Amanjot Kaur: टी20 विश्व कप से पहले टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका(INDW vs SAW) के बीच ट्राई सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज का पहला मुकाबला 19 जनवरी को दोनों टीमों के बीच खेला गया. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इस रोमांचित मैच को 27 रनों से अपने नाम कर लिया.
इस मैच की जीत हीरों गरीब कारपेंटर की बेटी अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) रहीं. जिन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में शानदार प्रदर्शन से टीम की लाच बचाई. उसके बाद से फैंस गूगल पर इस बहादुर बेटी के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक है. चलिए जानेते हैं कौन अमनजोत कौर और कैसे तय किया टीम इंडिया में पहुंचने का सफर..
Amanjot Kaur ने जीता करोड़ों भारतीयों का दिल
इस सीरीज का पहला मुकाबला ईस्ट लंदन में भारतीय महिला क्रिकेट टीम और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया. इस मुकाबले में रीब कारपेंटर की बेटी अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) को डेब्यू करने का मौका मिला.
इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 147 रन बनाए. बतादें कि 69 रनों पर आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी. फिर सात नंबर पर अमनजोत कौर की बल्लेबाजी करने आई.
किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह अपने मुकाबले में टीम इंडिया लाज बचा लेंगी. अमनजोत ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 30 गेंदों में 41 रन बनाए जिसकी वजह से टीम इंडिया स्कोर सम्माजनक बना सका. उन्हें इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.
कुछ ऐसी हैं अमनजोत कौर की कहानी...
अपने देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है. क्योंकि वह अपने प्रदर्शन से अपने परिवार और देश का नाम रौशन करना चाहते हैं. वहीं अफ्रीका में खेली जा ट्राई सीरीज अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) ने भारतीय फैंस का दिल जीतने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
बता दें कि कौर ने 15 साल की उम्र में क्रिकेट एकेडमी में कदम रखा और मात्र 23 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर तहलका मचा दिया. आज वह अपने टैलेंट की वजह से सुर्खियों में बनी हुई हैं. लेकिन सुर्खियों के पीछे इस महिला खिलाड़ी का कड़ा संघर्ष छिपा है.
अमनजोत कौर के पिता है कारपेंटर
मंहगाई के इस दौर में एक IPS बनाने के लिए जितना पैसा खर्च होता है. उतना ही पैसा एक खिलाड़ी के ऊपर भी होता है. लेकिन गरीब परिवार से कोई खिलाड़ी देश की नेशनल क्रिकेट टीम तर पहुंच जाए तो उसे किसी करिश्मे से कम नहीं कहेंगे.
क्योंकि अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य बन चुकी है. यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि उनके पिता कारपेंटर का काम करते हैं. लेकिन उन्होंने कभी अपनी गरीबी को आड़े नहीं आने दिया.
भूपिंदर सिंह ने अपनी बेटी का दाखिला एक क्रिकेट एकेडमी में कराया. एक शहर से दूसरे शहर बेटी सपने के लिए सफर किया. लेकिन आज अमनजोत के पिता की मेहनत सूद समेत वसूल हो चुकी है क्योंकि उनकी बेटी क्रिकेट की दुनिया में अपनी चनक बिखने के लिए तैयार है. उन्होंने जिस तरह से आगाज किया है उम्मीद करते अंजाम भी उतना ही शानदार होगा.
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