वैसे तो हर क्रिकेटर (Cricketers) का सपना होता है कि वो देश के लिए खेलकर बेहतरीन प्रदर्शन कर सके। कुछ तो इनमें बहुत ही बेहतर तरीके से कामयाब हो जाते हैं वहीं कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हैं जो अपने करियर की शुरुआत में एक-दो टेस्ट में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं और फिर कभी प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाते हैं।
ऐसे खिलाड़ी भी प्रतिभाशाली होते हैं और अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा लेते हैं। इसी क्रम में आज हम इस लेख में उन खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने क्रिकेट इतिहास में सिर्फ एक टेस्ट में कारनामा करने में कामयाब हुए और फिर गायब हो गए।
ये पांच Cricketer सिर्फ एक ही टेस्ट मैच में जलवा दिखा सके
1. एंडी गेंटेयूम (Andy Ganteaume, वेस्टइंडीज)
एंडी गेंटेयूम को कई लोग अपने अंतिम टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जानते हैं। वैसे उन्होंने करियर में सिर्फ एक ही Cricket मैच खेला, उसमें शतक बनाया और वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व करने के लिए फिर कभी नहीं लौटे। इंग्लैंड के खिलाफ अपने पदार्पण मैच में उन्होंने शानदार शतक बनाया, वैसे उनकी स्कोरिंग दर बहुत कम थी।
इसलिए उनकी काफी आलोचना भी हुई। यह मैच 11-16 फरवरी, 1948 तक खेला गया था। उस समय वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी क्रम में गैरी सोबर्स और रोहन कन्हाई जैसे दिग्गज थे। इसलिए, एंडी को अपने देश के लिए फिर से बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला।
2. करुण नायर (Karun Nair, भारत)
अंतरराष्ट्रीय Cricket में अपने पहले ही शतक को तिहरे शतक में बदलने वाले कुल तीसरे खिलाड़ी करुण नायर ने उस ऐतिहासिक पारी के बाद भारत के लिए सिर्फ तीन और टेस्ट मैच खेले। चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ करुण ने वीरेंद्र सहवाग के बाद भारत के लिए दूसरा तिहरा शतक बनाया। हालांकि, अगले तीन मुकाबलों में वह कुल 54 रन ही बना सके। कुछ महीने बाद जब भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया तो करुण टीम का हिस्सा थे। हालांकि, प्रतिस्थापन के रूप में आए हनुमा विहारी को टीम में वरीयता दी गई थी।
3. स्टीव ओ कीफ (Steve O’Keefe, ऑस्ट्रेलिया)
स्टीव ओ कीफ उन स्पिनरों में से एक थे जिन्हें ऑस्ट्रेलिया ने वार्न के बाद के युग में आजमाया था। नाथन लियोन को छोड़कर बहुत कम खिलाड़ियों को सफलता मिली। हालांकि कई लोगों को लगा कि वह लंबे समय तक टीम में बने रहेंगे।
बाएं हाथ के इस स्पिनर को 2017 में भारत के खिलाफ सीरीज में लियोन के साथी के रूप में चुना गया था। पुणे टेस्ट में स्टीव ने प्रत्येक पारी में छह विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 333 रन से मात दे दी। हालांकि 2017 के बाद से उनका कोई पता नहीं चला है और उन्होंने 2020 में Cricket से संन्यास की घोषणा की।
4. बॉब मैसी (Bob Massie, ऑस्ट्रेलिया)
बॉब मैसी उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो Cricket इतिहास में सिर्फ एक टेस्ट में ही चमक सके। अपने पदार्पण मैच में इस ने सोलह विकेट लिए, जिसमें प्रत्येक पारी में आठ विकेट उनके खाते में आए थे। कुछ साल बाद जब तक नरेंद्र हिरवानी ने इसे तोड़ नहीं दिया, यह टेस्ट में डेब्यू करने वाले किसी खिलाड़ी का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। हालांकि इस खिलाड़ी ने केवल पांच और मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। इन पांच मुकाबलों में उन्हें सिर्फ 15 विकेट मिले। बाद में घरेलू क्रिकेट में भी वो नाकाम ही रहे। अंततः उन्होंने कमेंट्री को अपने पेशे के रूप में अपना लिया।
5. जयंत यादव (Jayant Yadav, भारत)
घरेलू Cricket में प्रभावित करने के बाद जयंत यादव को भारत के लिए खेलने का मौका मिला। यह मौका तब आया जब इंग्लैंड की टीम भारत का दौरा कर रही थी। अपने तीसरे गेम में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जयंत ने शतक लगाया। वह नंबर 9 पर बल्लेबाजी करते हुए भारत के लिए शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने।
हालांकि उस मैच के बाद जयंत ने भारत के लिए एक और टेस्ट मैच खेला। इसके बाद उन्हें फिर से टीम में वापसी का मौका नहीं मिला। इसका बहुत कुछ टीम में रविचंद्रन अश्विन का दबदबा बनने की वजह से भी जुड़ा है। जब हाल ही में वाशिंगटन सुंदर को बाहर किया गया था, तब जयंत का नाम उनकी जगह लेने की दौड़ में था। लेकिन, अब तो ऐसा होना बहुत ही कम है।