करो मैं आत्महत्या नहीं करूंगा, मैं कुछ भी बेवकूफी नहीं करूंगा. मैं बस अपने दम पर जो चाहता हूं उसे पाना चाहता हूं. इसके बाद उन्हें स्नूकर पार्लर में तक काम करना पड़ा.
चाहे कोई भी हो और उसका सपना कैसा भी हो, अपने सपनों को पूरा करने के लिए आपको दिन रात एक करना पड़ता है. ऐसा ही कुछ मुरली ने भी किया. अपने खर्चों को पूरा करने वह दिन में काम किया करते थे और रात में मैदान पर क्रिकेट का अभ्यास करते. एक वक़्त ऐसा भी था जब रुपए कम होने पर वह अनजान लोगों के साथ शेयरिंग रूम में ही रहे.
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के ओपनर हैं मुरली विजय
भारतीय टेस्ट टीम के ओपनर बल्लेबाज मुरली विजय ने टेस्ट क्रिकेट में 61 मैचो में 3982 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक शमिल है. आईपीएल में मुरली विजय चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे हैं, उन्होंने आईपीएल के 102 मैचों में 2561 रन बनाये हैं जिसमे उनके बल्ले से दो शतक भी निकला है. हालाँकि इस सीजन उनको आईपीएल में केवल एक मौका मिला जिसमे उन्होंने 38 रन बनाये.