Abtaha Maqsood हिजाब पहनकर गेंदबाजी करते हुए पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। क्रिकेट के मैदान में किसी भी प्रकार से जाति, रंग और नस्ल के आधार पर भेदभाव की बिल्कुल जगह नहीं है। क्रिकेट खेल रहे हर खिलाड़ी की पहचान मैदान आर उसके द्वारा किए गए प्रदर्शन से की जाती है। यही खेल की खूबसूरती है।
भारत देश में इन दिनों मुस्लिम महिलाओ के हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है। बहुत सी महिलाएं हिजाब से नाखुश है, जबकि कुछ महिलायें हिजाब को धारण कर अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस करती है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला क्रिकेटर अबताहा मकसूद (Abtaha Maqsood) के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने हिजाब के साथ क्रिकेट खेलने से बिल्कुल परहेज नहीं किया।
Abtaha Maqsood को देख चौंक गई थी दुनिया
पिछले साल जुलाई 2021 में इंग्लैंड में 100 गेंदों का क्रिकेट टूर्नामेंट 'द हंड्रेड' काफी लोकप्रिय हुआ था। इस टूर्नामेंट के फेमस होने का मुख्य केंद्र स्पिन गेंदबाज अबताहा मकसूद थी, 22 वर्षीय अबताहा मकसूद (Abtaha Maqsood) ने हिजाब (Hijab) पहनकर गेंदबाजी करते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया था। आबताहा का ये अनोखे अंदाज में गेंदबाजी करना लोगों को बेहद पसंद भी आया था। ये पहला मौका था जब कोई क्रिकेटर मैदान पर हिजाब पहन कर खेल रहा हो।
Scotland's @WildcatsCricket were lethal with the ball today, Abtaha Maqsood taking 3/8 including two in two to end the Uganda innings! 💪 #WT20Q pic.twitter.com/XxZoKhD4mj
— ICC (@ICC) July 7, 2018
जब पहली बार हिजाब (Hijab) पहनकर मैदान में उतरी अबताहा
एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान अबताहा (Abtaha Maqsood) ने पहली बार हिजाब (Hijab) पहनकर क्रिकेट के मैदान में कदम रखने का अपना अनुभव साझा किया था। उन्होंने कहा कि
"जब मैं छोटी थी तब मैंने किसी मुस्लिम एथलीट को हिजाब पहनते नहीं देखा। जब मैं हिजाब पहनकर खेलने पहुंची तो मुझे काफी डर लग रहा था। उन्होंने बताया था कि हॉल में आने से भी मैं डर रही थी। क्योंकि, लोगों का फोकस मेरे ऊपर ही होगा। लेकिन, मैंने हिम्मत नहीं हारी। हिजाब (Hijab) पहनकर क्रिकेट खेलने के लिए मैं काफी उत्साहित भी थी। इतना ही नहीं जो युवा लड़कियां हिजाब पहनती हैं, वो मुझे देख पाएंगी और उनमें भी हिम्मत भी आएंगी।"
11 साल की उम्र से खेल रही है क्रिकेट
अबताहा मकसूद (Abtaha Maqsood) स्कॉटलैंड की रहने वाली है, उन्होंने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने अब तक 18 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और 12.82 की औसत से 23 विकेट हासिल किए हैं. इसके अलावा अबताहा ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में अपने देश के लिए ध्वजवाहक भी रह चुकी है।