BCCI: टी 20 क्रिकेट के दौर में टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. भारत की बात करें तो युवा क्रिकेटर खुद को रणजी ट्रॉफी या फिर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए खुद को तैयार नहीं कर रहे बल्कि वे खुद को इस तरह तैयार कर रहें है कि उनका चयन IPL में हो जाए और फिर वे टी 20 फॉर्मेट में टीम इंडिया का हिस्सा बन जाएं.
इससे प्रथम श्रेणी क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट को नुकसान हो रहा है. पिछले 3 साल में प्रथम श्रेणी क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट को तरजीह देने वाले खिलाड़ियों की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गई है. बीसीसीआई (BCCI) इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और इससे निपटने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है.
कोच, कप्तान, चयनकर्ताओं के संपर्क में BCCI
द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई (BCCI) ने युवा खिलाड़ियों के बीच प्रथम श्रेणी क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के लिए कैसे रुचि बढ़ाई जाए इससे संबंधित सलाह मांगी है. खबर ये है कि टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़, कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने बोर्ड को टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों की फिस बढ़ाने की सलाह दी है. इसमें अंतराष्ट्रीय मैचों के साथ घरेलू प्रथम श्रेणी मैचों की फिस बढ़ाने की बात कही है.
टीम मैनेजमेंट ने बोर्ड को दिया ये सुझाव
रिपोर्ट के मुताबिक, टीम इंडिया मैनेजमेंट जिसमें कोच और कप्तान शामिल हैं, ने बोर्ड (BCCI) को टेस्ट और प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ियों की मैच फिस मौजूदा मैच फिस 3 गुणा बढ़ाने की सलाह दी है. टीम मैनेजमेंट का तर्क है कि एक खिलाड़ी को आईपीएल खेलने के लिए औसतन 1 करोड़ रुपये मिलते हैं जबकि न्यूनतम बेस प्राइस 20 लाख होती है. रणजी सीजन में एक टीम अधिकतम 10 मैच खेलती है.
अगर एक सीजन में रणजी खिलाड़ियों को मैच फिस के रुप में कुल 75 लाख रुपये तक मिले तो फिर इससे युवा खिलाड़ी IPL के साथ साथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट पर भी ध्यान देंगे और इससे भारतीय क्रिकेट खासकर टेस्ट क्रिकेट को फायदा होगा. इसके साथ ही अंतराष्ट्रीय मैचों की फिस भी तीन गुणा बढ़ाने की सलाह दी गई है. इससे युवा खिलाड़ियों में टेस्ट टीम में जगह बनाने का जज्बा और जोश बरकरार रहेगा और उनकी कमाई भी वनडे और टी 20 फॉर्मेट की तरह या उससे बेहतर होगी. टेस्ट क्रिकेट के लिए 5 तेज गेंदबाजों, स्पिनर्स और विकेटकीपर बल्लेबाजों के लिए स्पेशल कांट्रेक्ट की बात भी चल रही है.
बता दें कि मौजूदा समय में 20 से कम रणजी मैच खेले खिलाड़ियों को प्रति मैच 40,000, 21 से 40 मैच के बीच अनुभव वाले को 50, 000 और 40 से ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 60 हजार रुपया प्रति मैच मिलता है. जबकि एक टेस्ट खेलने के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों को 15 लाख रुपये मिलते हैं.
बोर्ड का फैसला आना बाकी
टीम इंडिया मैनेजमेंट द्वारा टेस्ट क्रिकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट को बचाने के लिए दिए गए सुझाव पर बीसीसीआई (BCCI) विचार कर रही है. इसी वजह से 28 फरवरी को नए सत्र (2023-2024) के लिए सिर्फ कांट्रैक्ट लिस्ट का ऐलान किया गया है.
चारों कैटगरी में शामिल खिलाड़ियों को कितना पैकेज मिलेगा और मैच फिस क्या होगी, इसका ऐलान अभी बाकी है. खबरों के मुताबिक बीसीसीआई तीन गुणा फिस शायद ही बढ़ाएगी लेकिन इतनी फिस बढ़ने की उम्मीद है जिससे IPL रणजी और टेस्ट के लिए खतरा न बन सके.
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