महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद इन 5 बातों को हमेशा याद करेंगे क्रिकेट फैंस

Published - 16 Sep 2019, 07:53 AM

खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट फैंस के लिए उन खास खिलाड़ियों में से जिन्हें न केवल उनके क्रिकेट बल्कि व्यक्तित्व के कारण भी काफी अधिक पसंद किया जाता है।

2007 टी 20 विश्व कप, 2011 विश्व कप, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाला हमारा कप्तान विश्व कप 2019 के दौरान अपनी धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचनाओं के शिकार हुए साथ ही उनके संन्यास को लेकर भी काफी चर्चा हुई।

हालांकि मिस्टर कूल ने इन सभी बातों को दरकिनार कर क्रिकेट मैदान से कुछ महीनों की छुट्टी ले ली। लेकिन संन्यास को लेकर कुछ भी नहीं कहा। लेकिन कितना भी दिग्गज खिलाड़ी हो उसे संन्यास तो लेना ही पड़ता है सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, वीवीएस लक्ष्मण हर किसी को एक वक्त के बाद संन्यास लेना ही पड़ा तो हमारे फेवरेट कप्तान धोनी इससे अछूते कैसे रहेंगे।

लेकिन आपने कभी सोचा है कि जब धोनी संन्यास ले लेंगे तो आप सबसे ज्यादा क्या मिस करेंगे। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि एमएस धोनी के जाने के बाद हम किन 5 चीजों को सबसे अधिक मिस करने वाले हैं...

संन्यास के बाद आप धोनी की इन 5 बातों को करेंगे याद :

1- आखिरी बॉल पर छक्के लगते देखना

भारत की झोली में आईसीसी की तीन ट्रॉफीज दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का खेलने का अंदाज निराला है। कई लोग जब भी धोनी को याद करते हैं तो उनके जहन में सबसे पहले छक्के-चौकों की बारिश करने वाला धोनी ही याद आता है।

माही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर्स में से एक हैं उनका छक्का मारकर मैच जिताना हर किसी को याद आएगा। ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम में कोई दूसरा खिलाड़ी छक्के लगाने में माहिर नहीं है लेकिन धोनी अमूमन मैचों में छक्का लगाकर ही मैच जिताते रहे हैं।

आईसीसी विश्व कप 2011 में धोनी का लगाया हुआ वो छक्का शायद ही कोई भूल सके। जिसने भारत को 23 साल के लंबे इंतजार के बाद दूसरा आईसीसी विश्व कप जिताया था। वह तो शुरुआत थी और इसे धोनी ने अपनी आदत में शुमार कर लिया।

इसके बाद पूर्व कप्तान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उनके रहते क्रिकेट प्रशंसकों का भी खूब मनोरंजन होता क्योंकि वह बड़े-बड़े शॉट्स मारकर बड़े से बड़े लक्ष्य को पाने की क्षमता रखते।

2- धोनी की कप्तानी के गुण

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बेहतरीन कप्तानों में से एक हैं। यह कहना गलत नहीं होगा की कप्तान भले ही कोई भी बन जाए लेकिन धोनी जैसी कप्तानी शायद ही कोई दूसरा कर सके। मैच का दबाव कितना भी हो लेकिन मिस्टर कूल हमेशा शांत रहना और टीम को कठिन से कठिन परिस्थिति में से बाहर निकालना बखूबी आता है।

कई बार देखा गया है कि मैदान पर मौजूदा कप्तान विराट कोहली, धोनी से सलाह-मशवरा करते नजर आते हैं। विराट बेशक टेस्ट में नंबर-1 कप्तान बन चुके हैं उनका टेस्ट में जीत का औसत भी काफी अच्छा हो गया है। लेकिन धोनी की कप्तानी का कोई तोड़ नहीं।

टीम में मौजूद सबसे सीनियर प्लेयर धोनी अपनी टीम को एकजुट करके रखने और ड्रेसिंग रूम के माहौल को खुशनुमा रखना भी अच्छी तरह जानते हैं। वैसे तो धोनी की कप्तानी की कई बेहतरीन कप्तानी की कई झलकियां आपके सामने हैं।

