क्या 18 साल से कम उम्र के क्रिकेटर्स के खिलाफ नहीं किया जाएगा बाउंसर गेंदों का इस्तेमाल?

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Sonam Gupta
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क्रिकेट के मैदान पर 'कनक्शन' के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। 'कनक्शन' का अर्थ होता है, जब सिर में चोट लगे और खिलाड़ी की स्थिति अचेत हो जाए। ऐसे में पहले बल्लेबाजों को 'कनक्शन' होने पर रिप्लेसमेंट नहीं मिलता था, लेकिन अब नियमों में बदलाव कर दिए गए हैं और खिलाड़ियों को रिप्लेसमेंट मिलता है। मगर अब कनक्शन मामलों के एक विशेषत्र ने 18 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के खिलाफ बाउंसर गेंद फेंकने पर बैन लगाने की मांग की है।

18 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के सामने बाउंसर गेंदों पर लगेगा बैन?

कनकशन

क्रिकेट के गलियारों में आपने कई बार देखा होगा गेंदबाज बल्लेबाज को परेशान करने के लिए शॉर्ट पिच गेंदों का इस्तेमाल करते हुए, जिसका सामना करना बल्लेबाज के लिए मुश्किल होता है। मगर अब 'कनक्शन' मामलों में बदलाव की मांग शुरु हो गई है। इस मामले के एक जानकर ने क्रिकेट अधिकारियों से 18 साल से कम उम्र के क्रिकेटर्स के सामने बाउंसर गेंद फेंकने पर बैन लगाने की मांग की है। सिर की चोट से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के मीडिया निदेशक माइकल टर्नर ने ब्रिटिश अखबार ‘द टेलीग्राफ’ से कहा,

"जब आप युवा से वयस्क हो रहे होते हैं तब आपके दिमाग का भी विकास हो रहा होता है और ऐसे में आप कनक्शन से बचना चाहेंगे। आप किसी भी उम्र में कनकशन से बचना चाहेंगे, लेकिन यह युवाओं के लिए काफी खतरनाक हैं। इस उम्र (किशोर) समूह के खिलाड़ियों को कनकशन से बचाने के लिए नियमों में बदलाव कर इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस मामले में अधिकारियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।"

हेलमेट नहीं बचाता कनक्शन से

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बल्लेबाजी कर रहा बल्लेबाज हमेशा मैदान पर हेलमेट पहनकर उतरता है। हालांकि वह कभी - कभी स्पिनर्स के सामने हेलमेट उतार लेता है लेकिन तेज गेंदबाजों के सामने हेलमेट लगाता ही है। मगर अब टर्नर का कहना है कि हेलमेट आपको फ्रैक्चर से बचाता है लेकिन कनक्शन से नहीं बचा पाता है। उन्होंने कहा,

"हेलमेट को सिर के फ्रैक्चर को रोकने के लिए तैयार किया गया है, कनक्शन रोकने के लिए नहीं। ऐसे में इससे निपटने का एक ही रास्ता है, अगर जरूर हो तो नियमों में बदलाव होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि कम उम्र के क्रिकेटरों को सिर पर चोट लगने से लंबे समय तक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। युवाओं के दिमाग पर इसका अधिक गंभीर और दीर्घकालिक परिणाम होने की संभावना है क्योंकि आपके दिमाग का भी विकास हो रहा होता है।"

स्टीव स्मिथ की जगह आए थे मार्नस लाबुेशन

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आईसीसी नियमों के अनुसार पहले बल्लेबाज को जब सिर पर गेंद लगती थी और बल्लेबाज को कनक्शन होता था, तो उसे रिप्लेसमेंट प्लेयर नहीं मिलता था और उसे रूल्ड आउट होना पड़ता था। मगर एशेज सीरीज 2019 में पहली बार स्टीव स्मिथ को कनक्शन होने पर रिप्लेसटमेंट प्लेयर के रूप में मार्नस लाबुशेन को भेजा गया था। इस तरह लाबुशेन क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी हैं, जो कनक्शन होने पर रिप्लेसमेंट के रूप में बल्लेबाजी के लिए उतरे।

मार्नस लाबुशेन स्टीव स्मिथ