Shreyas Iyer: भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को टीम इंडिया का भविष्य माना जाता है. यही वजह है कि उन्हें तीनों ही फॉर्मेट में समान रुप से मौके दिए जा रहे हैं. लेकिन करियर की शुरुआत से ही अय्यर की सबसे बड़ी कमी उनके प्रदर्शन में निरंतरता रही है जो अभी भी कायम है. विश्व कप 2023 में अच्छा प्रदर्शन करने वाला ये बल्लेबाज फाइनल जैसे अहम मौके पर बड़ी पारी खेलने से चूक गया था. अय्यर को अफ्रीका दौरे पर तीनों फॉर्मेट के लिए चुना गया. टी 20 और वनडे में उनका प्रदर्शन साधारण रहा लेकिन टेस्ट में वे पूरी तरह फ्लॉप रहे हैं जिसका परिणाम भारतीय टीम को भुगतना पड़ रहा है.
टेस्ट सीरीज में फ्लॉप रहे Shreyas Iyer
श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज में बड़े बड़े बल्लेबाजों को दरकिनार करते हुए मौका दिया गया. मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने आ रहे श्रेयस से टीम को हर बार अच्छी पारी की जरुरत थी और इस खिलाड़ी ने हर बार निराश किया है.
मध्यक्रम के बल्लेबाज मुश्किल समय में बड़ी पारियां खेल टीम को मजबूती की तरफ ले जाते हैं लेकिन अय्यर ने टीम इंडिया की मुश्किल बढ़ाई ही है. अफ्रीका सीरीज की तीन पारियों में वे 31, 6 और शून्य का स्कोर कर सके हैं. उनकी तकनीक से ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा है कि वे टेस्ट खेलने के लिए समर्पित दिख रहे हों. उनकी बल्लेबाजी को देखने के बाद ऐसा लगता है कि काश भारत अपने अनुभवी बल्लेबाज को दौरे पर ले गई होती है.
ये बल्लेबाज होता बेहतर विकल्प
जून 2023 में लगभग 17 महीने बाद टीम इंडिया में वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने अपने वापसी मैच में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे. उन्होंने दोनों पारियों में 89 और 46 रन बनाए थे. इसके बाद वेस्टइंडीज दौरे पर वे उतने सफल नहीं रहे और इस वजह से उन्हें बीता हुआ कल समझते हुए टीम इंडिया ने ड्रॉप कर दिया और श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को मौका दिया लेकिन अब लगता है कि रहाणे श्रेयस ज्यादा बेहतर विकल्प हैं खासकर टेस्ट में.
विदेशी पिचों पर रहाणे का रिकॉर्ड अच्छा है जो कम भारतीय खिलाड़ियों में देखने को मिलता है. साउथ अफ्रीका में रहाणे ने 6 टेस्ट में 402 रन बनाए हैं. अगर इस दौरे पर रहाणे होते तो भारतीय टीम का इतना बुरा हाल न होता लेकिन कप्तान रोहित शर्मा और हेच कोच राहुल द्रविड़ ने इस खिलाड़ी की अहमियत नहीं समझी.
भारत को दिलाई है ऐतिहासिक जीत
2013 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले 35 साल के अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) 2022 जनवरी तक इस फॉर्मेट के नियमित सदस्य थे और भारत के साथ ही विदेशी पिचों पर भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ हुआ करते थे. 85 टेस्ट मैचों में 12 शतक लगाते हुए 5077 रन बना चुके रहाणे एक समय टेस्ट फॉर्मेट में भारत के संभावित कप्तान थे. भारत ने उन्हीं की कप्तानी में 2020-21 में कई बड़े खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराया था.
इसके बावजूद इस बेहतरीन खिलाड़ी को टीम से ड्रॉप करते हुए न सिर्फ इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया बल्कि टीम इंडिया के मध्यक्रम को भी कमजोर किया गया. जबकि इसी दौरान केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर को लगातार मौके दिए गए. रहाणे भी भारतीय क्रिकेट के उन खिलाड़ियों में शुमार हैं जिनका करियर बीसीसीआई द्वारा नरअंदाज किए जाने की वजह से उस मुकाम पर नहीं पहुँच पाया जहां पहुँच सकता था.
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