Cheteshwar Pujara: इन दिनों रणजी ट्रॉफी 2023-24 का आगाज़ हो रहा है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से टीमें हिस्सा ले रही है. 38 टीमों के साथ खेला जा रहा ये टूर्नामेंट का वेन्यू कुल 53 जगहों पर किया गया है. 26 से 29 जनवरी के बीच सौराष्ट्र और सर्विसेज़ के बीच मुकाबला खेला गया. इस मैच में पुजारा की शानदार पारी देखनो को मिला, जब वे अपनी चोट की समस्या से जूझ रहे थे. उनकी शानदार पारी की वजह से सौराष्ट्र को इस मैच में हार का सामना नहीं करना पड़ा.
Cheteshwar Pujara की दमदार पारी
इस मैच में सौराष्ट्र की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने बेहतरीन पारी का मुज़ायरा पेश किया था. उन्होंने ऐसे समय पर आकर मोर्चा संभाला, जब टीम के सलामी बल्लेबाज़ सस्ते मे ही पवेलियन लौट गए थे. इस मैच में उन्होंने 133 गेंद में 91 रनों की पारी खेली. अपनी पारी के दौरान पुजारा ने 10 चौके अपने नाम किया. हालांकि वे अपनी पारी में बैक इंजरी के साथ जूझ रहे थे. इस परिस्थति में 91 रन बनाना काबिले तारीफ है.
Cheteshwar Pujara scored 91 (133) for Saurashtra in the Ranji Trophy.
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 29, 2024
- He was struggling with a back injury, a gritty innings by Pujara. pic.twitter.com/cLVCuKSaxw
मैच का हाल
इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सर्विसेज़ ने पहली पारी में 7 विकेट खोकर 536 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. सर्विसेज़ की ओर से तीन बल्लेबाज़ों ने शतक जमाया. सलामी बल्लेबाज़ शुभम रोहिल्ला ने 153 रन बनाए, लवकेश बंसल ने भी 161 रनों की पारी खेली, जबकि अर्जुन शर्मा ने नाबाद 101 रन बनाए. वही सौराष्ट्र की ओर से विश्वराज जडेजा ने 88 रनों की पारी खेली, जबकि अंकिल वसवाडा ने 71 रन बनाए, जिसकी मदद से सौराष्ट्र 462 रन बना सकी और मैच का नतीजा ड्रा रहा.
टीम इंडिया से दूर चल रहे हैं Cheteshwar Pujara
पुजारा ने साल टीम इंडिया के लिए आखिरी टेस्ट मैच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मे खेला था. इस मैच मे निराश प्रदर्शन करने के बाद उन्हें आगामी सीरीज़ के लिए नज़रअंदाज़ कर दिया गया था. फिलहाल पुजारा रणजी में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने हाल ही में झारखण्ड के खिलाफ 243 रनों की पारी खेली थी. इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैच की सीरीज़ के आखिरी तीन मैच के लिए उन्हें चुना जा सकता है.
ये भी पढ़ें: बड़ी खबर: जडेजा के बाद भारत को लगा एक और बड़ा झटका, 19 शतक जड़ने वाला खिलाड़ी भी हुआ बुरी तरह चोटि
ये भी पढ़ें: 1983 से लेकर 2013 तक…टीम इंडिया के लिए लकी साबित हुए विदेशी कोच, 5 बार ICC की ट्रॉफी पर भारत ने जमाया कब्ज़ा