Virat Kohli थे टेस्ट के बेस्ट कैप्टन, ये 5 कारण हैं इस बात के पक्के गवाह

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Mohit Kumar
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Virat Kohli

टेस्ट क्रिकेट दुनिया का सबसे पुराना और लंबा फॉर्मेट है। 140 साल के क्रिकेट के इतिहास में कई बेहतरीन कप्तान आए और गए। लेकिन कुछ कप्तान ऐसे रहे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट को ना सिर्फ खेला बल्कि टेस्ट क्रिकेट में जान डाल दी।

ऐसे ही कप्तान रहे हैं, पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली। ताबड़तोड़ क्रिकेट की धुंध में भारतीय टेस्ट क्रिकेट का वजूद धुंधला रहा था, लेकिन विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तानी का भार संभालते ही भारतीय टेस्ट क्रिकेट के मानो पर लग गए।

विराट कोहली (Virat Kohli) भारत के अब तक के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। 33 वर्षीय बल्लेबाज ने भारत की कप्तानी के 68 मैचों में से 40 टेस्ट जीत, 11 ड्रॉ और 17 हार का नेतृत्व किया है। कोहली की कप्तानी में ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी। पहले जहां भारत के लिए विदेश में टेस्ट मैच जीतना सपने के बराबर होता था। वहीं विराट की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम ने विदेशों में झंडे गाड़े।

घर पर सीरीज जीत का 100 प्रतिशत रिकॉर्ड

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कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने कभी भी खुद को टीम से ऊपर नहीं माना। वो टीम के खिलाड़ियों के साथ हमेशा ही मैदान में बातचीत करते नजर आते हैं। विराट की कप्तानी की खास बात रही कि भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी है।

भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में भारत में 11 टेस्ट सीरीज खेली और सभी सीरीज जीती हैं। विराट बल्लेबाजी और फील्डिंग में टीम के लिए उदाहरण सेट किया करते थे। उनकी लाजवाब फिटनेस के कारण ही आज भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को फिटनेस पे खास गौर करने की प्रेरणा मिली।

मैदान पर विराट (Virat Kohli) की एनर्जी के कारण 5 दिन वाले टेस्ट मैच में भी खिलाड़ियों का उत्साह और एनर्जी कम नजर नहीं आती है। मानो दिन के हर सेशन के बाद टीम को कोई टॉनिक मिल जाता हो। दरअसल वो टॉनिक खुद विराट कोहली थे। मैदान पर हमेशा खिलाड़ियों को हौसला अफजाही के साथ हर प्लान पर बारीकी से बात करना विराट की खास बातों में से एक थी।

दो बार Boxing Day टेस्ट मैच जीतने वाले एकलौते एशियाई कप्तान

Virat Kohli

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत के साथ, विराट बॉक्सिंग डे टेस्ट मैचों में अपनी टीम को दो जीत दिलाने वाले पहले एशियाई क्रिकेटर बन गए। इससे पहले, भारत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया, डाउन अंडर पर एक श्रृंखला जीती थी, जिसे दर्शकों ने 2-1 से जीता था।

विराट कोहली की बल्ले से महानता किसी से छुपी नहीं है। लेकिन कप्तान के तौर पर विराट हमेशा एक गेंदबाज की तरह सोचा करते थे। ऐसा उन्होंने अपने कई इंटरव्यू के दौरान भी कहा है। विराट की कप्तानी ने भारत को कई बेहतरीन गेंदबाज दिए हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण मौजूदा समय में टीम के गेंदबाजी क्रम को संभाल रहे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शामी।

बीते कुछ सालों मे जिस प्रकार भारत ने विदेशी सरजमीं पर जीत का परचम लहराया है, उसमें भारतीय गेंदबाजों का योगदान बेहद महत्वपूर्व है। लेकिन उस प्रदर्शन के पीछे की सोच और ऊर्जा विराट कोहली के नाम से आती है। विराट की कप्तानी में तेज गेंदबाजों ने 8.69 की औसत से हर टेस्ट मैच में विकेट लिए है, जजों की सभी भारतीय कप्तानों से सबसे ज्यादा है। विराट के बाद पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ है। जिनकी कप्तानी में तेज गेंदबाज 8.44 की औसत से विकेट लिया करते थे।

सेंचुरियन में जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान Virat Kohli

Virat Kohli On DRS Matter-Cape Town Test

विराट कोहली की मैच जीतने की भूख का कोई सानी नहीं है। विश्व क्रिकेट के कई दिग्गज इस बात को लेकर विराट की प्रशंसा करते हैं। इसी के चलते विराट दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में टेस्ट मैच जीतने वाले पहले कप्तान है। मैच के किसी भी मोड पर विराट कोहली जीत से नीचे कुछ नहीं सोच सकते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनकी टेस्ट में जीत प्रतिशत से लगाया जाता है। अक्सर मुश्किल मौके पर टेस्ट क्रिकेट में टीम मैच को ड्रॉ कराने के लिए खेलती है।

लेकिन विराट (Virat Kohli) ने टीम के DNA में जीत का कण इस प्रकार भर दिया कि कई बार उनकी गैर मौजूदगी में भी टीम ने मुश्किल पलों में से जीत हासिल की है। भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल में विराट कोहली के साथ काफी समय बिताया। बकौल विराट मैदान में उतरने के बाद जीत के ही लौटना चाहते है।

'SENA' देशों में सबसे ज्यादा जीतने वाले एशियाई कप्तान

Virat Kohli test Captaincy

विराट कोहली की बल्लेबाजी, कप्तानी और फील्डिंग में एक चीज जो सबसे कॉमन है वो हैं, विराट कोहली (Virat Kohli) का आक्रमक रवैया। इसीलिए विराट 'SENA' देशों में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले कप्तान हैं। कई बार विराट कोहली इस आक्रमक रवैया के चलते आलोचकों के निशाने पर भी आए है। लेकिन विराट ने अपना नेचुरल अग्रेशन कभी नहीं दबाया। विराट हमेशा से ही एक खिलड़ी के तौर पर भी आक्रमक रहे हैं। अपने शुरुआती करियर में विराट मैदान पर ही कई खिलड़ियों से भीड़ लेते हैं।

उनके इस आक्रमक व्यवहार के कारण टीम मे जोश और ज्यादा बढ़ता था। क्रिकेट के अलावा दूसरी टीमों के साथ होने वाली जुबानी जंग में भी विराट कोहली कभी पीछे नहीं हटे। विराट ऑस्ट्रेलिया की धरती पर ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाड़ियों को ही स्लेज करने से पीछे नहीं रहे।

ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत

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विराट (Virat Kohli) की कप्तानी का सबसे बड़ा और यादगार लम्हा ऑस्ट्रेलिया में भारत की जीत रहा है। इससे पहले भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज सिर्फ खेलने जाती थी। लेकिन विराट ने भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में जीत का फार्मूला दिया है। विराट की कप्तानी में भारत ने 71 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की सरजमीन पर टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया था।

इसके अलावा विदेशी सरजमीं पर विराट का बतौर टेस्ट कप्तान जीत का रिकॉर्ड 43.24 है। जो की विश्व क्रिकेट में छठवां सबसे बेहतरीन प्रतिशत है और बतौर भारतीय कप्तान सबसे ज्यादा है। विराट ने श्रीलंका, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जिताने के लिए टीम इंडिया का नेतृत्व किया।

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