इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) एक ऐसा मंच है जो घरेलू क्रिकेट से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के खेल को उभर कर सामने लाने का काम करता है। इस लीग में खिलाड़ी अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करते है। जिसके दम पर उन्हें इंटरनेशनल टीम में खेलने का मौका मिलता है। ऐसे ही कई खिलाड़ियों ने अपने जबरदस्त बल्लेबाजी और गेंदबाजी से विश्व भर में छाप छोड़ी है।
वहीं बहुत से ऐसे क्रिकेटर भी आए है जो बेहतर खेल के बाद भी एक दम से गुमनामी की जिंदगी जी रहे है। इसी बीच आज हम अपने इस लेख के जरिए उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जो अपनी काबिलयत के बाद भी आईपीएल से गायब हो गए है।
कामरान खान
IPL 2008 की शुरूआत में कई युवा सितारो को खेलने का मौका मिला था। 2008 के ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स की फ्रेन्चाइजी ने उन्हें टीम में शामिल किया था। वह भारत के भविष्य के सबसे बेहतरीन गेंदबाजो में से एक माने जा रहे थे। उनकी खोज सदी के सबसे महान स्पिनर गेंदबाज शेन वॉर्न ने की थी। वह आईपीएल के पहले ऐसे गेंदबाज बने थे। जिन्होंने सुपर ओवर की शुरूआत की थी। कामरान लगातार 140 की तेज रफ्तार से गेंदबाजी किया करते थे।
जिसके देख को माना जा रहा था कि वह भविष्य में टीम इंडिया से स्तार तेज गेंदबाज बन सकते है। लेकिन, अब यह खिलाड़ी एक दम से इंटरनेशनल क्रिकेट से गायब हो गए है। लेकिन, यह खिलाड़ी लोकल टूर्नामेंट खेलते हुए नजर आ रहा है और इसकी वीडियो भी वह खुद अपने इंस्टा अकाउंट से शेयर करते है। उन्होंने 9 मैचो की 9 पारियो में 8.40 के शानदार इकॉनोमी रेट से कुल 9 विकेट चटकाए है।
राहुल शर्मा
37 वर्षीय स्पिनर गेंदबाज राहुल शर्मा ने IPL के अपने पहले ही सीजन में पुणे वॉरियर्स की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था उन्होंने पुणे क तरफ से 14 मुकाबले खेले थे। जिसमें उन्होंने 16 विकेट चटकाए थे। इसी परफॉर्मेंस के बूते उन्हें टीम इंडिया में बुलावा मिला था। उनके पहले ही वनडे में विरेंद्र सहवाग ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ज़ड़ा था। हालांकि, उनका करियर रेव पार्टी, चोट और खराब फॉर्म की वजह से खत्म हो गया था। उन्होंने 28 अगस्त 2022 में एक नोट के जरिए क्रिकेट के सभी प्रारूप से सन्यास की घोषणा की थी।
स्वप्निल असनोदकर
IPL के पहले सस्करण में स्वप्निल असनोदकर ने राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए शानदार बल्लेबाजी की थी। वह गोवा के रहने वाले थे और सचनि तेदुलकर की तरह ही छोटी कद काठी के थे। राजस्थान को खिताब जीताने में उनका एक बहुत बड़ा हाथ रहा था। वह भारत का अगला सचिन भी माने जाने लगा था। उन्होंने 2008 के आईपीएल में ग्रेम स्मिथ की साथ पारी की शुरूआत की थी।
इस दौरान उनके बीच कमाल की साझेदारी भी हुई थी। उन्होंने 9 मुकाबलो में 133.47 के शानादर स्ट्राइक रेट से 381 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से 2 अर्धशतक भी निकले थे। लेकिन, इसके बाद आईपीएल के अगले 2 सीजन में केवल 120 रन ही बना पाए थे। इसके बाद किसी भी अन्य फ्रेन्चाइजी ने उन पर दिलचस्पी दिखाना ही बंद कर दिया था।
मनन वोहरा
मनन को 2013 में किंग्स इलेवन पंजाब ने अपने साथ शामिल किया था और 2017 तक अपने साथ हर सीजन में 4 करोड़ रूपए देकर शमिल रखा था। उनको 2018 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के साथ मैच में खेलने का मौका मिला, बैंगलोर ने मनन को अपने साथ शामिल करने के लिए 1.10 करोड़ खर्च करने पड़े। उनको इसके बाद आईपीएल की नीलामी में राजस्थान रॉयल ने अपने साथ महज 20 लाख रूपए में शामिल किया था और 2022 में भी मनन को फिर से राजस्थान रॉयल ने अपने साथ शामिल किया था।
लेकिन, उन्होंने हर साल अपने खराब प्रदर्शन से टीम को निराश ही किया है। हालांकि, उनका शुरूआती IPL करियर काफी शानदार गुजरा था। इसके बाद वह हर साल आईपीएल की एक नई फ्रेन्चाइजी के लिए खेल रहे है। उन्होंने 55 आईपीएल की 50 पारियों में 131.17 के स्टाइक रेट से 1073 रन बनाए है। वहीं उनके बल्ले से महज 3 ही फिफ्टी आई है।
पॉल वाल्थाटी
पॉल वाल्थाटी IPL के इतिहास के उन गुमनाम खिलाड़ियों में आते है जिनका करियर कुछ ही मैच खेलने के बाद खत्म हो गया था। उन्होंने चैन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 2011 में एक यादगार पारी खेली थी। जिसके बाद वह लाईम लाईट में आ गए थे। उन्होंने चैन्नई की तरफ से अकले लटते हुए महज 63 गेंदो में 120 रनो की बेहतरीन पारी खेली थी।
उनकी पारी के दम पर ही पंजाब को जीत मिली थी। उन्होंने इस पारी में 19 चौके और 2 छक्के जमाए थे। इसके बाद उन्होंने 47 गेंदो में 75 रनो की पारी खेली थी। और अपने ऑलरांउंडर प्रदर्शन से 4 विकेट भी हासिल किए थे। इसके बाद अपनी आंख की चोट की वजह से वह क्रिकेट से एक दम गुमनाम हो गए।