भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar)को स्विंग का बादशाह माना जाता है. क्योंकि वह बॉल को हवा में दोनों तरफ लहराने में माहिर हैं. उनकी स्विंग गेंदबाजी के सामने बड़े से बड़े बल्लेबाज बेबस नजर आते हैं. भुवी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में शानदार गेंदबाजी की थी.
भले ही टीम इंडिया को दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी कातिल गेंदबाजी से हर किसी का दिल जीत लिया. वहीं उनकी बेहतरीन गेंदबाजी पर साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज डेल स्टेन ने बडी प्रतिक्रिया दी है.
डेल स्टेन ने Bhuvneshwar Kumar की तारीफ
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 5 मैचों की टी-20 सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज में मेहमान टीम ने 2-0 से बढ़त बना ली है. वहीं कटक में खेले गए दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) ने शानदार गेंदबाजी की थी.
उन्होंने अपने स्पेल में 4 ओवरों में 3.25 की इकोनॉमी से 13 रन देकर 4 अहम विकेट अपने नाम किए. जिसके बाद उनके इस प्रदर्शन की जमकर तारीफ की गई. वहीं उनकी बढ़िया गेंदबाजी पर साउथ अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और तेज गेंदबाज डेल स्टेन (Dale Steyn) ने तारीफ करते हुए कहा कि,
'इस तरीक़े से भाग कर आना और लगातार नकल गेंद डालना, कहीं से भी आसान नहीं है. इस तरीक़े की गेंद करने के लिए आत्मविश्वास और कौशल की आवश्यकता होती है और यह साफ़ झलक रहा है कि भुवनेश्वर के पास ये दोनों चीज़ें हैं. उनका इस तरीक़े से गेंदबाज़ी करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उनमें यह हुनर पहले सी है और वह एक अच्छे गेंदबाज़ हैं'
डेल स्टेन ने भुवी से पूछा था उनका लक्ष्य
तेज गेंदबाज डेल स्टेन (Dale Steyn) को सनराइजर्स हैदराबाद ने IPL के 15वें सीजन के लिए बॉलिंग कोच नियुक्त किया था. इस दौरान डेल स्टेन और भुवनेश्वर कुमार ने काफी समय एक साथ बिताया. दोनों एक दूसरे के बारे में भली भांति जानते हैं. आईपीएल में कोच होने के नाते डेल स्टेन भुवी के हर पहलू पर नजर रखते थे. उस समय स्टेन ने भुवनेश्वर पूछा कि तुम्हारा लक्ष्य क्या है. जिसपर डेल स्टेन ने बताया कि,
'मैंने उनसे (भुवनेश्वर) पूछा कि इस आईपीएल में आपका गोल क्या है? और उन्होंने चुपके से मुझसे कहा, मैं फिर से पर्पल कैप जीतना चाहूंगा' और मैं यह सुन कर काफ़ी ख़ुश हुआ यह दर्शाता है कि यह आदमी दृढ़ है और वह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया को साबित करना चाहता है कि वह उसमें अभी भी काफ़ी ऊर्जा है'