भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच को खत्म हुए अब लगभग एक हफ्ता बीतने को है, लेकिन इस मैच से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दरअसल, एक डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल को लेकर भारत-इंग्लैंड के बीच हुए चेन्नई टेस्ट के बाद से ही विवाद बढ़ गया है, इसकी वजह एमसीसी कमेटी के द्वारा डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल, लार के इस्तेमाल पर स्थायी बैन लगाने की मांग से हुई है।
चेन्नई मैच के बाद से ही हो रहा है विवाद
चेन्नई में खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्स मैच को खत्म होने और उससे जुड़े विवादों क बीच, क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल, लार के इस्तेमाल पर स्थायी रोक लगाने के साथ ही खेल से जुड़े कई नियमों में बदलाव पर विचार कर रही है।
इन नियमों में बदलाव को लेकर मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी ) की सोमवार को एक बैठक भी हो चुकी है। इस क्लब के कई सदस्यों ने कहा कि अंपायर्स कॉल काफी कंफ्यूज करने वाला नियम है, और यह फैंस को समझ नहीं आता है। वैसे क्लब के कुछ सदस्यों ने अंपायर्स कॉल का बचाव भी किया है।
डीआरएस को लेकर हुआ था विवाद
चेन्नई में खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच में डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल को लेकर विवाद बढ़ गया था। दरअसल इस टेस्ट के तीसरे दिन स्पिनर अक्षर पटेल की एक गेंद पर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के खिलाफ विकेटकीपर ऋषभ पंत ने कैच की अपील की थी। लेकिन फील्ड अंपायर नितिन मेनन ने इसे ठुकरा दिया था।
इसके बाद पंत ने कप्तान कोहली को डीआरएस लेने के लिए कहा। कोहली ने डीआरएस लिया। रिप्ले में दिखा कि गेंद बल्ले से नहीं टकराई थी। इसका मतलब रूट के खिलाफ जो कैच की अपील की गई थी, उससे वो बच गए थे। लेकिन बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि अक्षर की यह गेंद सीधे रूट के पैड पर टकराई थी। ऐसे में एलबीडब्ल्यू को लेकर वो फंस रहे थे। लेकिन अंपायर्स कॉल की वजह से भारत को रूट का विकेट नहीं मिला। तब से ही इसे लेकर बहस तेज हो गई है।
अंपायर्स कॉल को एमसीसी ने दिए नए सुझाव
आईसीसी से मिली सूचना के मुताबिक, सौरव गांगुली, कुमार संगकारा और शेन वॉर्न जैसे दिग्गजों वाली एमसीसी की कमेटी में अंपायर्स कॉल के मुद्दे पर लंबी बहस हुई। इसमें कुछ सदस्यों ने कहा कि अंपायर्स कॉल की जगह सिर्फ आउट या नॉट आउट का फैसला होना चाहिय, तो ज्यादा ठीक होगा। हालांकि, स्टंप्स से गेंद के टकराने की सूरत में अंपायर्स कॉल बनाए रखने पर सभी सदस्य एक मत दिखे। इसके तहत गेंद का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स पर लगना चाहिए।
इसके अलावा एमसीसी के सदस्य ने इस बात पर भी चर्चा की क्या कोरोना के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक को स्थायी कर दिया जाए। कमेटी के कई सदस्यों ने बैठक में स्थायी तौर पर लार के इस्तेमाल को बैन करने की मांग की. हालांकि, इसे लागू करने से पहले खिलाड़ियों की भी राय ली जाएगी.