भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है। जहां वो इस वक्त न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच खेल रही है। इसके बाद उन्हें 4 अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला भी खेलनी है। टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच का तो हाल बेहाल ही लग रहा है।
ऐसा लग रहा है की यह मैच ड्रा हो सकता है, लेकिन अब ऐसे में सभी खिलाड़ियों को परखने का मौका जरूर मिल जाएगा। जिससे इंग्लैंड के खिलाफ सही प्लेइंग इलेवन चुनी जा सके। लेकिन, एक बात तो तय हो चुकी है कि अब शुभमन गिल (Shubman Gill) का इंग्लैंड के खिलाफ खेलना मुश्किल ही लग रहा है।
फाइनल मैच में Shubman Gill ने बनाए सिर्फ 36 रन
जब भारतीय टीम का चयन किया गया था तब उसमे शुभमन गिल (Shubman Gill) को सलामी बल्लेबाज के रूप में चुना गया था कि वो रोहित शर्मा का बखूबी साथ निभाएंगे। लेकिन, वो इस काम में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। पहले पहली पारी में उनके बल्ले से 64 गेंदों में सिर्फ 28 रन निकले थे और जब भारतीय टीम दूसरी पारी खेलने उतरी तब भी वो कुछ कमाल नहीं कर सके।
Shubman Gill इस बार भी 33 गेंदों में सिर्फ 8 रन बनाकर टिम साउदी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने टीम इंडिया के साथ ही भारतीय प्रशंसकों की भी उम्मीद तोड़ दी। अब इसे चाहे यह माना जाए कि वो इंग्लैंड के हालातों से सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं या फिर उन्हें अभ्यास का मौका नहीं मिला सका। वैसे यह दिक्कत तो अन्य बल्लेबाजों के साथ भी है। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला में मयंक अग्रवाल को मौका दिया जा सकता है।
पांच टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अर्धशतक
भारतीय टीम के लिए सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले शुभमन गिल (Shubman Gill) ना तो न्यूजीलैंड के खिलाफ ही प्रदर्शन कर पा रहे हैं और ना ही कुछ महीने पहले भारतीय जमीन पर हुए इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में भी नाकामयाब रहे थे। 5-9 फरवरी तक चेन्नई में खेले गए उस सीरीज के पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी के अर्धशतक को मिलाकर गिल ने वर्तमान में चल रहे टेस्ट मैच को मिलाकर कुल पांच मैचों में सिर्फ एक ही पचास रन जड़े हैं।
गिल ने कुल सात टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 13 पारियों में सिर्फ 378 रन ही बनाए हैं। ऐसे में भारतीय टीम उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हो सकता है कि मौके ही ना दे। जबकि उनकी जगह टीम के स्टैंड बाई सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को मौका दिया जा सकता है। जिन्होंने 14 मैचों में ही 4 शतक व तीन अर्धशतकों की मदद से हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं।