IPL 2021: 5 गलतियां जिसकी वजह से बायो बबल में शामिल खिलाड़ी हुए कोरोना संक्रमित

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पाकस
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आईपीएल (IPL) के 14वें संस्करण के आधे मैच खेले जा चुके थे. तभी चार खिलाड़ियों सहित दो सहायक कोचों और कुछ ग्राउंड्समैन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. जिसके बाद आईपीएल को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया. सोमवार को चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच एल बालाजी और केकेआर के वरुण चक्रवर्ती और संदीप वारियर और फिर मंगलवार को सनराइजर्स हैदराबाद के रिद्धिमान साहा और दिल्ली कैपिटल्स के अमित मिश्रा कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद आईपीएल को स्थगित कर दिया गया. अब सवाल उठता है कि जब सभी टीमें बायो बबल में थीं तब ये खिलाड़ी कोरोना की चपेट में कैसे आ गए.

आईपीएल (IPL) के स्थगित होने की पांच प्रमुख वजहें

1. ट्रैकिंग डिवाइस का ख़राब होना

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पिछले दो साल से कोरोना के खौफ के कारण आईपीएल (IPL) को बायो बबल प्रक्रिया में करवाया जा रहा है. जिसके साथ सभी खिलाड़ियों को एक जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस दी गई थी. जिससे यह पता चलता रहे कि कौन सा खिलाड़ी कहां है. साथ ही सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को यह पता चलता रहे कि किन जगहों पर जाना है और किन जगहों पर नहीं जाना है.

लेकिन, इस बार खिलाड़ियों जो डिवाइस दी गई थी वो ख़राब थी. यहां तक कि एक अधिकारी ने शिकायत भी की कि जब वो दूसरे शहर गए तब उनकी डिवाइस में सिर्फ पहले ही शहर की जानकारी मौजूद थी. ऐसे में कोई भी खिलाड़ी बायो बबल से निकल कर कहीं भी जा सकता था और किसी को पता भी नहीं चलेगा.

2. दूसरी कम्पनी की डिवाइस का किया गया उपयोग

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पिछली साल जब यूएई में आईपीएल (IPL) खेला गया तब सभी फ्रेंचाइजियों को जो ट्रेकिंग डिवाइस दी गई थी वो एक यूके की कम्पनी ने बनाई थी. उस वक्त किसी भी टीम या स्टाफ को उससे किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई थी, लेकिन, इस साल जब आईपीएल भारत में खेला जा रहा है, तब ऐसी ही जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस को चेन्नई की एक कम्पनी से खरीदा गया. जिससे ना सिर्फ खिलाड़ी बल्कि सपोर्टिंग स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. डिवाइस सही से काम नहीं कर रही थी और ऐसे में लोग बायो बबल से बाहर चले गए और उन्हें किसी भी तरह का संकेत नहीं मिला.

3. कोरोना ऑफिसर्स की लापरवाही

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पिछली साल जब आईपीएल (IPL) को यूएई में आयोजित करवाया था तब पहली बार बायो बबल का प्रयोग किया गया था. उस वक्त सभी टीमों के लिए एक-एक कोरोना अधिकारी भी नियुक्त किया गया था. जो समय-समय पर टीमों को कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवा सकें और उनका टेस्ट भी करवाते रहें.

इस साल इन ऑफिसर्स की संख्या बढ़ा कर 4 कर दी गई. जिससे बायो बबल के नियमों में किसी भी तरह की कोताही ना बरती जाए. बावजूद इसके 4 खिलाड़ी और एक कोच के साथ ही सपोर्टिंग स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव होने से इन पर सवालिया निशान लगना तय है.

4. होटल में बायो बबल सही से ना बनना

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खिलाड़ियों और कोच के संक्रमित होने की मुख्य वजह होटल में बायो बबल का सही से पालन ना करना भी हो सकता है. क्योंकि कई टीमों ने जल्दबाजी में होटल बुक किए. साथ ही टीमों के होटल आने से पहले किसी भी होटल के कर्मचारियों को क्वारनटीन नहीं किया गया. इसके उलट टीम के खिलाड़ियों के साथ ही होटल के कर्मचारियों को भी क्वारनटीन किया गया. ऐसे में खिलाड़ी और होटल कर्मचारियों के संपर्क में आने के चांसेज बढ़ जाते हैं.

5. ट्रैवेल पॉलिसी का नहीं रखा गया ख्याल

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कई टीमों को एक ही हफ्ते में दो-दो बार ट्रैवेल करना पड़ा. जब भी खिलाड़ियों को इधर से उधर जाना हुआ, उससे पहले बस और प्लेन के कर्मचारियों को 14 दिन के लिए क्वारनटीन नहीं किया गया. यही नहीं इस बीच टीमों ने भी लापरवाही बरती. हो सकता है कि इसी बीच वो कोरोना की चपेट में आ गए हों. कोलकाता नाईट राइडर्स को एक ही हफ्ते में दो बार यात्रा करनी पड़ी. टीम ने पहले 21 अप्रैल और 24 अप्रैल को मुंबई में मैच खेले, फिर इसके तुरंत बाद अहमदाबाद रवाना हो गई. जो कोरोना संक्रमित होने का बड़ा करण बन सकता है.

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