वो 5 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें टी-20 फॉर्मेट से अब ले लेना चाहिए संन्यास

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Jr. Staff
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टीम इंडिया-इंग्लैंड

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज खेली जा रही है, जिसके पहले मैच में ही भारतीय टीम को करारी हार का सामना पड़ा था। उस मैच में भारतीय टीम के सेलेक्शन और प्रदर्शन को लेकर काफी आलोचना हुई इसकी खास वजह रही रोहित शर्मा की जगह प्लेइंग इलेवन में शिखर धवन को खिलाना, जो  टीम के लिए भारी पड़ गया।

जब से भारत को सीरीज के पहले मैच में खराब प्रदर्शन की वजह से हार सामना करना पड़ा रहा था, तब से क्रिकेट विश्लेषक तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। इस मैच में सबसे निराश करने वाला प्रदर्शन अगर किसी खिलाड़ी का रहा है तो रोहित की जगह खेलें शिखर धवन का ही रहा, उनके इसी प्रदर्शन की वजह से अब लोग उन्हें टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने की सलाह दे रहे हैं।

वो खिलाड़ी जिन्हें अब ले लेना चाहिए टी-20 क्रिकेट से संन्यास

हम इस आर्टिकल में आपको उन पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्हें अब टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए।

शिखर धवन

शिखर धवन

जब भारतीय टीम के ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, उस वक्त बहुत सारे क्रिकेट पंडितो ने उनको लम्बी रेस घोड़ा बताया था। इसकी वजह थी उनका बल्लेबाजी करने का अलग अंदाज और लगातार तेज गति से बनाने की कला। हालांकि उन्होंने अपनी इस तारीफ के मुताबिक वनडे और टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन करके भी दिखाया, हालांकि शुरुआत में धवन ने टी-20 में भी गेंदबाजो की खूब कुटाई की और सुर्खिया बटोरी।

लेकिन अगर हम धवन के ओवर ऑल प्रदर्शन की बात करें तो, टी-20 क्रिकेट में उनका प्रदर्शन इतना लाजवाब नहीं लगता है। धवन ने अब तक 64 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 27.88 की मामूली औसत और 127.42 की ठीक-ठाक स्ट्राइक रेट के साथ मात्र 1673 रन बनाएं है, उनका यह प्रदर्शन बतौर ओपनिंग बल्लेबाज के हिसाब ठीक नहीं लगता है।

यही वजह है कि अब बहुत सारे लोग उन्हें अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने की सलाह दे रहे हैं, उनकी जगह या तो रोहित शर्मा या फिर किसी युवा बल्लेबाज को खिलाने की हिदायत दे रहे हैं।

उमेश यादव

उमेश यादव

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज 33 साल के उमेश यादव अपनी शानदार लाइन और गति के लिए जाने जाते हैं, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू किया था उस वक्त उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको अपना फैन्स बना लिया था।

साल 2010 में उन्होंने जब जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था, तो उन्होंने लगातार 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर की गेंदबाजी करके अपनी काबिलियत दिखा दी थी। उन्होंने अब तक 75 वनडे मैच खेले हैं जिसमें 6.01 की ठीक-ठाक इकोनॉमी और 33.63 खराब औसत के दम पर 106 विकेट हासिल किये हैं।

उमेश यादव ने साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टी-20 मैच खेला था, जिसके बाद से वो अब तक 7 ही अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले खेल पाए हैं, इसमें उन्होंने 8.76 की खराब इकोनॉमी और 24.33 की मामूली औसत के दम पर 9 विकेट लिए हैं।

अपने इसी प्रदर्शन की वजह से वो अधिकतर टी-20 टीम से बाहर ही रहते हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें अब अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह देना चाहिए।

रविचंद्रन अश्विन

रविचंद्रन अश्विन

34 साल के रविचंद्रन अश्विन ने साल 2009 में आईपीएल के मध्यम से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी, उसकी वक्त अश्विन की स्मार्ट गेंदबाजी और उम्दा तकनीक ने सबसे उनका कायल बना दिया था।

अश्विन आज भी टीम  इंडिया के प्रमुख स्पिन गेंदबाज हैं, क्योंकि जब वो टेस्ट या वनडे मैच खेलते हैं तो बहुत सारे खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता देखना पड़ता है। हालांकि विकेट चटकाने में माहिर अश्विन का अब हाल फिलहाल में अंतरराष्ट्रीय टी-20 में वो जलवा नहीं रहा है, उन्होंने अब तक 46 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले खेले है, जिसमें 6.98 की शानदार इकोनॉमी और 22.94 की औसत के दम पर 52 चटकाएं हैं।

लेकिन खास बात यह है कि उन्हें लगभग 4 सालों से भारत की टी-20 टीम में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी वजह से बहुत सारे क्रिकेट पंडितों का कहना है उन्हें अंतररष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह देना चाहिए।

हरभजन सिंह

हरभजन सिंह

हमेशा ही अपने अलग अंदाज और प्रदर्शन के दम पर सुर्खियों में रहने वाले 40 साल के हरभजन सिंह ने भारतीय टीम के लिए बहुत अहम योगदान दिया है।  हरभजन सिंह हमेशा अपने प्रदर्शन के दम सुर्खियों में रहते थे, एक समय उन्होंने अपने वरिष्ठ साथी अनिल कुंबले के साथ मिलकर भारतीय टीम के लिए एक घातक स्पिन जोड़ी बनाई थी, इतना ही उन्होंने कई बार अपने अनुभवी साथी को पछाड़ भी दिया था।

अगर हम क्रिकेट में उनके योगदान बात करें तो उन्होंने 103 टेस्ट और 236 वनडे मैच खेले हैं, साथ ही उन्होंने 28 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच भी खेले हैं। अगर हम टेस्ट और वनडे में उनके प्रदर्शन को देखेंगे तो उनका प्रदर्शन लाजवाब दिखाई देगा। लेकिन टी-20 में उनका प्रदर्शन उतना दमदार नहीं रहा है, 28 टी-20 मैचों में उन्होंने 6.21 इकोनॉमी और 25.32 की औसत के साथ कुल 25 विकेट ही हासिल किए हैं।

हालांकि हरभजन 2016 से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं, इसलिए बहुत सारे क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि कम-से-कम उन्होंने टी-20 फॉर्मेट से तो संन्यास ले ही लेना चाहिए।

अंबाती रायडू

अंबाती रायडू

अम्बाती रायडु ने जब घरेलू क्रिकेट में अपना पदार्पण किया था, तो उन्हें देखकर बड़े-बड़े क्रिकेट पंडितों ने भविष्यवाणी की थी कि वो भारतीय टीम के अगली पीढ़ी के सितारे होंगे। रायडु ने अपनी काबिलियत के दम पर प्रदर्शन करके भी दिखाया।

हालांकि रायडु ने वनडे में अपनी तारीफ के मुताबिक प्रदर्शन किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टी-20 में उनकी शुरुआत बेहद ही खराब साबित हुई उन्हेंने अपने पूरे करियर में कुल 6 टी-20 मुकाबले ही खेले है, जिसमें 84.0 की बेहद खराब स्ट्राइक रेट और 10.5 की बेहद खराब औसत के साथ मात्र 42 रन ही बनाएं हैं।

रायडु अपने इसी खराब प्रदर्शन की वजह से काफी लम्बे समय से टीम के सभी फॉर्मेट से बाहर चल रहे हैं, और यही वजह से की क्रिकेट पंडित उन्हें क्रिकेट से अलविदा कहने के सलाह दे चुके हैं। हालांकि रायडु एक बार क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से अलविदा कहा हैं, लेकिन बाद उन्होंने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था।

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