भारत-इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच पहला टेस्ट मैच नॉर्टिंघम में खेला जा रहा है. मैच के दूसरे दिन अच्छी शुरूआत करने के बाद भी भारतीय टीम ने चेतेश्वर पुजारा (cheteshwar Pujara) जैसे अहम विकेट गंवा दिए. पहले सेशन में सलामी बल्लेबाजों ने शानदार आगाज किया था. दोनों खिलाड़ी क्रीज पर जम गए थे. लेकिन, सेशन खत्म होने से पहले ही टीम इंडिया ने अपना पहला विकेट गंवा दिया. इसके बाद भारत को एक के बाद एक तीन बड़े झटके लगे.
इंग्लिश टीम के खिलाफ फिर से फ्लॉप हुआ ये टॉप ऑर्डर बल्लेबाज
टॉप ऑर्डर के तौर पर एक बार फिर से चेतेश्वर पुजारा (cheteshwar Pujara) को प्लेइंग इलेवन में उतारा गया था. लेकिन, अपने आपको फिर से वो साबित करने में फेल रहे हैं. बीते कुछ वक्त से वो अपने बल्ले से संघर्ष करते हुए देखे जा रहे हैं. जिसकी वजह से उनकी जगह पर भी खतरा मंडराने लगा है. WTC के फाइनल मुकाबले में भी दोनों पारियों में वो बुरी तरह से फेल रहे थे. इसके बाद से उनके रिप्लेसमेंट को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं.
हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उन्हें मैनेजमेंट ने उतारने का फैसला किया. इस बार टीम को ही नहीं बल्कि फैंस को भी उनसे खासा उम्मीदें थी. लेकिन, लंच के बाद केएल राहुल के साथ उतरे पुजारा ज्यादा देर तक क्रीज पर खुद का विकेट नहीं बचा सके. 16 गेंदों का सामना करते हुए उन्होंने सिर्फ 4 रन बनाए और जेम्स एंडरसन की गेंद पर बटलर को कैच देकर वापस पवेलियन लौट गए. बीती कुछ टेस्ट पारियों में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से रनों की गति बेहद धीमी रही है.
टीम इंडिया की दीवार में पड़ने लगी है दरार
सिडनी टेस्ट मैच के बाद उनके बल्ले से भले ही अर्धशतक निकला हो. लेकिन, एक बड़ी पारी खेलने में वो नाकामयाब रहे हैं. डब्ल्यूटीसी के फाइनल में भी वो बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे. इसके बाद से उनके टीम में वापसी को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ मिले टेस्ट मैच की पहली पारी के मौके को भुनाने में फिर से वो विफल साबित रहे हैं. बीते कुछ वक्त से उन्हें टीम इंडिया की दीवार माना जाता रहा है.
लेकिन, उनके हालिया प्रदर्शन को देखें तो इस दीवार में अब दरार पड़ती हुई साफ दिखाई दे रही है. साल 2020 में पुजारा के आउट होने के तरीकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसा लग रहा है कि गेंदबाज ने उनका तोड़ निकाल लिया है. साल 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से ही चेतेश्वर पुजारा (cheteshwar Pujara) का प्रदर्शन खराब चल रहा है. इस बेहद सफल दौरे के बाद टीम इंडिया के साथ वो वेस्ट इंडीज, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरा कर चुके हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने इस बीच भारत में भी पांच टेस्ट मैच खेले हैं.
बीती कुछ टेस्ट पारियों में ऐसा रहा है इस बल्लेबाज का हाल
साल 2018 के बाद कुल 11 टेस्ट मैचों की 17 पारियों में चेतेश्वर पुजारा (cheteshwar Pujara) के नाम सिर्फ 474 रन रहे हैं. इस दौरान उनका उच्च स्कोर 81 रन का रहा है. पुजारा के बल्ले से ये रन 27.88 की औसत से निकले हैं. जो उनके करियर औसत 47.96 से बेहद कम है. साल 2020 में तो उनका रिकॉर्ड और भी ज्यादा खराब रहा है. इस साल की 7 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 11, 11, 54, 24, 43, 0 और 17 रन निकले हैं. इन पारियों के लिए उन्होंने 42, 81, 140, 88, 160, 8 और 70 गेंदें खेली हैं. यानी की एक बात स्पष्ट है कि, वो क्रीज पर पूरा वक्त दे रहे हैं.
लेकिन, उन्हें वो टच नहीं मिल रहा है जिसकी उन्हें जरूरत है. साल 2021 उन्होंने कुल 8 टेस्ट मैच खेले हैं. इन मुकाबलों की 13 पारियों में उनके बल्ले से 28 की औसत से सिर्फ 368 रन निकले हैं. इस पारी में उनके बल्ले से सिर्फ 4 अर्धशतक निकले हैं. इसके लिए उन्होंने कुल 1168 गेंदों का सामना किया है. जबकि उनका उच्च स्कोर 77 रन का रहा है. उनके इस प्रदर्शन को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस समय वो अपनी समस्याओं से लगातार जूझ रहे हैं. अगर वो इंग्लैंड के खिलाफ अपने आपको साबित करने में विफल होते हैं. तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह उनके करियर का आखिरी दौरा साबित होगा.