एशिया कप 2025 से पहले टीम इंडिया का फैन हुआ ये पाकिस्तानी खिलाड़ी, अपनी ही टीम के खिलाफ दिया ऐसा बयान, पाक फैंस को लगेगी मिर्ची

Published - 12 Sep 2025, 04:09 PM | Updated - 12 Sep 2025, 11:36 PM

Asia Cup 2025

Asia Cup 2025 : इन दिनों भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी ज़्यादा तनाव बढ़ा हुआ हैं। अप्रैल में हुए पहलगाम हमले और मई में भारत के ऑपरेश सिंदूर के बाद दोनों देशों में काफी दूरियां बढ़ गई हैं। जहां दोनों देशों ने तय किया की वह आपस में द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेंगे। लेकिन भारतीय जनता में कड़े विरोध और सियासी विवाद के बाद दोनों देश 14 सितम्बर को आपस में एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) का मुक़ाबला खेलने जा रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान मैच से पहले पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने भारतीय क्रिकेट टीम की रणनीति और खिलाड़ियों के प्रबंधन की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने खास तौर पर एक तेज़ गेंदबाज़ के करियर में उनकी विस्फोटक क्षमता को बनाए रखने के लिए अपनाई गई रोटेशन नीति की प्रशंसा की।

Asia Cup 2025 से पहले भारतीय रोटेशन नीति और बुमराह की तारीफ

एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) से पहले पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ उमर गुल ने भारतीय टीम की रोटेशन नीति और खिलाड़ियों के मैनेजमेंट की खुलकर तारीफ की। उन्होंने विशेष रूप से जसप्रीत बुमराह की देखभाल और उनकी विस्फोटक क्षमता को बनाए रखने के तरीके की प्रशंसा की।

गुल ने बताया कि भारत में खिलाड़ियों का कार्यभार और चोटों का प्रबंधन कितनी सटीकता के साथ किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब कोई तेज़ गेंदबाज़ चोटिल हो जाता है, तो उसकी पेस गन में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन बुमराह ने यह साबित किया कि सही रिहैब और आराम के साथ अपनी गति और प्रदर्शन को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट की नीति पर उठाया सवाल

उमर गुल ने पाकिस्तान क्रिकेट की प्रणाली की तुलना करते हुए कहा कि वहां रोटेशन नीति की कमी और सीनियर खिलाड़ियों पर अत्यधिक दबाव होता है। "जब हम खेलते थे, तो कोई भी सीनियर खिलाड़ी हिचकिचाता नहीं था। अगर वह 70-80% फिट भी होता, तो वह खेलना चाहता था," गुल ने कहा। उनका मानना है कि यह टीम की योजना और रवैये की कमी का असर है।

गुल ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में केवल प्रदर्शन देखा जाता है। नया खिलाड़ी अच्छा खेलता है तो उसे मौका मिलता है, लेकिन अनुभवी खिलाड़ियों की फिटनेस और प्राथमिकता पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस वजह से कई सीनियर खिलाड़ी चोटिल होने के बावजूद खेलते हैं, जिससे लंबे अंतराल में उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है।

बुमराह के मामले में भारत का मॉडल

गुल ने भारतीय टीम की व्यवस्थित प्रणाली की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, "भारत में खिलाड़ियों, कोच और मेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी साझा होती है। खिलाड़ी खुद जानते हैं कि वे कितने फिट हैं। डॉक्टर और प्रबंधन उन्हें पूरी तरह ठीक होने का समय देते हैं, ताकि चोट से प्रभावित होने के बिना खेल सकें।"

उन्होंने बुमराह का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्हें सही समय पर आराम और रिहैब दिया गया और बड़े टूर्नामेंट्स में ही मैदान पर उतारा गया। इसका नतीजा यह हुआ कि बुमराह अपनी विस्फोटक गेंदबाज़ी को लंबे समय तक बनाए रखने में सफल रहे।

रणनीतिक सोच और टीम प्रबंधन

उमर गुल का यह बयान न केवल भारतीय क्रिकेट की तारीफ है, बल्कि यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए भी सोचने का विषय है। उन्होंने कहा, "रोटेशन नीति और रिहैब बेहद जरूरी हैं। खिलाड़ी को पूरी तरह फिट होने का समय देना और उनकी प्राथमिकता बनाए रखना ही सही रणनीति है।"

गुल के अनुसार, इस नीति से खिलाड़ियों की फिटनेस और प्रदर्शन लंबी अवधि तक बनाए रखी जा सकती है, जैसा कि बुमराह के करियर में देखा गया।

उमर गुल के अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नज़र

पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ उमर गुल ने साल 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ शारजाह में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। अपनी सटीक लाइन-लेंथ और खासकर डेथ ओवर्स में शानदार गेंदबाज़ी के लिए मशहूर गुल को टी20 क्रिकेट का पहला बड़ा सितारा माना जाता था ।

अपनी यॉर्कर और स्लोअर गेंदों से उन्होंने दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों को परेशान किया और पाकिस्तान टीम के अहम गेंदबाज़ बने।

उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 47 मैच खेले और 163 विकेट झटके। टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी प्रदर्शन 6/135 रहा। गुल ने कुल चार बार पारी में पाँच या उससे अधिक विकेट हासिल किए। टेस्ट क्रिकेट में वह लगातार गेंदबाज़ी करने और लंबे स्पेल डालने के लिए जाने जाते थे।

टी20 में भी मचाया है धमाल

वनडे क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 130 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले और 179 विकेट अपने नाम किए। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आंकड़ा 6/42 रहा, जो उनकी घातक गेंदबाज़ी की क्षमता को दर्शाता है।

टी20 क्रिकेट में उमर गुल का नाम सुनते ही बल्लेबाज़ों के मन में डर बैठ जाता था। उन्होंने 60 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले और 85 विकेट लिए। उनका बेस्ट प्रदर्शन 5/6 रहा, जो आज भी टी20 इतिहास के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों में गिना जाता है। 2009 टी20 वर्ल्ड कप में गुल पाकिस्तान की जीत के हीरो रहे और 13 विकेट लेकर टूर्नामेंट के टॉप गेंदबाज़ साबित हुए।

अपने करियर में उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट को कई यादगार जीत दिलाई। उन्हें पाकिस्तान के सबसे सफल और भरोसेमंद टी20 गेंदबाज़ों में गिना जाता है।



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उमर गुल पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ हैं, जो खासकर टी20 क्रिकेट में अपनी घातक गेंदबाज़ी के लिए मशहूर रहे। उन्होंने 2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था और 2009 टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें डेथ ओवर्स का स्पेशलिस्ट माना जाता है।

उमर गुल ने टेस्ट क्रिकेट में 163 विकेट, वनडे इंटरनेशनल में 179 विकेट और टी20 इंटरनेशनल में 85 विकेट हासिल किए।