लेकिन अगर आपको याद हो पाकिस्तान के खिलाफ 2007 टी 20 विश्व कप में मैच टाई होने के बाद माही ने अपने दिमाग का बखूबी इस्तेमाल करते हुए बॉल आउट के लिए गेंदबाजों के साथ-साथ बल्लेबाजों को मौका दिया था जिससे हम मैच जीत गए थे।

3- धोनी रिव्यू सिस्टम

धोनी

डीआरएस का फुल फॉर्म डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है लेकिन कई दिग्गज खिलाड़ियों इसे धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहते हैं। धोनी विकेट के आगे भी कमाल करते हैं और विकेट के पीछे से भी बॉल पर अपनी पैनी निगाहें गड़ाए रहते हैं।

मौजूदा कप्तान विराट कोहली भी माही से पूछ कर ही रिव्यू लेते हैं और यकीन मानिए हर बार धोनी का फैसला शत प्रतिशत सही होता है। ऐसा माना जाता है कि विकेटकीपर की नजर से पूरा मैदान साफ नजर आता है लेकिन धोनी ने तो मानो रिव्यू के लिए कोई डिग्री कोर्स किया हो।

कई मैच इस खिलाड़ी ने अपने रिव्यू से भी जिताए हैं। यकीन मानिए धोनी के संन्यास के बाद विराट कोहली उनकी मौजूदगी को वैसे तो याद करेंगे ही मगर जब भी रिव्यू की बात आएगी उनके दिमाग में अपने कप्तान का ख्याल जरूर आएगा।

4- मिडिल ऑर्डर हो जाएगा कमजोर

2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने जब से भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया तभी से उन्होंने टीम के मिडिल ऑर्डर को काफी मजबूती दी है। वैसे तो हमारा टॉप ऑर्डर इतना मजबूत है कि मिडिल ऑर्डर के कंधे पर भार आने ही नहीं देता।

लेकिन जब भी टॉप ऑर्डर फेल होता है तो मिडिल ऑर्डर ढेर होता नजर आता है। विश्व कप 2019 की भी बात करें, तो मिडिल ऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप हो गया था और धोनी-जडेजा ही थे जिनकी बदौलत टीम को जीत की आस थी। हालांकि हमें हार का सामना करना पड़ा।

युवराज सिंह के टीम से बाहर होने के बाद से ही चयनकर्ता नंबर-4 के बल्लेबाज की तलाश कर रहे हैं लेकिन आज तक उन्हें पक्का दावेदार नहीं मिल सका। ऐसे में धोनी का संन्यास लेना टीम के मिडिल ऑर्डर को और भी कमजोर कर देगा।

जी हां, माही के पास काबीलियत है कि वह बड़े-बड़े शॉट्स खेलकर और जरूरत पड़ने पर आराम से खेलकर टीम को आगे बढ़ाने की। इसलिए यदि धोनी संन्यास लेते हैं तो विराट सेना का मिडिल ऑर्डर दयनीय स्थिति में पहुंच जाएगा।

5- स्टंप माइक कमेंट्स

धोनी

अगर आप क्रिकेट से जुड़े हैं तो आप जानते ही होंगे की स्टंप पर माइक्स लगे होते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम जब भी फील्डिंग कर रही होती है तो स्टंप के पीछे विकेटकीपिंग कर रहे धोनी अपनी कमेंट्री के लिए काफी फेमस हैं।

वह विकेट के पीछे से गेंदबाजों की काफी मदद करते हैं। लगभग हर बॉल के बाद ही वह गेंदबाजों को किस तरह बॉल फेंकनी है या फील्डर्स को कहां खड़ा होना चाहिए यह सब बताते रहते हैं। और यकीन मानिए जब भी यह खिलाड़ी किसी गेंदबाज के पास जाकर उन्हें समझाता है उसके बाद गेंदबाज विकेट जरूर निकाल लेता है।

धोनी

धोनी क्रिकेट की काफी अच्छी समझ रखते हैं। स्टंप माइक में अक्सर उनकी मजाकियां टिप्पणी भी सुनने को मिलती रहती हैं जिससे मैदान पर टेंशन में भी अच्छा माहौल बना रहता है। आपको याद हो तो एक बार माही ने कोहली को यह कहते सुना था कि चीकू उधर गर्लफ्रेंड नहीं है इधर देखो।