मुंबई के खिलाफ मध्यप्रदेश की टीम ने खेला था 'जुआ', कोच Chandrakant Pandit ने किया चौंका देने वाला खुलासा

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Manvi Nautiyal
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Chandrakant Pandit on Venkatesh Iyer

मध्यप्रदेश की किस्मत बदलने वाले कोच चंद्रकांत पंडित (Chandrakant Pandit) ने टीम के चैंपियन बन जाने के बाद चौंका देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान अपने बयान में कहा है कि मध्य प्रदेश की टीम ने फाइनल में सफल रणजी ट्रॉफी टीम मुंबई के खिलाफ चार गेंदबाजों के साथ मैदान पर जाने का "जुआ" खेला और ट्रॉफी अपनी नाम करने में सफल रही। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों चंद्रकांत पंडित ने ऐसा कहा...

फाइनल मैच से पहले दुविधा में थे Chandrakant Pandit

Madhya Pradesh Team

रविवार को बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई को रणजी ट्रॉफी फाइनल में पटखनी दे मध्यप्रदेश की टीम ने एक दशक के लम्बे अंतराल के बाद पहला रणजी खिताब अपने नाम किया। वहीं, इस जीत के बाद कोच टीम के कोच ने खुलासा किया है कि वह फाइनल मैच से पहले गेंदबाजों की संख्या को लेकर दुविधा में थे। पंडित ने कहा,

‘‘मैं फाइनल से पहले अपनी टीम में गेंदबाजों की संख्या को लेकर खुद दुविधा में था। चिंतित कप्तान श्रीवास्तव ने मुझसे कहा कि वह केवल चार गेंदबाजों के साथ मैच संभाल नहीं सकेंगे और मुझे उन्हें एक और तेज गेंदबाज देना ही होगा। जगदाले मुझसे बोले कि अगर मेरा दिल कहता है कि मैं फाइनल में चार गेंदबाजों के साथ टीम उतारूं, तो मुझे इसी योजना पर आगे बढ़ना चाहिए।’’

Chandrakant Pandit ने अपनी दुविधा दूर करने के लिए इसको किया फोन

Sanjay Jagdale

कोच (Chandrakant Pandit) ने कहा कि उन्होंने अपनी दुविधा दूर करने के लिए मध्य प्रदेश के सीनियर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर संजय जगदाले को फोन किया। कोच (Chandrakant Pandit) ने आगे कहा,

‘‘हमने चुनौती स्वीकार करते हुए तय किया कि हम चार गेंदबाजों के साथ ही फाइनल खेलेंगे क्योंकि अगर मुंबई की टीम अच्छे बल्लेबाजों से लैस है, तो जवाब में हमारे पास भी अच्छे बल्लेबाज हैं। हमने एक जुआ खेला। ईश्वर ने हमें अपना आशीर्वाद दिया। हमने पिछले दो सत्रों के दौरान संभावित खिलाड़ियों और बाद में टीम के चयनित सदस्यों के साथ कुल 400 दिन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए।’’

Chandrakant Pandit की एमपीसीए ने की जमकर तारीफ

Ranji trophy 2022

मध्य प्रदेश के पहले रणजी खिताब के मुख्य शिल्पकार कोच चंद्रकांत पंडित की एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंडित को कोच चुनने का शानदार नतीजा आज हमारे सामने है। अभिलाष ने कहा,

‘‘एमपीसीए के पदाधिकारियों ने मुझे काम करने की पूरी आजादी और हर मुमकिन सहयोग दिया। कोच पंडित ने हमारी टीम के खिताब जीतने के बाद मुझे बताया कि रणजी स्पर्धा की तैयारियों से जुड़े एमपीसीए के हर दस्तावेज के कवर पर रणजी ट्रॉफी की तस्वीर छापी गई थी ताकि टीम का हर सदस्य प्रोत्साहित होकर इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रति 100 फीसदी योगदान करे। पंडित को कोच चुनने का शानदार नतीजा आज हमारे सामने है। पंडित को कोच चुनने का शानदार नतीजा आज हमारे सामने है।’’

आदित्य श्रीवास्तव की अगुवाई वाली टीम ने रविवार को बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े मैच में 41 बार की रणजी चैंपियन मुंबई को हराकर साढ़े छह दशक के लंबे अंतराल के बाद अपना पहला रणजी खिताब जीता। चंद्रकांत पंडित की कोचिंग में एमपी में इतिहास रचा।

Chandrakant Pandit