आज के लेख में हम बात करने जा रहे हैं तीन ऐसे ही कप्तान और कोच (Captain-Coach)के बारे में, जो एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे और इसका नतीजा टीम के प्रदर्शन के ऊपर भी साफ तौर दिखाई दिया. इस लिस्ट में भारत को दो दिग्गज कप्तान का भी नाम शामिल है.
सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गागंली का नाम इस लिस्ट में पहले नंबर पर आता है. चैपल ने साल 2005 में टीम इंडिया को हेड कोच पद का ज़िम्मा संभाला था. लेकिन कुछ दिन बाद चैपल और गांगुली के बीच विवाद शुरु हो गया था. साल 2005 में ही चैपल ने ज़िमबाब्वे दौरे पर गांगुली को कप्तानी छोड़ और अपने खेल पर ध्यान देने की राय पेश की थी. इसके अलावा चैपल ने गांगुली की जगह प्लेइंग इलेवन में मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह को चुने जाने का बयान दिया था. हालांकि दोनों के बीच करीब 2 साल तक विवाद जारी रहा. अंत में ग्रेग चैपल का सफर साल 2007 में खत्म हो गया.
विराट कोहली और अनील कुंबले
साल 2016 में अनील कुंबले को भारतीय टीम का कोच बनाया गया. कोच बनने के बाद कोहली और कुंबले (Captain-Coach)के बीच विवाद ने जन्म लिया, जिसके बाद अनील ने एक साल बाद यानि साल 2017 में हेड कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह दावा किया गया था कि कोहली और कुंबले एक विचार पर एकमत नहीं थे. इस बात का खुलासा बीसीसीआई के पूर्व प्रशासक रत्नाकर शेट्टी ने अपनी किताब "ऑन बोर्ड टेस्ट ट्रायल" में किया है. उनके मुताबिक ये दावा किया गया था कि कुंबले की वजह से ड्रेसिंग रुम में तनाव का माहौल रहता है.
शाहिद अफरीदी और वकार यूनुस
लिस्ट में तीसरा नाम शाहिद अफरीदी और वकार वकार यूनुस का आता है. साल 2011 में दोनों के बीच विवाद होना शुरु हो गया था. जब पाकिस्तान वेस्टइंडीज़ दौरे पर थी, तब वकार यूनुस ने अफरीदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका अनुशासन खराब है. उनके पास गेमप्लान की कमी है. अफरीदी किसी भा प्रकार की सलाह नहीं सुनते हैं. दोनों कप्तान और कोच (Captain-Coach) के बीच कभी नहीं बनी. अफरीदी ने एक मीटिंग को बीच से ही छोड़ दिया था, जिसके बाद उन्हें कप्तानी से भी इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में उन्होंने यू-टर्न लेते हुए 5 साल तक क्रिकेट खेला था.
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