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टीम इंडिया (Team India) ऑस्ट्रेलिया में 5 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेल रही है. इस सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत को रोहित शर्मा की कप्तानी में हार का सामना करना पड़ा. पिंक बॉल टेस्ट में भारत को एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. इस शर्मनाक हार के बाद कई खिलाड़ियों के करियर पर बड़ा संकट मडराने लगा है.
वहीं अब 38 वर्षीय खिलाड़ी के लिए भारतीय टीम के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो सकते हैं जिसने एडिलेड टेस्ट में फैंस नहीं कप्तान की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया. आइए जानते हैं उस खिलाड़ी के खिलाड़ी के बारे में...
Team India के इस उम्रदराज खिलाड़ी ने किया निराश
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चयनकर्ताओं ने मिली- जुली टीम का सिलेक्शन किया है. इस दौरे के लिए उम्रदराज खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया. जबकि अनकैप्ड हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी को भी चांस दिया. इन दोनों युवाी खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से निराश नहीं किया. लेकिन, बोर्ड को जिस खिलाड़ी से सबसे ज्यादा उम्मीदें थी उसी खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा निराश किया. वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि सबसे सीनियर स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन है. उन्हें दूसरे टेस्ट में मिली हार के लिए भारत का सबसे बड़ा विलेन माना जा रहा है.
एडिलेड टेस्ट मौका मिलने पर नहीं छोड़ी छाप
टीम इंडिया (Team India) के स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए स्क्वाड में शामिल किया गया है. पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने उन्हें एकादश का हिस्सा नहीं बनाया. लेकिन, रोहित शर्मा ने दूसरे टेस्ट में चार्ज संभालते ही उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल किया. मगर, पिंक बॉल टेस्ट में अश्विन बॉलिंग के साथ साधारण साबित हुए, उन्होंने पहली पारी में 18 ओवर्स गेंदबाजी की, लेकिन, जिसमें उन्हें 1 विकेट मिला.
करियर के आखिर दौर से गुजर रहे हैं 38 वर्षीय अश्विन
रविचंद्रन अश्विन अपने करियर के आखिरी दौर में प्रवेश कर चुके हैं. उन्हें 38 साल की उम्र में मौके दिए जा रहे हैं जिसकी वजह से सिलेक्टर कमेटी की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं. वहीं दूसरी ओर कुलदीप यादव, वरूण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और चहल जैसे टैलेंटेड खिलाड़ी अपनी बारी के इंतजार में बैठे हैं.
अश्विन की वजह से युवा खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी हो रही है. अगर, अश्विन आने वाले मैचों में विकेट नहीं ले पाते हैं तो BGT उनके लिए आखिरी दौरा साबिच हो सकता है. ऐसे में उनके पास संन्यास लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा.