भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला का दूसरा मैच ऐतिहासिक लॉर्ड्स (Lords) के मैदान पर खेला जा रहा था। ऐसा मैदान जिसपर बेहतरीन प्रदर्शन करना हर खिलाड़ी का अपना होता है। ऐसे में आपको बता दें कि हाल में इस मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है।
जिसमें भारत की पहली पारी में शानदार सैकड़ा जड़ा। इसी के साथ वो कुल दसवें भारतीय खिलाड़ी बन गए, जिसने Lords के मैदान पर शतक लगाया हो। लेकिन, आज हम इस आर्टिकल में उन दिग्गज खिलाड़ियों की बात करेंगे, जो लॉर्ड्स के मैदान पर शतक लगाने से चूक गए।
ये पांच दिग्गज बल्लेबाज चूके शतक लगाने से
1. माइकल एथर्टन (Michael Atherton)
इंग्लैंड के पूर्व शीर्ष क्रम के बल्लेबाज माइकल एथर्टन ने अपने करियर में कुल 115 टेस्ट और 54 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे। जिनमें उनके नाम क्रमशः 7728 और 1791 रन दर्ज हैं। छह फुट लंबे इस खिलाड़ी ने प्रथम श्रेणी मैचों में अपनी प्रतिभा का सही प्रदर्शन किया था। आपको बताना चाहेंगे कि माइकल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 18 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए थे।
हालांकि फिर भी यह बेहतरीन बल्लेबाज Lords के मैदान पर शतक लगाने से चूक गया। यह मैच 17-21 जून 1993 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। जिसमें एथर्टन ने पहली पारी में 80 और दूसरी पारी में 99 रन बनाए थे। लेकिन, उनकी टीम जीत नहीं दर्ज कर सकी।
2. ब्रायन लारा (Brian Lara)
ब्रायन लारा का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक ही बात आती है और वह है टेस्ट क्रिकेट में नाबाद 400 रन। टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति को कोई कैसे भूल सकता है। लारा ने 34 टेस्ट शतक बनाए।
बावजूद इसके बाएं हाथ का यह खिलाड़ी अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान क्रिकेट के ऐतिहासिक मैदान पर कभी भी तिहरे अंक तक नहीं पहुंच सका। Lords में ब्रायन लारा का स्कोर 6, 54, 6, 5, 11, 44 ही रहा। जबकि अपने करियर में लारा ने कुल 53 बार यह जादुई आंकड़ा छुआ है।
3. जैक्स कैलिस (Jacques Kallis)
कैलिस ने अपने समय के बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में जाने जते हैं, सच तो यह है कि वह क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक हैं। इस पूर्व दक्षिण अफ़्रीकी ऑलराउंडर ने टेस्ट में कुल 45 शतक जड़े हैं। जैक्स कैलिस को एक आदर्श खिलाड़ी माना जाता है।
यही मुख्य कारण था कि दक्षिण अफ्रीका ने काफी लंबे समय तक आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर कब्जा बनाए रखा था। हालांकि फिर भी कैलिस Lords ऑनर्स बोर्ड में अपना नाम दर्ज नहीं करवा सके। लॉर्ड्स के मैदान पर उनका उच्चतम स्कोर 54 का रहा।
2. रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting)
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों और कप्तानों में गिना जाता है। लंबे समय तक पोंटिंग प्रत्येक प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। 1999, 2003 और 2007 क्रिकेट विश्व कप टीम का हिस्सा पोंटिंग 2000 के दशक में विश्व क्रिकेट पर हावी होने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे।
हर एक रिकार्डों को तोड़ने का मदद रखने वाले इस दिग्गज बल्लेबाज के खाते में एक रिकॉर्ड जुड़ने से बच गया। पंटर भी Lords में अपने 8 मैचों में शतक नहीं बना सके। यहां उनका उच्चतम स्कोर 42 का रहा। साथ ही उनका औसत सिर्फ 16.87 ही रहा।
1. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)
क्रिकेट के भगवान के नाम से विख्यात सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान लगभग सब कुछ हासिल किया, उन्होंने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए, 34 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए, सभी टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक, 2011 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप भी उनके खाते में दर्ज हैं। लेकिन, क्रिकेट के मक्का (Lords) को कभी भी इस भगवान का आशीर्वाद नहीं मिल सका।
तेंदुलकर ने अपने करियर में कुल 51 टेस्ट शतक बनाए, लेकिन उनका एक भी शतक लॉर्ड्स के मैदान पर नहीं आया। 1989 में अपने पदार्पण के बाद से, सचिन ने अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान 9 बार इस मैदान में बल्लेबाजी की, लेकिन एक भी बार तिहरे अंक तक नहीं पहुंचे। इस मैदान पर सचिन का उच्चतम स्कोर 37 का है।