पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम (Afghanistan Cricket Team) ने खुद को काफी अच्छी तरह आगे बढ़ाया है। अब टीम के मुख्य कोच लालचंद राजपूत ने अफगानिस्तान की कोचिंग को लेकर बयान जारी किया है। उनका कहना है कि जब उन्होंने अफगानिस्तान की कोचिंग देने का फैसला किया था, तब उनका कई लोगों ने मजाक बनाया था। मगर फिर भी उन्होंने अफगानिस्तान की कोचिंग की जिम्मेदारी ली और टीम को अच्छी तरह से आगे बढ़ाया।
Afghanistan Cricket Team में काम करना काफी अच्छा रहा
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम (Afghanistan Cricket Team) बहुत ही अच्छी तरह आगे बढ़ रही है। क्रिकेटनेक्स्ट पर जी विश्वनाथ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान लालचंद राजपूत ने अफगानिस्तान टीम की कोचिंग को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा,
"अफगानिस्तान में काम करना काफी अच्छा रहा क्योंकि ज्यादातर प्लेयर्स को हिंदी आती थी, इसलिए उन्हें समझाने में आसानी होती थी। चुंकि ये वॉर जोन कंट्री है और इसी वजह से प्लेयर्स काफी कड़ी मेहनत अपने गेम पर करते थे। जब खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो एक कोच के तौर पर आपको इस तरह के प्लेयर्स के साथ काम करने में मजा आता है। एक टीम के तौर पर भी हमें काफी सफलता मिली और टेस्ट टीम का दर्जा प्राप्त हुआ।"
अफगानिस्तान के कोच बनने पर हंसे थे लोग
लालचंद राजपूत ने 2016-17 में Afghanistan Cricket Team को कोचिंग दी थी और वह मौजूदा वक्त में जिम्बाव्बे क्रिकेट टीम के कोच के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि जब उन्होंने अफगानिस्तान की कोचिंग का ऑफर स्वीकार किया था, तो कई लोग उनपर हंसे थे। उन्होंने आगे कहा,
"जब मैंने अफगानिस्तान का ऑफर स्वीकार किया था तो कई लोग मुझ पर हंसे थे। लेकिन मैंने इसे एक चैलेंज के तौर पर देखा और अफगानिस्तान के साथ अपने कार्यकाल का पूरा लुत्फ उठाया। मैंने काफी कड़ी मेहनत की क्योंकि मैं ये साबित करना चाहता था कि अफगानिस्तान वर्ल्ड क्रिकेट की बेहतरीन टीमों में शुमार हो सकती है। टेस्ट टीम का दर्जा हासिल करके हमने ऐसा करके भी दिखाया। इसके अलावा राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब जादरान जैसे प्लेयर्स को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिली है।"